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संजय रॉय ने कहा- मैंने रूद्राक्ष की माला पहन रखी है, इसलिए मै इस तरह का अपराध नहीं कर सकता

कोलकाता
कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में लेडी डॉक्टर से रेप और हत्या के मामले में अदालत ने आरोपी संजय रॉय को दोषी करार दिया है। कोर्ट में सुनवाई के दौरान आरोपी संजय रॉय लगातार यही कहता रहा कि उसे फंसाया जा रहा है। उसने कहा, असली अपराधी तो बाहर घूम रहा है। संजय रॉय ने कहा कि उसने रूद्राक्ष की माला पहन रखी है। इसलिए वह इस तरह का अपराध नहीं कर सकता। अगर उसने ऐसा किया भी होता तो उसकी माला ही टूट गई होती।

न्यूज 18 की रिपोर्ट की मानें तो एक दिन पहले तक वह लॉकअप में शांत था। उसने केवल अपने वकील से ही बात की। वहीं कोर्ट मे जज ने कहा, तुम्हें सजा जरूर मिलेगी। सोमवार को कोर्ट संजय रॉय की सजा का ऐलान करेगा। कोर्ट ने कहा कि फरेंसिक रिपोर्ट से पता चलता है कि संजय रॉय इस अपराध में शामिल था। उसका डीएनए भी घटनास्थल पर पाया गया है।

कोर्ट ने कहा, जिस तरह से पीड़िता की तुमने हत्या की है, तुम्हें आजीवन कारावास या फिर मौत की सजा दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि भारतीय न्याय संहिता की धारा 64 के तहत 10 साल की सजा और धारा 66 के तहत 25 साल की जेल, उम्रकैद या फिर मौत की सजा हो सकती है। संजय रॉय को फिलहाल जेल भेज दिया गया है। सोमवार को सीबीआई के सबूतों का विश्लेषण करने का बाद सजा का ऐलान किया जाएगा उसे धारा 64 (रेप) और 103 (हत्या) के तहत दोषी ठहराया गया है।

फैसले के बाद रॉय को कड़ी निगरानी में अदालत कक्ष से प्रेसीडेंसी सुधार गृह ले जाया गया और पुलिस ने वहां प्रतीक्षा कर रहे मीडियाकर्मियों को दोषी से किसी भी तरह की बातचीत करने से रोक दिया। मृतका के माता-पिता ने आरोपी को दोषी करार दिए जाने के लिए न्यायाधीश को धन्यवाद दिया। सीबीआई ने अपने आरोप-पत्र में कोलकाता पुलिस के एक नागरिक स्वयंसेवक रॉय को राज्य-संचालित अस्पताल में स्नातकोत्तर प्रशिक्षु के साथ जघन्य बलात्कार और हत्या करने का मुख्य और एकमात्र संदिग्ध बताया था।

मामले की शुरुआत में जांच कर रही कोलकाता पुलिस ने 10 अगस्त को रॉय को गिरफ्तार किया। इससे एक दिन पहले ही चिकित्सक का शव अस्पताल के सेमिनार रूम से बरामद किया गया था। बाद में कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मामले को सीबीआई को सौंप दिया था। जांच एजेंसी ने आरोपी के लिए मृत्युदंड की मांग की थी। प्रशिक्षु चिकित्सक के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में 12 नवंबर को बंद कमरे में सुनवाई शुरू हुई और 50 गवाहों से पूछताछ की गई। सुनवाई नौ जनवरी को समाप्त हुई।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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