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पाउंड स्टर्लिंग दुनिया की सबसे पुरानी करेंसी, 1200 साल से चला आ रहा है दबदबा

 लंदन
क्या आप जानते हैं कि दुनिया की सबसे पुरानी करेंसी कौन सी है जो अब भी चलन में है? इसका जवाब है पाउंड। 1707 में इंग्लैंड और स्कॉटलैंड के एक होने के बाद 1707 में ब्रिटिश पाउंड यूनाइटेड किंगडम की आधिकारिक मुद्रा बनी थी। लेकिन पाउंड का इस्तेमाल इंग्लैंड में 760 ईस्वी में ही शुरू हो गया था। पाउंड स्टर्लिंग नाम लैटिन शब्द लिब्रा से आया है जो बैलेंस और वेट का प्रतीक माना जाता है। बैंक ऑफ इंग्लैंड ने करीब 300 साल पहले पहली बार पाउंड बैंक नोट्स जारी किए थे। इसके बाद इसमें कई बदलाव हुए हैं। पहला पाउंड कॉइन 1489 में हेनरी सप्तम के जमाने में आया था।

1855 में नोटों की प्रिंटिंग शुरू होने से पहले बैंक ऑफ इंग्लैंड हाथ से बैंक नोट्स लिखता था। ब्रिटिश पाउंड किसी जमाने में ब्रितानी साम्राज्य के उपनिवेशों में भी यूज होता था। इनमें ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और कनाडा भी शामिल है। 19वीं शताब्दी के अंत और 20वीं सदी की शुरुआत में कई देश अपनी करेंसी की वैल्यू सोने की कीमत से जोड़कर देखते थे। पहले विश्व युद्ध से पहले ब्रिटेन भी ब्रिटिश पाउंड की कीमत तय करने के लिए गोल्ड स्टैंडर्ड का यूज करता था। कई साल तक दुनिया में पाउंड का जलवा रहा लेकिन अमेरिकी डॉलर के उभरने के बाद पिछले आठ दशक में इसका जलवा कम हो गया।

सबसे पुरानी करेंसीज

दुनिया की दूसरी सबसे पुरानी रनिंग करेंसी सर्बिया की दिनार है। इसकी शुरुआत 1214 में हुई थी। रूस की करेंसी रूबल की शुरुआत साल 1300 में हुई थी। यूएस डॉलर 1785 में वजूद में आया। दूसरे विश्व युद्ध के बाद से पूरी दुनिया में इसी का दबदबा है। हैती की करेंसी Gourde की शुरुआत 1833 में हुई थी जबकि फाकलैंड की करेंसी पाउंड 1833 में वजूद में आई। डोमिनिकन रिपब्लिक की करेंसी पीसो 1844 से चल रही है जबकि स्विस फ्रैंक 1850 में शुरू हुई थी। कनाडा का डॉलर 1871 में शुरू हुई थी और जापान की करेंसी येन भी 1871 में वजूद में आया।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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