RO.No. 13047/ 78
राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

कीजिए झीलों के शहर भोपाल की सैर

भारत का ह्रदय कहा जानें वाला मध्यप्रदेश देश-विदेश में अपने पर्यटन स्थलों, खान-पान, शिल्पकारी, बुनकरों के लिए जाना जाता है। मध्यंप्रदेश राज्यश की ही राजधानी भोपाल जिसे झीलें का शहर कहा जाता भी है। यह शहर देश के सबसे स्वाच्छं और हरे-भरे स्थाकनों में से माना जाता है। तो जानिए क्या खास है भोपाल शहर में जहां हर कोई होने को खिंचा चला आता है। हम आपको अपनी खबर में यहां के विश्व प्रसिद्ध मंदिरों, मस्जिद और झीलों के बारे में बताएंगे। लोअर लेक और अपर लेक जैसी दो सुंदर झीलों के कारण ही भोपाल को झीलों का शहर कहा जाता है।

बड़ा तालाब
भारत की सबसे सुंदर झीलों में से एक बड़ा तालाब को माना जाता है। यह देश की सबसे पुरानी मानव-निर्मित झील है। जो 11 वीं सदी में बनी थी।

छोटा तालाब
लोअर झील भी पर्यटकों के बीच उतनी ही विख्यानत है जितनी अपर लेक। हालांकि, वर्तमान में मानव बस्तियों के कारण अब यह झील अपना आकर्षण खोती जा रही है।

लक्ष्मीनारायण मंदिर
बिरला मंदिर के नाम से विख्याचत यह मंदिर अरेरा पहाडियों के निकट बनी झील के पास है। यहां पर बने एक संग्रहालय में मध्य प्रदेश के रायसेन, सेहोर, मंदसौर और सहदोल से लाई गईं मूर्तियां रखी गईं हैं। यह संग्रहालय प्रतिदिन सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक खुला रहता है और सोमवार को बन्द रहता है।

मोती मस्जिद
मस्जिद की शैली दिल्लीश में बनी जामा मस्जिद के समान है। मस्जिद में गहरे लाल रंग की दो मीनारें हैं, जो ऊपर नुकीली हैं और सोने के समान लगती हैं। इस मस्जिद को कदसिया बेगम की बेटी सिकंदर जहां बेगम ने 1860 ई. में बनवाया था।

ताज-उल-मस्जिद
भारत की सबसे विशाल मस्जिदों में एक ताज-उल-मस्जिद है। गुलाबी रंग की इस विशाल मस्जिद की दो सफेद गुंबदनुमा मीनारें हैं, जिन्हें मदरसे के रूप में इस्तेामाल किया जाता है। तीन दिन तक चलने वाली यहां की वार्षिक इजतिमा प्रार्थना पूरें भारत के लोगों को अपनी ओर ध्याइन खींचती है।

शौकत महल
शौकत महल शहर के बीचोंबीच चैक एरिया के प्रवेश द्वार पर बना है। यह महल इस्लािमिक और यूरोपियन शैली का मिश्रित रूप है। यह महल लोगों की पुरातात्विक जिज्ञासा को जीवंत कर देता है।

गोहर महल, भोपाल
झील के किनारे बना यह महल शौकत महल के पीछे बना है। यह महल हिन्दुल और मुगल वास्तुरशिल्पं का बेहतरीन नमूना का एक अनूठा उदाहरण है। यहां पर ज्यादातर हस्तशिल्प की वस्तुओं की प्रदर्शिनी लगाई जाती है।

पुरातात्विक संग्रहालय
इस संग्रहालय में मध्य प्रदेश के विभिन्नो हिस्सोंर से लाई गई मूर्तियों और विभिन्नो स्कूवलों से लाई गई पेंटिग्सन, बाघ गुफाओं की चित्रकारियों की प्रतिलिपियां, अलक्ष्मी और बुद्ध की प्रतिमाएं यहां पर सहेजकर रखी गई हैं।

भारत भवन
भारत के सबसे अनूठे राष्ट्री य संस्थाानों में एक भारत भवन है। यहां भारत के विभिन्नो पारंपरिक शास्त्री य कलाओं के संरक्षण का यह प्रमुख केन्द्री है। इस भवन में एक म्युहजियम ऑफ आर्ट, एक आर्ट गैलरी, ललित कलाओं की कार्यशाला, भारतीय काव्य् की पुस्तंकालय बना हुआ है।

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय
यह अनोखा संग्रहालय शामला की पहाडियों पर 200 एकड के क्षेत्र में फैला हुआ है। यहां पर भारत के विभिन्नद राज्योंल की जनजातीय संस्कृगति की झलक देखी जा सकती है।

भीमबेटका गुफाएं
भीमबेटका की गुफाएं प्रागैतिहासिक काल के जीवन का वर्णन चित्रकारियों के माध्यम से किए जाने के कारण लोकप्रिय हैं। यह गुफाएं चारों तरफ से विन्य्ंि  पर्वतमालाओं से घिरी हुईं हैं, जिनका संबंध नवपाषाण काल से है। यहां की सबसे प्राचीन चित्रकारी को 12 हजार वर्ष पूर्व की मानी जाती है।

भोजपुर
यह शहर भगवान शिव को समर्पित भोजेश्वरर मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। इस मंदिर को पूर्व का सोमनाथ भी कहा जाता है। मंदिर की सबसे खास विशेषता यहां के लिंगम का विशाल आकार है। लिंगम की ऊंचाई लगभग 2. 3 मीटर की है और इसकी परिधि 5. 3 मीटर है। यह मंदिर 11 वीं शताब्दीं में राजा भोज ने बनवाया था। शिव रात्रि का पर्व यहां बडी धूमधाम से मनाया जाता है।

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.No. 13047/ 78

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button