जम्मू-कश्मीर में मतदान प्रतिशत से अनुच्छेद 370 हटाने के परिणाम दिख रहे हैं: शाह
जम्मू-कश्मीर में मतदान प्रतिशत से अनुच्छेद 370 हटाने के परिणाम दिख रहे हैं: शाह
ओडिशा चुनाव: कोटिया में हुआ 76.53 प्रतिशत मतदान
पुंछ आतंकी हमले पर चन्नी की टिप्पणी आचार संहिता का उल्लंघन: पंजाब के मुख्य निर्वाचन अधिकारी
नई दिल्ली
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में मतदान प्रतिशत से अनुच्छेद 370 निरस्त करने के नरेन्द्र मोदी सरकार के फैसले के परिणाम सामने आ रहे हैं।
लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में श्रीनगर लोकसभा सीट पर करीब 38 प्रतिशत मतदान होने के एक दिन बाद गृह मंत्री ने यह टिप्पणी की है।
श्रीनगर में 2019 के लोकसभा चुनाव में 14.43 प्रतिशत, 2014 में 25.86 प्रतिशत, 2009 में 25.55 प्रतिशत और 2004 में 18.57 प्रतिशत मतदान हुआ था।
शाह ने ‘एक्स’ पर लिखा, “मतदान प्रतिशत के जरिए भी अनुच्छेद 370 निरस्त करने के मोदी सरकार के फैसले के परिणाम सामने आ रहे हैं। इससे जम्मू-कश्मीर के लोगों का लोकतंत्र में विश्वास बढ़ा है और इसकी जड़ें गहरी हुई हैं।”
शाह ने कहा कि मतदान प्रतिशत में वृद्धि के माध्यम से, जम्मू-कश्मीर के लोगों ने उन लोगों को करारा जवाब दिया है जिन्होंने अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने का विरोध किया था और अब तक इसकी बहाली की वकालत कर रहे हैं।
मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को 2019 में निरस्त कर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था।
ओडिशा चुनाव: कोटिया में हुआ 76.53 प्रतिशत मतदान
कोरापुट
ओडिशा के विवादित कोटिया पंचायत क्षेत्र में राज्य में एक साथ हुए विधानसभा और लोकसभा चुनावों में 76.53 प्रतिशत मतदान हुआ।यह विवादित क्षेत्र है क्योंकि ओडिशा और आंध्र प्रदेश दोनों राज्य इस पर अपना दावा करते हैं।
यहां इस बार का मतदान प्रतिशत 2019 के चुनावों की तुलना में अधिक है। वर्ष 2019 में 74.77 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था।
अधिकारियों ने कहा कि इस चुनाव में कोटिया में 5,502 पंजीकृत मतदाताओं में से 4,217 ने नौ मतदान केद्रों में मतदान किया। 2,913 महिला मतदाताओं में से कुल 2,172 ने अपने मताधिकार का उपयोग किया।
राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) निकुंज बिहारी ढल ने कहा, ‘कोटिया के लोगों ने चुनावों में बहुत उत्साह से भाग लिया और बिना किसी दबाव एवं डर के अपने मताधिकार का उपयोग किया।’
कोरापुट लोकसभा सीट के पोट्टांगी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले कोटिया ग्राम पंचायत के 28 गांवों में से 21 गांव ओडिशा और आंध्र प्रदेश के बीच विवाद का कारण रहे हैं।
कोरापुट जिला निर्वाचन अधिकारी एवं जिलाधीश कीर्ति वासन वी ने कहा कि मतदान के लिए व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की गई थी और मतदान प्रक्रिया के दौरान किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली।
तालाकांति मतदान केंद्र पर सबसे अधिक 89.51 प्रतिशत मतदान हुआ। इसके बाद गुमेल पाडर में 89.47 प्रतिशत मतदान हुआ।
इन गांवों के स्वामित्व को लेकर 1968 से विवाद है। यह मामला उस दौरान पहली बार उच्चतम न्यायालय में भी गया था। शीर्ष अदालत ने इस मामले पर 2006 में व्यवस्था दी कि अंतर-राज्यीय सीमाएं उसके अधिकार क्षेत्र से बाहर हैं और इस मामले को संसद द्वारा हल करने दिया जाए।
पुंछ आतंकी हमले पर चन्नी की टिप्पणी आचार संहिता का उल्लंघन: पंजाब के मुख्य निर्वाचन अधिकारी
चंडीगढ़
पंजाब के मुख्य निर्वाचन अधिकारी सिबिन सी ने कहा कि कांग्रेस नेता चरणजीत सिंह चन्नी की पुंछ आतंकी हमले को एक ‘‘चुनावी स्टंट’’ बताने संबंधी टिप्पणी आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है।
इस हमले में वायु सेना का एक जवान शहीद हो गया था।
पंजाब के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) ने इस मामले पर आगे की कार्रवाई के लिए भारत के निर्वाचन आयोग को पत्र लिखा है।
पंजाब के सीईओ सिबिन सी ने ‘बताया, ‘‘जालंधर के जिला निर्वाचन अधिकारी की एक रिपोर्ट के अनुसार यह (चन्नी की टिप्पणी) आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) का उल्लंघन है।’’
जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में चार मई को भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के काफिले पर आतंकवादियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में एक सैनिक शहीद हो गया था और चार घायल हो गए थे।
भारतीय वायुसेना के काफिले पर हमले को लेकर संवाददाताओं के सवाल पर चन्नी ने कहा था, ‘‘ये स्टंटबाजी हो रही है, हमले नहीं हो रहे। जब भी चुनाव नजदीक आते हैं तो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को जिताने के लिए ऐसे स्टंट किए जाते हैं। इसमें कोई सच्चाई नहीं है।’’
उन्होंने जालंधर में पत्रकारों से बात करते हुए आरोप लगाया, ‘‘भाजपा लोगों के जीवन और शरीर के साथ खेलना जानती है।’’
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री की टिप्पणी से विवाद खड़ा हो गया और कई नेताओं ने मामले में कार्रवाई की मांग की है।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने चन्नी की टिप्पणी को ‘‘निंदनीय’’ बताया और कांग्रेस नेतृत्व से सैनिकों के अपमान के लिए देश के लोगों से माफी मांगने को कहा। भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने चन्नी के बयान को बेतुका और सैनिकों के प्रति अपमानजनक बताया।
चन्नी ने बाद में कहा था कि उन्हें देश के सैनिकों पर गर्व है लेकिन 2019 में पुलवामा के आतंकी हमले को लेकर केंद्र पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि सरकार यह पता नहीं लगा पाई कि हमला किसने किया था।