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लोस चुनाव: गोवा में 75.2 प्रतिशत मतदान, ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी संख्या में वोट डालने निकले मतदाता

लोस चुनाव: गोवा में 75.2 प्रतिशत मतदान, ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी संख्या में वोट डालने निकले मतदाता

भीषण गर्मी के प्रकोप के बीच मध्यप्रदेश में तीसरे चरण में 66.05 प्रतिशत मतदान

ईवीएम में छेड़छाड़ के लिए 2.5 करोड़ रुपये मांगने के आरोप में सेना का जवान गिरफ्तार

पणजी
गोवा की दो लोकसभा सीट पर हुए मतदान में शहरी क्षेत्रों के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक संख्या में लोगों ने मताधिकार का प्रयोग किया। निर्वाचन आयोग के आंकड़ों में यह बात सामने आई।

गोवा में  हुए मतदान में 75.20 प्रतिशत लोगों ने वोट डाला।

भारत निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार उत्तर गोवा लोकसभा सीट पर मतदान प्रतिशत 76.34 प्रतिशत रहा, वहीं दक्षिण गोवा संसदीय क्षेत्र में 73.90 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।

उत्तर गोवा लोकसभा के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित पोरीम, संखालिम और वालपोई विधानसभाओं में सबसे अधिक मतदान हुआ।

आयोग के आंकड़ों के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक देविया राणे के प्रतिनिधित्व वाले पोरीम विधानसभा क्षेत्र में 87.11 प्रतिशत मतदान हुआ, इसके बाद मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के प्रतिनिधित्व वाले संखालिम विधानसभा क्षेत्र में 86.5 प्रतिशत मतदान हुआ।

गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे के प्रतिनिधित्व वाले वालपोई विधानसभा क्षेत्र में 82.97 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।

 

भीषण गर्मी के प्रकोप के बीच मध्यप्रदेश में तीसरे चरण में 66.05 प्रतिशत मतदान

भोपाल
 लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के तहत मध्यप्रदेश में भीषण गर्मी के बीच भी बड़ी संख्या में मतदाता अपने घरों से निकले और नौ संसदीय क्षेत्रों में एक करोड़ 77 लाख से अधिक मतदाताओं में से औसतन 66.05 प्रतिशत लोगों ने नौ महिलाओं समेत कुल 127 प्रत्याशियों की किस्मत इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में कैद कर दी।
तीसरे चरण में मुख्य रूप से गुना से केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (भाजपा), विदिशा से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (भाजपा) और राजगढ़ से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (कांग्रेस) की प्रतिष्ठा दांव पर है। इन तीनों क्षेत्रों में इन दिग्गजों ने मतदान के लिए ऐड़ी-चोटी का जोर लगा दिया था। संभवत: इसी का असर है कि इन तीनों क्षेत्रों में कल 70 फीसदी से अधिक मतदान हुआ है।

निर्वाचन आयोग की ओर से देर रात मुहैया करायी गयी जानकारी के अनुसार मतदान सुबह सात बजे से शाम छह बजे के बीच हुआ और इस अवधि में 66.05 फीसदी वोट पड़े। गुना में 71.95 प्रतिशत, ग्वालियर में 61.68, बैतूल में 72.65, भिंड में 54.87, भोपाल में 62.29, मुरैना में 58.22, राजगढ़ में 75.39, विदिशा में 74.05 और सागर में 65.19 प्रतिशत वोट डाले गए।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के अनुसार कुल मतदाताओं की संख्या एक करोड़ 77 लाख 52 हजार 583 है, जिनमें 92 लाख 68 हजार 987 पुरुष और 84 लाख 83 हजार 105 महिलाएं शामिल हैं। इसके अलावा 491 मतदाता अन्य श्रेणी के हैं। मतदान के लिए कुल 20 हजार 456 मतदान केंद्र बनाए गए थे। कुल पांच हजार 744 मतदान केंद्र क्रिटिकल मतदान केंद्र के तौर पर चिह्नित किए गए थे।

