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मुजफ्फरपुर में एक ही चिता पर हुआ पति-पत्नी का अंतिम संस्कार, मौत भी नहीं कर पाई जुदा

 मुजफ्फरपुर

आपको हिंदी फिल्म के एक गाने की लाइन याद होगी, जिसमें अनिल कपूर और पूनम ढिल्लो गाना गाते हैं – "साथ जियेंगे साथ मरेंगे…कुछ ऐसा ही बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में देखने को मिला है। जहां एक बुजुर्ग दंपति ने जीवन भर साथ निभाने की कसम को अंतिम सांस तक निभाया। दरअसल, पति की मृत्यु के कुछ सेकंड बाद ही पत्नी ने भी दम तोड़ दिया। इसके बाद पति-पत्नी दोनों की चिता एक साथ जलाई गई।

एक ही चिता पर हुआ दोनों का अंतिम संस्कार
जानकारी के मुताबिक, यह पूरा मामला जिले के मुशहरी प्रखंड के गोवरसाही का है। बताया जा रहा है कि गोवरसाही निवासी सेवानिवृत्त एडीएम देवव्रत प्रसाद (94) और उनकी पत्नी चंद्रलेखा श्रीवास्तव (89) ने एक साथ जीने-मरने की कसम को जीवन के अंतिम सफर तक निभाया। बुजुर्ग दंपति के छोटे बेटे ने बताया कि बड़ा भाई जब सुबह पापा को जगाने गया तो उनका निधन हो चुका था। पति के निधन की खबर सुनते ही 89 वर्षीय पत्नी चंद्रलेखा श्रीवास्तव ने भी इस दुनिया को अलविदा कह दिया। दंपति के निधन के बाद उनके बेटों ने माता-पिता के प्रेम को और मजबूत कर दिया। परिजनों ने फैसला किया कि उनका अंतिम संस्कार भी एक साथ किया जाएगा और फिर दोनों का अंतिम संस्कार एक ही चिता पर मुजफ्फरपुर के मुक्तिधाम में किया गया। दोनों बेटों ने अपने माता-पिता को मुखाग्नि दी।

बता दें कि ऐसी घटनाएं केवल फिल्मों में देखने को मिलती हैं, लेकिन यहां एक वास्तविक प्रेम कहानी लिखी गई। इस दृश्य को देख कर हर किसी के आंखों से आंसू आ गए। इस घटना ने पूरे क्षेत्र में चर्चा का माहौल पैदा कर दिया है। पति-पत्नी ने एक साथ जीने-मरने की कसम को जीवन के अंतिम सफर तक निभाया। वहीं, गांव के लोग इस घटना को सच्चे प्रेम की मिसाल बता रहे हैं।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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