RO.No. 13047/ 78
राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

‘हमने 23 जुलाई को ही भेजी थी अर्ली वार्निंग…’, वायनाड लैंडस्लाइड पर संसद में बोले अमित शाह

नई दिल्ली

गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में केरल के वायनाड में लैंडस्लाइड की घटना को लेकर बयान दिया. उन्होंने कहा कि इस घटना में जितने भी लोगों की जान गई है, उनके परिवार के साथ मेरी संवेदनाएं हैं. अमित शाह ने सभापति को संबोधित करते हुए कहा कि आपने जब इस विषय पर चर्चा की अनुमति दी, मुझे लगा आज का दिन शायद राजनीति से परे होगा लेकिन कुछ टिपण्णियां हुईं. उन्होंने कहा कि जानकारी के आभाव में दोषारोपण हुआ या द्वेष से, ये तो मुझे मालूम नहीं है लेकिन मुझे स्पष्टता देनी है.

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अपने भाषण में ये अर्ली वार्निंग, अर्ली वार्निंग कर रहे हैं. अंग्रेजी के जितने भारी-भरकम शब्द हैं, बोल रहे हैं. उन्होंने कहा कि केरल की सरकार को 23 जुलाई को ही अर्ली वार्निंग केंद्र सरकार की ओर से दी गई थी. केरल सरकार को 23, 24 और 25 जुलाई को अर्ली वार्निंग दी गई थी. अमित शाह ने कहा कि 26 जुलाई को ये कहा गया कि 20 मिलीमीटर से अधिक वर्षा होगी, लैंडस्लाइड भी हो सकता है, मड भी आ सकता है और कुछ लोग दबकर मर भी सकते हैं. हमारी अर्ली वार्निंग पढ़िए जरा.

उन्होंने कहा कि कई सरकारों को हमने पहले भी अर्ली वार्निंग दी है और उन्होंने अच्छा काम भी किया है. गृह मंत्री ने कहा कि ओडिशा को तूफान के लिए सात दिन पहले अर्ली वार्निंग दी गई थी. तब ओडिशा में हमारी सरकार नहीं थी, नवीन बाबू की थी और उसमें केवल एक व्यक्ति की मौत हुई थी. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की सरकार को भी अर्ली वार्निंग दी गई थी और वहां की सरकार ने भी अच्छा काम किया. केवल सात मवेशी मारे गए थे. हमारे पास दुनिया का सबसे आधुनिक अर्ली वार्निंग सिस्टम है.

गृह मंत्री ने कहा कि मैं किसी को ताना नहीं दे रहा हूं, लेकिन हमारे पास बारिश, हीटवेव, बिजली गिरने का भी अर्ली वार्निंग सिस्टम है जो सीधे कलेक्टर को सूचना भेजता है. उन्होंने कहा कि ये सूचना साइट पर भी सबके लिए उपलब्ध रहती है, माननीय सदस्यों के लिए भी लेकिन कुछ लोगों को तो विदेश की ही साइट खोलनी होती है. गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 2014 में नरेंद्र मोदी की सरकार आई और 2016 में इस पर काम शुरू हुआ. सरकार ने इस पर 2000 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. आज सात दिन पहले अर्ली वार्निंग का सिस्टम दुनिया के चार देशों के पास उपलब्ध है जिनमें से एक भारत भी है.

केरल सरकार ने लोगों को क्यों नहीं निकाला?

अमित शाह ने कहा कि मेरे ही अनुमोदन से एनडीआरएफ की नौ टीमें 23 तारीख को केरल के लिए रवाना हो गई थीं. तीन टीमें कल (30 जुलाई) रवाना की गईं. उन्होंने कहा कि केरल सरकार एनडीआरएफ के पहुंचने पर भी अलर्ट हो गई होती तो जानें बचाई जा सकती थीं. गृह मंत्री ने कहा कि केरल की सरकार ने वहां से लोगों को नहीं निकाला. लोगों को वहां से निकाल सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने से किसने रोक रखा था भाई. ये समय राजनीति का नहीं, केरल की सरकार और वहां के लोगों के साथ मजबूती से खड़े होने का है.

उन्होंने कहा कि सदन को विश्वास दिलाता हूं कि पार्टी-पॉलिटिक्स से परे नरेंद्र मोदीजी की सरकार केरल के लोगों और वहां की सरकार के साथ चट्टान की तरह खड़ी है. गृह मंत्री ने ओडिशा और पश्चिम बंगाल में तूफान को लेकर अर्ली वार्निंग का भी जिक्र किया और कहा कि हमने ओडिशा सरकार को तूफान के लिए सात दिन पहले अर्ली वार्निंग दी थी. तब केवल एक आदमी मरा था. उन्होंने कहा कि ओडिशा में हमारी सरकार नहीं थी. नवीन बाबू की सरकार थी. पश्चिम बंगाल में भी अर्ली वार्निंग दी गई थी और केवल सात मवेशी मारे गए थे.

पश्चिम बंगाल के लिए जारी कर दिया है 4619 करोड़

गृह मंत्री ने ये भी कहा कि डिजास्टर के पैसे हैं, कोई भी राज्य गाइडलाइन को फॉलो करके निकाल सकता है. इसके लिए भारत सरकार से किसी परमिशन की जरूरत नहीं. उन्होंने कहा कि बंगाल की भी बात उठी. हमने 6244 करोड़ रुपये बंगाल के अप्रूव किए हैं. गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पश्चिम बंगाल के 4619 करोड़ हमने रिएंबर्स कर दिया है. उसमें कुछ प्रॉब्लम आ रही है. सरकार के पैसे हैं भाई, पार्टी के नहीं. हिसाब तो देना ही पड़ेगा. ये तो इनको ही करना पड़ेगा, इसमें हम कुछ नहीं कर सकते.

गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने वायनाड आपदा पर डिटेल रिपोर्ट सदन में पेश की और कहा कि हम मृतकों की संख्या वही बताते हैं जो राज्य सरकार की ओर से हमें बताया जाता है. मृतकों का आंकड़ा बढ़ भी सकता है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कूरियन मौके पर पहुंच गए हैं और केंद्र सरकार, राज्य के लगातार संपर्क में है. जो जरूरत होगी, वह सहायता उपलब्ध कराई जाएगी.

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.No. 13047/ 78

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button