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उत्तराखंड : जंगलों की अनियंत्रित वनाग्नि को ऑपरेशन ‘अग्निपथ’, एमआई-17 हेलीकॉप्टर लगाए गए

देहरादून

उत्तराखंड के जंगल इन दिनों भीषण आग से धधक रहे हैं। स्थिति यह है कि आग बुझाने के लिए वायुसेना का सहारा लिया जा रहा है। ऐसे में अब ऑपरेशन 'अग्निपथ' वनाग्नि को नियंत्रित करेगा। पौड़ी के आसपास जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए भारतीय वायुसेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टरों ने उड़ान भरना शुरू कर दिया है। वायुसेना ने उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण श्रीनगर से पौड़ी के जंगलों में लगी आग बुझाने की जिम्मेदारी ले ली है।

दरअसल, भारतीय वायुसेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टरों को मंगलवार को ही उड़ान भरना था, लेकिन चारों तरफ फैला धुआं वायुसेना के लिए मुसीबत बन रहा था। हालांकि बुधवार से एमआई-17 हेलीकॉप्टर उड़ान भर चुके हैं। वायु सेना के सामने धुआं और बड़े-बड़े बिजली के टावरों में झूलते हुए तार समस्या बनकर उभर रहे हैं। एमआई-17 से लटकी बेबी बास्केट को वायु सेना को संभालकर उड़ाना पड़ रहा है। ये बेबी बास्केट हेलीकॉप्टर से 20 मीटर लंबी तारों से लटकी हुई है, लेकिन उम्मीद है कि यह अनियंत्रित वनाग्नि की घटनाओं को रोकने में सफल होगा।

वनाग्नि की 13 नई घटनाएं आईं सामने, आंकड़ा 990 के पार-

उत्तराखंड के पौड़ी जिले के जंगल आग से सुलग रहे हैं। आग पर काबू पाने में वन विभाग के पसीने छूट रहे हैं। ऐसे में आग बुझाने के लिए वायु सेना की मदद ली जा रही है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र देहरादून उत्तराखंड की ओर से बुधवार को सुबह जारी रिपोर्ट के अनुसार चमोली में तीन, नैनीताल एक, टिहरी गढ़वाल दो, पौड़ी गढ़वाल छह तो अल्मोड़ा में एक वनाग्नि की नई घटना सामने आई है। वनाग्नि एवं आपदा प्रबंधन उत्तराखंड के अपर मुख्य वन संरक्षक निशांत वर्मा की ओर से सात मई को जारी रिपोर्ट के अनुसार एक नंबर 2023 से सात मई 2024 तक कुल 998 आग की घटनाएं हुई हैं। आगजनी में 1316.118 हेक्टेयर वन प्रभावित हुए हैं। वनाग्नि से अब तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है और चार लोग घायल हुए हैं।

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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