छत्तीसगढ़दुर्ग-भिलाई

बी.एस.पी,एस सी-एस टी एम्प.एसोशियेशन ने संत शिरोमणि गुरु रविदास जी की जयंती मनायी

भिलाई-बी.एस.पी,एस सी-एस टी एम्प. एसोशियेशन के तत्वावधान मे संत शिरोमणि गुरु रविदास जी की जयंती वार्ड 52 संत रविदास जी के गुरुद्वारा शिवाजी नगर खुर्सीपर मे मनाई गई lइस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व महाप्रवंधक प्रभारी जयंती प्रसाद ने गुरु रविदासजी के दोहे का उल्लेख करते हुए कहा कि “ऊँचे कुल के कारणै, ब्राह्मन कोय न होय।
जउ जानहि ब्रह्म आत्मा, रैदास कहि ब्राह्मन सोय॥”अर्थात मात्र ऊँचे कुल में जन्म लेने के कारण ही कोई ब्राह्मण नहीं कहला सकता। जो ब्रहात्मा को जानता है, रैदास कहते हैं कि वही ब्राह्मण कहलाने का अधिकारी है।

उन्होंने कहा इसी तरह “माथे तिलक हाथ जपमाला, जग ठगने कूं स्वांग बनाया।मारग छाड़ि कुमारग उहकै,सांची प्रीत बिनु राम न पाया॥”अर्थात ईश्वर को पाने के लिए माथे पर तिलक लगाना और माला जपना केवल संसार को ठगने का स्वांग है। प्रेम का मार्ग छोड़कर स्वांग करने से ईश्वर की प्राप्ति नहीं होगी। सच्चे प्रेम के बिना परमात्मा को पाना असंभव है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे एसोसियेशन के अध्यक्ष कोमल प्रसाद ने कहा कि हमें हमेशा कर्म में लगे रहना चाहिए और कभी भी कर्म के बदले मिलने वाले फल की आशा नही छोड़नी चाहिए क्योंकि कर्म करना हमारा धर्म है, तो फल पाना हमारा अधिकार है l हमे गुरु रविदास जी के बताये मार्ग का अनुसरण करने की जरूरत है, जिसमे सभी को समान अवसर प्राप्त हो और देश की तरक्की मे अपना योगदान दे सके l

इस अवसर एसोशियेशन के कार्यकारी अध्यक्ष चेतन लाल उपाध्यक्ष कुमार भारद्वाज, वेदप्रकाश सूर्यवंशी, ने भी सम्बोधित किया lइस जयंती समारोह मे जोनल सचिव मंडावी, जीतेन्द्र भारती, गुरु रविदास समाज के अध्यक्ष बहादुर जैसवारा, सरोजन प्रसाद, अरविन्द कुमार, बाबू लाल, रामानंदराम, राजेश कुमार सुमन, रामाकांत प्रसाद, चंद्रिका प्रसाद, शैलेश डोंगरे साहित  एसोशियेशन के अन्य सदस्यों ने अपनी सहभागिता दी।

Dinesh Purwar

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