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अंतरिक्ष में परमाणु हथियार की तैयारी में रूस, एक क्लिक से खत्म हो जाएंगी US सैटेलाइट, जानें पुतिन का न्यूक्लियर प्लान

वाशिंगटन/मॉस्को
 रूस ने फरवरी 2022 में एक सैटेलाइट कॉसमॉस-2553 को लॉन्च किया था। अमेरिकी अधिकारियों ने दावा किया है कि इसे अंतरिक्ष में सैटेलाइट को नष्ट करने के हथियार का परीक्षण करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। हालांकि, रूस के सैटेलाइट के साथ परमाणु हथियार को नहीं भेजा गया था, लेकिन पुतिन के एंटी-सैटेलाइट न्यूक्लियर कार्यक्रम ने बाइडन प्रशासन, कांग्रेस और विशेषज्ञों के अंदर चिंता बढ़ा दी है। अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जनरल ने अपनी रिपोर्ट में अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से ये जानकारी दी है।

रूस ने कहा है कि कॉसमॉस-2552 अंतरिक्ष यान वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए भेजा गया है, लेकिन अमेरिकी अधिकारियों को मॉस्को के इस दावे पर भरोसा नहीं है। रूस ने इस सैटेलाइट को लॉन्च करने के 19 दिन बाद 24 फरवरी 2022 को पुतिन ने यूक्रेन पर हमले का आदेश दिया था। रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि अंतरिक्ष यान विकिरण और भारी आवेशित कणों के संपर्क में आने की स्थितियों में उनका परीक्षण करने के लिए नवीन ऑनबोर्ड उपकरणों और प्रणालियों से लैस था।

रूस लंबे समय से बना रहा योजना

रूस के दावे पर सवाल उठाते हुए अमेरिका की सहायक विदेश मंत्री मैलोरी स्टीवर्ट ने कहा था, कॉसमॉस-2553 की कक्षा ऐसे क्षेत्र में है, जिसका उपयोग किसी अन्य अंतरिक्ष यान द्वारा नहीं किया जाता है। इसमें सामान्य से निचली पृथ्वी कक्षाओं की तुलना में हाई रेडिएशन वातावरण है।

वॉल स्ट्रीट जनरल की रिपोर्ट के अनुसार, रूस वर्षों में सैटेलाइट को नष्ट करने की परमाणु क्षमता हासिल करने की कोशिश है, लेकिन हाल में वह कार्यक्रम को बेहतर ढंग से निर्धारित करने में सक्षम हुआ है। अधिकारियों के हवाले से रिपोर्ट में बताया गया है कि अमेरिका ने उपग्रह रोधी कार्यक्रम पर अपनी चिंताओं को लेकर रूस से चर्चा करने की कोशिश की है लेकिन मॉस्को ने इसे खारिज कर दिया है। अमेरिका और जापान ने 1967 की आउटर स्पेस संधि के माध्यम से इसे लेकर इस मामले को संयुक्त राष्ट्र में संबोधित करने का प्रयास किया लेकिन रूस ने यह कहकर वीटो कर दिया कि प्रस्ताव सभी प्रकार के अंतरिक्ष हथियारों पर प्रतिबंध लगाने के लिए पर्याप्त नहीं है।

क्या होगा असर?

अगर रूस परमाणु उपकरणों को अंतरिक्ष में तैनात करता है तो इसकी मदद से मॉस्को परमाणु विस्फोट के साथ पृथ्वी की निचली कक्षा में सैकड़ों उपग्रहों को नष्ट करने में सक्षम होगा। जिसका नतीजा होगा कि वैश्विक और आर्थिक संचार ढांचे को कई वर्षों तक बाधित या फिर पूरी तरह नष्ट किया जा सकता है। इस विस्फोट के चलते अंतरिक्ष में सैटेलाइट का मलबा जमा हो जाएगा, जिससे कुछ कक्षाएं खतरनाक हो जाएंगी या फिर इस्तेमाल के लायक ही नहीं बचेंगी। इसका मतलब यह है कि आप जिस इंटरनेट कनेक्शन पर अभी काम कर रहे हैं वो अचानक बंद हो जाएगा और स्मार्टफोन भी बेकार हो जाएगा।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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