इस चरण में सभी की निगाहें मुख्य रूप से गुना, विदिशा और राजगढ़ संसदीय क्षेत्र में लगी हुयी हैं, जहां से क्रमश: केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (भाजपा), पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (भाजपा) और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (कांग्रेस) चुनाव मैदान में हैं। सिंधिया का गुना में मुख्य मुकाबला कांग्रेस के राव यादवेंद्र सिंह से है, जबकि भाजपा के मजबूत गढ़ विदिशा में कांग्रेस ने चौहान के सामने प्रतापभानु शर्मा और राजगढ़ से सिंह के सामने भाजपा ने मौजूदा सांसद रोडमल नागर पर दाव खेला है।

नौ संसदीय क्षेत्रों में कुल 127 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें सर्वाधिक भोपाल संसदीय क्षेत्र से 22 और सबसे कम भिंड क्षेत्र से सात प्रत्याशी शामिल हैं। मध्यप्रदेश में कुल चार चरणों में चुनाव कराया जा रहा है।  तीसरे चरण के बाद शेष आठ संसदीय क्षेत्रों में मतदान 13 मई को चौथे चरण में होगा। शुरूआती दो चरणों के तहत 12 संसदीय क्षेत्रों में मतदान हो चुका है। राज्य की कुल 29 सीटों में वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में एक छिंदवाड़ा को छोड़कर शेष 28 पर भाजपा ने कब्जा जमाया था। इस बार भाजपा की रणनीति छिंदवाड़ा में भी कमल खिलाने की तरह है, लेकिन यह प्रयास कितने सफल हुए, यह चार जून को मतगणना संपन्न होने के साथ पता चल सकेगा।

मतदान का प्रतिशत पहले और दूसरे चरण में पिछले आम चुनाव की तुलना में कम रहा है। इसी तरह का रुझान तीसरे चरण में भी दिखायी दे रहा है। हालाकि अभी मतदान प्रतिशत में कुछ और बढ़ोत्तरी की संभावना से इंकार नहीं किया गया है।

 

 

ईवीएम में छेड़छाड़ के लिए 2.5 करोड़ रुपये मांगने के आरोप में सेना का जवान गिरफ्तार

छत्रपति संभाजीनग
 महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर शहर में पुलिस ने ईवीएम में छेड़छाड़ करने के लिए शिवसेना (यूबीटी) नेता अंबादास दानवे से 2.5 करोड़ रुपये मांगने के आरोप में सेना के एक जवान को गिरफ्तार किया है।

एक अधिकारी ने बताया कि राज्य विधान परिषद में विपक्ष के नेता दानवे ने पुलिस में लिखित शिकायत दर्ज करायी थी कि आरोपी मारुती धाकने (42) ने एक चिप के जरिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में छेड़छाड़ करने का दावा करके उनसे कथित तौर पर पैसे मांगे। आरोपी ने दावा किया कि इस चिप से किसी खास उम्मीदवार को अधिक वोट पाने में मदद मिल सकती है।पुलिस ने बताया कि आरोपी ने अपना कर्ज चुकाने के लिए यह दावा किया। वह ईवीएम के बारे में कुछ नहीं जानता है।

पुलिस के अनुसार मंगलवार शाम करीब चार बजे आरोपी ने यहां एक बस स्टैंड के समीप एक होटल में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता अंबादास के छोटे भाई राजेंद्र दानवे से मुलाकात की।अधिकारी ने बताया कि बातचीत के बाद 1.5 करोड़ रुपये में सौदा तय हुआ।अंबादास दानवे द्वारा उपलब्ध कराई गई सूचना के आधार पर सादे कपड़ों में पुलिस के एक दल को भेजा गया और आरोपी को राजेंद्र दानवे से एक लाख रुपये लेते वक्त रंगे हाथ पकड़ लिया गया।

पुलिस आयुक्त मनोज लोहिया ने पत्रकारों को बताया, ‘‘आरोपी पर काफी कर्ज है। उसने अपना कर्ज उतारने के लिए यह चाल चली। वह मशीन (ईवीएम) के बारे में कुछ नहीं जानता। हमने उसे गिरफ्तार कर लिया है और यहां क्रांति चौक पुलिस थाने में एक मामला दर्ज किया गया है।’’

एक अन्य अधिकारी ने बताया कि आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 511 (अपराध करने की कोशिश) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

पुलिस के अनुसार, आरोपी महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में पाथर्डी का रहने वाला है और वह जम्मू कश्मीर के उधमपुर में तैनात था।

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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