राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

जंगली हाथियों के प्रबंधन के लिए 47 करोड़ 11 लाख रुपये से अधिक की योजना की स्वीकृति

जंगली हाथियों के प्रबंधन के लिए 47 करोड़ 11 लाख रुपये से अधिक की योजना की स्वीकृति

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद में हाथी मित्र दल के गठन की मंजूरी

मानव-हाथी द्वंद के लिए रैपिड रिस्पांस टीम का गठन किया जाएगा और आवश्यक उपकरण क्रय किए जाएंगे

मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद के निर्णय

भोपाल

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक मंगलवार को मंत्रालय में सम्पन्न हुई। मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश में मानव-हाथी द्वंद को कम करने और जंगली हाथियों के प्रबंधन के लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 और वर्ष 2026-27 अर्थात आगामी 2 वर्षों सहित कुल 4 वर्षों (वर्ष 2023-24 से 2026-27 तक) के लिए राशि 47 करोड़ 11 लाख 69 हजार रुपये की योजना क्रमांक 9854 की सैद्धातिंक स्वीकृति दी गयी है।

योजना अंतर्गत हाथियों की सुरक्षा एवं अनुश्रवण के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 एवं वर्ष 2024-25 में कुल राशि रूपये एक करोड़ 52 लाख 54 हजार रूपये व्यय की गयी है। निर्णय अनुसार वित्तीय वर्ष 2025-26 में योजना में राशि 20 करोड़ रूपये और वर्ष 2026-27 में 25 करोड़ 59 लाख 15 हजार रूपये का प्रावधान किया गया। इस तरह आगामी 2 वर्षों सहित कुल 4 वर्षों (वर्ष 2023-24 से 2026-27 तक) के लिए योजना का आकार राशि 47 करोड़ 11 लाख 69 हजार रुपये निर्धारित किया गया है।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश के ऐसे संरक्षित क्षेत्र जहाँ हाथियों का आवागमन या उपस्थिति है उनमें एवं संरक्षित क्षेत्रों के बाहर जंगली हाथियों की सुरक्षा एवं अनुश्रवण, रहवास प्रबंधन तथा विकास के लिए योजना बनाई गयी है। जंगली हाथियों की निगरानी के लिए कंट्रोल रूम, वन्यजीव मानव द्वंद को रोकने के लिए विभिन्न संरचनाएं बनाई जाएंगी। ई-आई सर्विलेंस की स्थापना और संचालन किया जाएगा। वन्य-प्राणियों के रेस्क्यू और पुनर्वास के लिए कार्य किया जाएगा।

योजना अंतर्गत प्रभावित क्षेत्रों में मानव-हाथी द्वंद से निपटने के लिए ग्रामीणों, वन विभाग और अन्य विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। विभिन्न प्रकार की फेसिंग कार्य किया जाएगा, जिसमें सोलर फेंसिंग भी शामिल है। मानव-हाथी द्वंद के लिए रैपिड रिस्पांस टीम का गठन किया जाएगा और आवश्यक उपकरण क्रय किए जाएंगे। निगरानी और ट्रेकिंग कार्य के लिए पेट्रोलिंग वाहन और रेडियो कॉलर क्रय किए जाएंगे। साथ ही हाथी मित्र दल का गठन किया जाएगा।

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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