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‘बांग्लादेश में बाढ़ के लिए भारत दोषी नहीं’, जातीय पार्टी के नेता कादिर ने हसीना का प्रत्यर्पण बताया जरूरी

ढाका.

बांग्लादेश में बाढ़ के लिए भारत को दोषी ठहराने की जातीय पार्टी के नेता जीएम कादिर ने की निंदा की है। उन्होंने कहा कि यह गलत है और भारत विरोधी भावनाओं का फायदा उठाया जा रहा है। इसके अलावा उन्होंने भारत से पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण और उनके खिलाफ बांग्लादेशी अदालत में मुकदमा चलाने की मांग की।

बांग्लादेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री ने कहा कि भारत और बांग्लादेश के लोग अच्छे संबंध चाहते हैं। इसलिए दोनों देश एक-दूसरे के साथ साझेदार के रूप में व्यवहार करें। उन्होंने कहा कि हमारी दुश्मनी भारत से नहीं है, बल्कि अवामी लीग और उसकी नेता शेख हसीना के लिए समर्थन की नीति के खिलाफ है। दरअसल पिछले दिनों बांग्लादेश के ऊपरी भारतीय क्षेत्र में मानसून बारिश के चलते देश में बाढ़ आ गई है। इसमें कई लोगों की मौत हो गई। जबकि 30 लाख लोग बेघर हो गए। इसे लेकर कहा गया कि बाढ़ त्रिपुरा में गुमती नदी पर बने बांध को खोलने के कारण आई है। इसे लेकर जीएम कादिर ने कहा कि बांग्लादेश में बाढ़ के लिए भारत को दोष देना सही नहीं है। यह एक गलत है। बाढ़ या किसी प्राकृतिक आपदा के लिए आप किसी को कैसे दोषी ठहरा सकते हैं? यह सामान्य है कि पानी निचले इलाकों की ओर बहता है। बारिश के मौसम में अगर पानी नहीं छोड़ा गया, तो भारत के बांध टूट सकते हैं और बहुत बड़ी आपदा का कारण बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि बेहतर होता अगर भारत की ओर से पहले ही चेतावनी मिल जाती ताकि हमें तैयारी के लिए समय मिल सके। जो लोग स्थिति को नहीं समझते और वे भारत विरोधी भावनाओं का इस्तेमाल करके लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। कादिर ने कहा कि देश में भारत विरोधी भावना लोगों के खिलाफ नहीं बल्कि नीति निर्माताओं के खिलाफ है। भारत ने अवामी लीग का इतना समर्थन किया कि उसे अब अवामी लीग के समर्थक के रूप में देखा जाता है। इसके चलते लोग नाराज हैं और भारत को बांग्लादेश का दुश्मन मान रहे हैं। पूर्व पीएम शेख हसीना को बांग्लादेश प्रत्यर्पित किया जाना चाहिए और यहां उन पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए। भारत को उसे बांग्लादेशी सरकार को सौंप देना चाहिए।

भारत-बांग्लादेश संबंधों को लेकर कादिर ने कहा कि दोनों देशों को एक-दूसरे की जरूरत है। भारत को नया और सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। दोनों देशों को बैठकर द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने के तरीकों का पुनर्मूल्यांकन करना चाहिए। साथ ही किसी को भी सर्वोच्च भागीदार की तरह व्यवहार नहीं करना चाहिए। बांग्लादेश की स्थिति के बारे में कादिर ने कहा कि देश के लोग जल्द से जल्द लोकतांत्रिक प्रक्रिया की ओर लौटना चाहते हैं। पिछले कई दशकों में सरकारें लोगों द्वारा बनाई जाती थीं, लेकिन उन सरकारों ने कभी लोगों के लिए काम नहीं किया। उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के बाद पार्टियां स्वतंत्र संस्थानों को कमजोर करके निरंकुश शासन में बदल जाती हैं। यदि आवश्यक हो तो इसे रोकने के लिए संविधान में सुधार होना चाहिए। उन्होंने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख यूनुस की अपील का स्वागत किया। जल्द चुनाव कराने की अपील की।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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