RO.NO. 13207/103
राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

इंदौर नगर निगम का नया प्लान, कचरे में पड़े कपड़ों से तैयार होगी सीमेंट, नगर निगम की बढ़ेगी आय

इंदौर
देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में कचरे के बाद अब पुराने अनुपयोगी कपड़ों की प्रोसेसिंग हो सकेगी. लिहाजा कचरे में पाए जाने वाले कपड़ों के टुकड़ों से सीमेंट सहित अन्य कई उत्पाद तैयार हो सकेंगे. अपनी तरह के इस प्लांट से प्रतिदिन 50 टन कपड़ों की प्रोसेसिंग हो सकेगी. इससे नगर निगम की आय में भी इजाफा होगा.

पुराने कपड़ों से बनेंगे उत्पाद
दरअसल, इंदौर शहर में प्रतिदिन जो कचरा निकलता है, उसकी प्रोसेसिंग नेप्रा नामक एजेंसी द्वारा की जाती है. फिलहाल इस एजेंसी के पास भी कपड़ों की प्रोसेसिंग सुविधा नहीं है. यही वजह है कि शहर भर से इकट्ठा होने वाले कपड़ों के टुकड़ों को प्रोसेसिंग के लिए अलग-अलग एजेंसी को भेजना पड़ता है. इसके अलावा कचरे के निष्पादन की एजेंसियों के स्तर पर भी कपड़े के उचित प्रबंधन करने की मांग नगर निगम प्रशासन से की जा रही थी. जिसके फल स्वरुप नगर निगम प्रशासन ने अब गीले और सूखे कचरे के निस्तारण की तरह ही कपड़े से सीमेंट और अन्य कई उत्पाद बनाने के लिए एक अलग से प्लांट बनाने की तैयारी कर ली है.

इंदौर नगर निगम का नया प्लान

नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा के मुताबिक, ''प्लांट बनाने के लिए टेंडर के जरिए एजेंसी तय करने के बाद कपड़े के निस्तारण की जिम्मेदारी संबंधित एजेंसी को दी जएगी. इस कार्य को लेकर 20 साल की समय अवधि भी दी जाएगी. कपड़े के निस्तारण से जो राशि प्राप्त होगी उसकी एक निश्चित हिस्सेदारी नगर निगम की होगी. इस प्लांट की क्षमता के मुताबिक 50 टन तक कपड़े को प्रोसेस किया जा सकेगा.

मलवे से तैयार हो रहे हैं कई उत्पाद
इंदौर नगर निगम द्वारा न सिर्फ गीले और सूखे कचरे से तरह-तरह के उत्पाद मीथेन और सीएनजी गैस के अलावा प्राकृतिक खाद बनाई जा रही है, बल्कि इससे नगर निगम को हर साल करोड़ों रुपए की आय भी होती है. अब नगर निगम की कोशिश है कि जो कपड़ा कचरे में पाया जाता है उसके निस्तारण के लिए भी प्लांट की स्थापना करके रॉयल्टी और आय का नया संसाधन स्थापित किया जा सके.

महापौर इंदौर पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कि, ''हमने तय किया है कि हम सफाई को नेक्स्ट लेवल पर लेकर जाएंगे. जो घरों से, फैक्ट्रियों या अन्य स्थानों से निकलने वाला कपड़ा है. उसे कलेक्ट करके रेवेन्यू जनरेट करने का प्रपोजल तैयार किया है.''

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.NO. 13207/103

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button