दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी पर एक बार फिर भाजपा हुई हमलावर, हिंदुओं से माफी मांगनी चाहिए
नई दिल्ली
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी पर एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) हमलावर है। दशहरे पर आतिशी के भाषण का एक हिस्सा शेयर करते हुए भाजपा नेता उन पर तंज कस रहे हैं। दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने तो हिंदुओं की भावनाएं आहत करने का आरोप लगाते हुए उनसे माफी की भी मांग की है। भाजपा नेताओं ने वीडियो साझा करते हुए दावा किया है कि आतिशी ने कहा कि ‘असत्य की जीत होकर रहेगी, अन्याय की जीत होकर रहेगी।' हलाकि वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है।
दशहरे के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल, दिल्ली की सीएम आतिशी समेत तमाम बड़े-बड़े नेता अलग-अलग जगहों पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। दिल्ली की सीएम आतिशी ने आईपी एक्सटेंशन में रामलीला कमिटी इंद्रप्रस्थ की ओर से आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
उन्होंने रावण दहन से पहले मंच से संबोधित भी किया। आतिशी ने कहा कि विजयादशमी का दिन इस बात का प्रतीक है कि असत्य चाहे जितना शक्तिशाली लगे जीत हमेशा सत्य की होती है। भगवान राम ने हमें सिखाया है कि चाहे कितनी भी कठिनाई हो मर्यादा के रास्ते से नहीं हटना है। भगवान राम के दिखाए रास्ते पर चलना है। असत्य के खिलाफ संघर्ष करना है, अन्याय के खिलाफ खड़े रहना है।
आतिशी के इसी भाषण से एक क्लिप शेयर करते हुए भाजपा ने आरोप लगाया कि उन्होंने असत्य और अन्याय की जीत की बात कही। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने भी वीडियो को साझा करते हुए आतिशी से माफी की मांग की। खबर लिखे जाने तक आम आदमी पार्टी की ओर से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई थी।
सचदेवा ने एक्स पर लिखा, ‘आज विजयादशमी है और पूरा देश असत्य और अन्याय पर सत्य और न्याय की जीत का उत्सव मना रहा है। एक तरफ तो पूरी दिल्ली पहले से ही AAP के विधर्मी और भ्रष्टाचारी चरित्र से परिचित है और दूसरी तरफ खड़ाऊं मुख्यमंत्री आतिशी मार्लेना का यह कहना 'असत्य की जीत होकर रहेगी और अन्याय की जीत होकर रहेगी' उनकी विचार पूर्ण दूषित मानसिकता का खुला प्रदर्शन है और हिंदू जनभावनाओं को आहत करने का पूर्ण प्रयास भी है। आम आदमी पार्टी और आतिशी मार्लेना को हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए; जिस प्रकार AAP की मुख्यमंत्री के विचार हैं उसे देखकर दिल्ली के आम जनमानस ने इन्हें सत्ता से बेदखल करने का मन बना लिया है।'