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शादी का भी अब करवाएं इंश्योरेंस, एक-एक पैसा मिल जाएगा… जानिए आज के जमाने में क्यों जरूरी?

मुंबई
दो व्यक्तियों का सांस्कृतिक और धार्मिक तौर पर एक होना शादी है. केवल दो लोगों का मिलन भर नहीं है. इसमें विचार, व्यवहार के साथ-साथ एक सामाजिक ताना-बाना का अद्भुत समावेश भी है. दरअसल शादी परिवार और समाज निर्माण की सबसे लघु इकाई है. यहीं से समाज की संरचना आकार लेती है. लेकिन दो लोगों के मिलन के उत्साह में ये सारी बाते कहीं छिप जाती हैं.

उमंग और उल्लास का ये वैभव समय के साथ बढ़ता जा रहा है, लोग शादियों को यादगार बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. अब विवाह चमक-दमक से भरपूर एक लग्जरी इवेंट बदल गए हैं, इसे कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (Confederation Of All India Traders- CAIT) के आंकड़ों से भी समझा सकता है. इस साल पूरे देश में लगभग 35 लाख शादियां होंगी, जिसमें तकरीबन 4.25 लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे. विवाह समारोह में हो रहे पैसों का निवेश लगातार बढ़ता जा रहा है.

शादियों में अब जमकर खर्च

ग्लोबल वेडिंग सर्विसेज मार्केट के आंकड़ों के अनुसार साल 2020 में शादियों में होने वाला खर्च 60.5 बिलियन डॉलर था, जिसे 2030 तक 414.2 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है.

इतने बड़े आयोजन में कई तरह की असुरक्षा भी होती है. जैसे शादी का कैंसल होना, आयोजन स्थल पर कोई धमाका होना, आग लगनी या कोई प्राकृतिक आपदा का आना जिससे शादी प्रभावित हो जाए. ऐसी ही असुरक्षा से बचने के लिए अब कई कंपनियां वेडिंग इंश्योरेंस (Wedding Insurance Policy) जैसी स्कीम लेकर आई हैं. जो एक तरह से सुरक्षा कवच का काम करेंगी. इसका प्रीमियम उस आधार पर तय होगा कि आयोजन जितना बड़ा है.

इंश्योरेंस में क्या-क्या कवर होगा?

अगर शादी किसी भी कारण से रद्द (कैंसिल) हो जाती है या किसी दूसरी वजह से तारीख में बदलाव होता है, तो खाने वाले वेंडर को दिया गया पैसा समेत होटल और यातायात की बुकिंग के साथ जो घर या शादी स्थल को सजाने की जगह है, वो सब इसके अंतर्गत आएगी. इस क्षति का भुगतान या भरपाई इंश्योरेंस कंपनी करेगी.

ऐसे ही ऐड-ऑन और राइडर्स की सुविधा भी है, जिसके तहत अगर रास्ते में कुछ अनहोनी होती है तब ऐसी विशिष्ट परिस्थिति में राइडर्स वहां मदद पहुंचा सकता है.

इंश्योरेंस कवर के दायरे में क्या-क्या नहीं?
हर इंश्योरेंस के कुछ नियम और कायदा होते हैं, जिसके दायरे में ये लागू होता है. इसके साथ भी कुछ ऐसी ही शर्ते हैं.  जैसे  किसी जन्मजात बीमारी से हुई मौत, अपहरण या आत्महत्या होने पर भी ये इंश्योरेंस मान्य नहीं होगा. साथ ही अगर आतंकवादी हमला या अप्राकृतिक चोट आती है तो भी यो पॉलिसी मान्य नहीं होगी.

कंपनियां दे रही हैं ये पॉलिसी
ये इंश्योरेंस पॉलिसी कई बड़ी कंपनियां दे रही हैं. जैसे Bajaj Allianz, ICICI Lombard, National Insurance Company और Oriental Insurance कंपनी का नाम इसमें शामिल है.

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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