राजनीति

माकपा-कांग्रेस ने कहा- ममता बनर्जी भाजपा की गुप्त एजेंट

कोलकाता
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में होने वाली नीति आयोग की बैठक में हिस्सा लेने के निर्णय पर सीपीआई-एम और कांग्रेस की राज्य इकाई ने कठोर प्रतिक्रिया की है। सीपीआई-एम के राज्यसभा सदस्य और कलकत्ता हाई कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता बिकास रंजन भट्टाचार्य ने कहा कि यह एक बार फिर साबित करता है कि तृणमूल कांग्रेस भाजपा की गुप्त एजेंट है। उन्होंने कहा, “जब सभी गैर-भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री बैठक से दूर रहने का निर्णय ले चुके हैं, तो ममता बनर्जी अपवाद के रूप में सामने आई हैं। अतीत में भी उन्होंने भाजपा के प्रति अपनी कमजोरी जाहिर की है। उन्होंने पहले भाजपा को अपना स्वाभाविक सहयोगी बताया था। इसलिए यह उनके लिए कुछ नया नहीं है।”

राज्य कांग्रेस नेता मनोज भट्टाचार्य ने भी सीपीआई-एम नेता की बात का समर्थन करते हुए कहा कि विपक्षी इंडी गठबंधन के गठन के बाद से, जिसमें तृणमूल भी आधिकारिक रूप से शामिल है, बनर्जी वहां विभाजन पैदा करने की कोशिश कर रही हैं। उन्होंने कहा, “उन्होंने यह सब भाजपा को अप्रत्यक्ष रूप से लाभ पहुंचाने के लिए किया है। नीति आयोग की बैठक में शामिल होने का उनका ताजा निर्णय उनके रुख को सही ठहराता है।”

इस पर तृणमूल नेताओं का कहना है कि विपक्षी दलों की ऐसी आलोचना निराधार है, क्योंकि मुख्यमंत्री ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि वह बैठक में न केवल पश्चिम बंगाल की वित्तीय उपेक्षा के खिलाफ अपनी आवाज उठाने के लिए जा रही हैं बल्कि अन्य गैर-भाजपा शासित राज्यों की भी। तृणमूल नेता कुणाल घोष ने कहा, “मुख्यमंत्री ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि वह बैठक में क्यों शामिल हो रही हैं। इंडी ब्लॉक के बारे में बैठक में शामिल होने के लिए कोई विशिष्ट एजेंडा नहीं था। तृणमूल कांग्रेस निश्चित रूप से विपक्षी ब्लॉक का हिस्सा होगी, लेकिन निश्चित रूप से इसकी अपनी पहचान है। इसलिए मुख्यमंत्री द्वारा पश्चिम बंगाल के हित में लिया गया निर्णय पूरी तरह से उचित है।”

 

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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