RO.No. 13047/ 78
राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

उज्‍जैन सिंहस्थ की व्यवस्थाएं प्रयागराज और हरिद्वार कुंभ की तर्ज पर होगी, केंद्र से बजट मांगेगी मोहन सरकार

भोपाल
 उज्जैन में वर्ष 2028 में आयोजित होने वाले सिंहस्थ की व्यवस्थाएं प्रयागराज और हरिद्वार कुंभ की तर्ज पर होंगी। इसका अध्ययन करने के लिए मध्य प्रदेश से अधिकारियों का एक दल दोनों स्थानों पर भेजा जाएगा। अधिकारी वहां कुंभ के दौरान की जाने वाली प्रत्येक व्यवस्थाओं का अध्ययन करके रिपोर्ट सरकार को देंगे और इसी आधार पर उज्जैन में सिंहस्थ के आयोजन की रूपरेखा बनाकर आगे की कार्ययोजना पर काम किया जाएगा।

सिंहस्थ के लिए उज्जैन में भूमि के आरक्षण एवं भूमि के उपयोग की जानकारी एकत्रित की जाएगी। नक्शे एवं तालिका के साथ उसके विश्लेषण की जानकारी भी होगी। इसके लिए उज्जैन कलेक्टर तथा टीएनसीपी आयुक्त को राज्य शासन ने जिम्मेदारी सौंपी है जो पिछले दो सिंहस्थों के आयोजन की जानकारी लेकर इसे तैयार करेंगे। दोनों से कहा गया है कि वे विशेष रूप से संपूर्ण मेला क्षेत्र की भूमियों के विभिन्न श्रेणी में आरक्षण, उनके आवंटन, वास्तविक उपयोग की विस्तृत जानकारी तैयार करें।

विभिन्न श्रेणी के आवंटनों, जैसे प्रमुख अखाड़े, सामाजिक-धार्मिक संस्थाएं एवं अन्य श्रेणियों की विस्तृत सूची व विगत दो सिंहस्थ मेलों में इनके क्षेत्रफल, मांग और संख्या का ट्रेंड भी तैयार करें। सिंहस्थ-2028 को ध्यान में रखते हुए उज्जैन के साथ-साथ संपूर्ण मालवा और निमाड़ के जिलों में भी विकास कार्य होंगे।

नमामि गंगे की तर्ज पर नमामि क्षिप्रा अभियान चलाएगी सरकार

मोक्षदायिनी मां क्षिप्रा को अविरल और प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए नमामि गंगे की तर्ज पर नमामि क्षिप्रा अभियान चलाया जाएगा। इसके जरिए ही उज्जैन नगरी का भी कायाकल्प किया जाएगा। उज्जैन नगर की जरूरतों और विकास को ध्यान में रखते हुए सिंहस्थ पर केंद्रित कार्यों का क्रियान्वयन होगा। क्षिप्रा के संरक्षण और जन सुविधा का ध्यान रखते हुए नदी के घाटों को विकसित किया जाएगा।

इंदौर-उज्जैन के बीच स्टापडेम मरम्मत व निर्माण, गंदे पानी के डायवर्सन की योजना का क्रियान्वयन किया जाएगा। इसके लिए आईआईटी से सुझाव और विकल्प भी प्राप्त किए जाएंगे। इंदौर, सांवेर, देवास व उज्जैन नगरीय क्षेत्रों में वर्ष 2040 की जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए जल-मल योजनाएं और सीवेज ट्रीटमेंट प्लान वर्ष 2027 से पहले पूर्ण कर लिए जाएंगे। कान्ह नदी सहित क्षिप्रा नदी में मिलने वाले सभी नदी-नालों का दिसंबर 2027 तक ट्रीटमेंट सुनिश्चित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बनेगी समिति

इसके अलावा सिंहस्थ के आयोजन, अनुवीक्षण और समन्वय के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल समिति बनेगी। इसी वर्ष के बजट में तीन वर्ष में पूर्ण होने वाले कार्यों को शामिल किया जाएगा। इनमें कुछ विकास कार्यों के लिए भारत सरकार से बजट मांगा जाएगा और राज्य सरकार जल्द ही विभागीय स्तर पर सिंहस्थ के कार्यों के लिए भारत सरकार को प्रस्ताव बनाकर भेजेगी।

सिंहस्थ की कार्ययोजना को लेकर प्रजेंटेशन हो चुका है। इसके बाद अब अफसरों की फील्ड विजिट पर वर्किंग तेज होगी। शुरुआत 28 मई से होने वाले प्रयागराज के दौरे से होने जा रही है। इस दौरे के लिए विभाग और अधिकारियों के नाम फाइनल हो गए हैं। यह भी तय कर दिया है कि सिंहस्थ के पूरे कामों की मॉनिटरिंग में कौन से विभाग और अफसर शामिल रहेंगे। उज्जैन में विभिन्न विभागों के राज्य स्तरीय अधिकारियों का दौरा कार्यक्रम भी तय हो गया है। इसके लिए नगरीय विकास और आवास विभाग को नोडल एजेंसी बनाया है, और एजेंसी ने उज्जैन में सैटेलाइट टाउन, अतिक्रमण हटाने, अखाड़ों के लिए जोनल प्लान तैयार करने और उज्जैन जिला प्रशासन द्वारा किए जाने वाले कामों की प्लानिंग तय कर दी है।

पीएमयू में रहेंगे 30 अफसर

सिंहस्थ तैयारियों के लिए सरकार ने प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग यूनिट (पीएमयू) बनाई है। इस में तीस सदस्यीय टीम होगी। इस टीम का काम सिंहस्थ की कार्ययोजना तैयार करना, विभिन्न विभागों के बीच समन्वय स्थापित कर किए जाने वाले कामों के लिए टेंडर मैनेजमेंट करना होगा। इसके साथ ही जो काम कराए जाएंगे उसका सुपरविजन यह टीम करेगी।

यह होगी जिम्मेदारी

इसके साथ ही प्रोजेक्ट मैनेजमेंट इन्फॉर्मेशन सिस्टम (पीएमआईएस) भी बनाया है जो सिंहस्थ 2028 की कार्य योजना के सम्पूर्ण आवश्यक कार्य करेगा। इसमें सुरक्षा, यातायात, साफ सफाई, जल सुविधा आदि के लिए वेब बेस्ड सॉल्यूशन तैयार करने की जिम्मेदारी शामिल है।

अवलोकन के लिए तीन दौरे

पहला दौरा: 28 मई से 31 मई तक होगी। इस विजिट टीम में मप्र सरकार के नगरीय विकास और आवास विभाग, जल संसाधन विभाग, गृह विभाग, लोक निर्माण विभाग के अफसरों के साथ संचालनालय नगरीय प्रशासन और विकास के अंतर्गत गठित सिंहस्थ सेल के चार अधिकारी शामिल होंगे।

दूसरा दौरा : लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, आयुष विभाग, धर्मस्व विभाग, सिंहस्थ सेल के चार अधिकारी शामिल रहेंगे। यह टीम 4 जून से 7 जून के बीच प्रयागराज का दौरा करेगी।

तीसरा दौरा: पर्यटन, संस्कृति और पुरातत्व विभाग, राजस्व विभाग, ऊर्जा विभाग, पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग, वन विभाग और पशुपालन विभाग शामिल हैं। यह टीम सबसे अंत में 11 जून से 14 जून के बीच प्रयागराज जाकर तैयारियों की जानकारी लेगी, और सिंहस्थ 2028 में इस पर अमल के लिए काम किया जाएगा।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.No. 13047/ 78

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button