RO.NO. 13129/116
राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

इंदौर: बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में 36 श्रद्धालुओं की मौत के मामले में ट्रस्ट के दोनों पदाधिकारी बरी

इंदौर

मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में 2 साल पहले हुए चर्चित बेलेश्वर बावड़ी हादसे में बड़ा अपडेट सामने आया है। 100 से अधिक लोगों में 36 लोगों की जान जान जाने का दर्दनाक हादसा हुआ था। हादसे में महादेव झूलेलाल मंदिर न्यास के अध्यक्ष सेवाराम गलानी और सचिव मुरली कुमार सबनानी को 22 मार्च 2024 को पुलिस ने अरेस्ट किया था।

इस हादसे की दूसरी बरसी के कुछ दिनों बाद ही इंदौर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला सामने आया है। भारतीय दंड विधान की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) के तहत दर्ज शिकायत में अरेस्ट हुए अध्यक्ष और सचिव को कोर्ट से बरी कर दिया है। एक साल तक चले ट्रायल के बाद गुरुवार को जिला कोर्ट ने दोषमुक्त कर दिया है। साथ ही पुलिस पर सही से जांच नहीं करने की बात कही।

33 लोगों की हुई गवाही

बावड़ी हादसे में गलानी और सचवि सबनानी के लिए वकील राघवेंद्र सिंह बैस ने केस लड़ा। इस मामले में सुनवाई के दौरान 33 गवाह पेश किए गए। सुनवाई में यह सामने आया कि आसपास रहने वालों के साथ ही अन्य लोगों को भी यह नहीं पता था कि नीचे बावड़ी है। इन हालातों में मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों की कोई गलती नहीं है। कोर्ट ने कहा कि ऐसे में अध्यक्ष और सचिव को बिना वजह आरोपी बनाया गया।

इस बारे में जानकारी देते हुए बचाव पक्ष के एक वकील राघवेंद्र सिंह बैस ने मीडिया कर्मियों को बताया कि इस केस का फैसला अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने सुनाया, जिन्होंने बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष सेवाराम गलानी और सचिव मुरली कुमार सबनानी को भारतीय दंड विधान की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या), धारा 323 (जान-बूझकर चोट पहुंचाना) और धारा 325 (जान-बूझकर गंभीर चोट पहुंचाना) के आरोपों से मुक्त कर दिया।

उन्होंने कहा,‘अदालत ने मेरे दोनों मुवक्किलों को सबूतों के अभाव में आरोपों से बरी किया।’ बैस के मुताबिक अभियोजन पक्ष ने उनके दोनों मुवक्किलों पर आरोप साबित करने के लिए अदालत में कुल 33 गवाह पेश किए थे जिनमें कुछ सरकारी अधिकारी भी थे।

बचाव पक्ष के वकील बैस ने बताया कि गवाहों में शामिल इंदौर विकास प्राधिकरण के एक अधिकारी ने अदालत में बयान दिया कि हादसे से जुड़ी बावड़ी सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज ही नहीं है। बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि मामले की सुनवाई के दौरान इंदौर नगर निगम के कर्मचारियों ने भी इस बावड़ी को लेकर अनभिज्ञता जताई, जबकि निगम का एक कार्यालय घटनास्थल के एकदम पास स्थित है।

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर का फर्श 30 मार्च 2023 को रामनवमी के मौके पर हो रहे हवन-पूजन के दौरान ढह गया था। इस दौरान फर्श के नीचे बनी बावड़ी में गिरकर 21 महिलाओं और दो बच्चों समेत 36 लोगों की जान चली गई थी।

प्रशासन ने हादसे के चार दिन बाद 3 अप्रैल 2023 को बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर के देवी-देवताओं की मूर्तियां अन्य देवस्थान में पहुंचाई थीं। इसके बाद आम लोगों की सुरक्षा का हवाला देते हुए बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर को ढहा दिया था। और भीषण हादसे की गवाह रही बावड़ी को मलबा डालकर हमेशा के लिए बंद कर दिया था।

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.NO. 13129/116

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button