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प्रशांत किशोर ने मंगल पांडेय पर हमला, दिल्ली में फ्लैट और महंगे एंबुलेंस खरीद को बनाया मुद्दा, जायसवाल भी फंसे

पटना
मेंजन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता और नीतीश सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय पर दिल्ली में एक फ्लैट खरीद और महंगे दाम पर एंबुलेंस खरीदने को लेकर हमला बोल दिया है। मंगल पांडेय पर पहले भी गाहे-बगाहे निशाना साधते रहे प्रशांत किशोर ने आरोप लगाया कि कोरोना काल में मंगल पांडेय ने पत्नी उर्मिला पांडेय के नाम पर दिल्ली के द्वारका में एक फ्लैट खरीदा, जिसके लिए बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने पैसा दिया। पीके ने आरोप लगाया कि इसके बाद जायसवाल के मेडिकल कॉलेज को सरकार ने डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा दिया जो 20 साल से बीएन मंडल यूनिवर्सिटी की डिग्री दे रहा था।

प्रशांत किशोर ने शुक्रवार को पटना में संवाददाता सम्मेलन बुलाकर फ्लैट खरीद में जायसवाल से पैसा (घूस) लेने पर तंज कसते हुए कहा कि बीजेपी में भ्रष्टाचार का यह हाल है कि अपने लोगों से भी पैसा ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में उर्मिला पांडेय ने 86 लाख में फ्लैट खरीदा जिसके गवाह दिलीप जायसवाल बने थे। इस फ्लैट की खरीद में दिलीप जायसवाल ने 25 लाख रुपये दिए जो उन्होंने 6 अगस्त 2019 को मंगल पांडेय के पिता अवधेश पांडेय के खाते में भेजा। इस पैसे को फिर मंगल के पिता ने उनकी पत्नी के खाते में भेजा।

प्रशांत ने कहा कि मंगल पांडेय ने चुनावी एफिडेविट में पिता या दिलीप जायसवाल से कोई कर्ज लेने की घोषणा नहीं की है। प्रशांत ने कहा कि 2019 तक जायसवाल के मेडिकल कॉलेज को डिग्री देने का अधिकार नहीं था। बीएन मंडल यूनिवर्सिटी के जरिए डिग्री दिया जाता था। उन्होंने आरोप लगाया कि दिलीप जायसवाल से पैसा लेकर फ्लैट खरीदा गया और बदले में मेडिकल कॉलेज को डीम्ड यूनिवर्सिटी बना दिया गया। जो मेडिकल कॉलेज 20 साल से डिग्री नहीं दे पा रहा था, वो उसके बाद सीधे डिग्री देने लगा।

प्रशांत किशोर ने मंगल पांडेय और बिहार के मुख्य सचिव बनने जा रहे आईएएस अफसर प्रत्यय अमृत से महंगे दर पर एंबुलेंस खरीदने पर भी जवाब मांगा है। उन्होंने कहा कि 2022 में सरकार ने 1000 एंबुलेंस खरीदने का टेंडर जारी किया। टाइप सी के 446 एंबुलेंस 19.58 लाख रुपये की दर से खरीदे गए और 534 एडवांस लाइफ सपोर्ट वाले अलग। अप्रैल 2025 में 222 और खरीदा गया। तीन साल में इसका दाम बढ़कर 27.47 लाख हो गया। एक एंबुलेंस की कीमत 7.90 लाख बढ़ा दी गई। पीके ने पूछा है कि तीन साल में दाम इतना कैसे बढ़ा दिया गया।

प्रशांत किशोर ने कहा कि यही टाइप सी एंबुलेंस ओडिशा में दो महीना पहले 16 लाख में खरीदा गया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने बी टाइप का 2500 एंबुलेंस 12 लाख में खरीदा है। बिहार में वही एंबुलेंस 27.47 लाख में खरीदा जा रहा है। पीके ने कहा कि टेंडर में शर्त थी कि उसी कंपनी को यह ठेका मिलेगा जिसका हर जिले में एक सर्विस सेंटर हो। फोर्स कंपनी से एंबुलेंस खरीदी गई जिसका चार-छह जिले में ही सर्विस सेंटर है। इस बात के लिए कंपनी पर ऐक्शन लेने के बदले उससे 222 और एंबुलेंस बढ़े हुए दाम पर खरीदा गया।

प्रशांत किशोर ने कहा कि इस टेंडर में एक मजेदार बात और हुई। टाटा मोटर्स को तकनीकी आधार पर बोली से हटा दिया गया। कहा गया कि हम लोग वो एंबुलेंस चाहते हैं, जिसमें पेशेंट वाले हिस्से में एसी हो, ड्राइवर वाले में ना हो। टाटा मोटर्स वालों ने कहा कि हम उतने ही पैसे में दोनों जगह एसी दे रहे हैं तो उसे तकनीकी आधार पर टेंडर से हटा दिया गया। जिस फोर्स मोटर वाले ने कहा कि उसके एंबुलेंस में ड्राइवर केबिने में एसी नहीं है, सिर्फ पेशेंट वाले में एसी है, उसे सप्लाई का टेंडर दे दिया गया।

प्रशांत किशोर ने कहा कि मंगल पांडेय और प्रत्यय अमृत को बताना चाहिए कि जिस एंबुलेंस की कीमत कंपनी की साइट पर 21 लाख है, उसे बिहार सरकार 28 लाख में क्यों खरीद रही है। जबकि बड़ी संख्या में खरीद रहे हैं तो रेट 21 लाख से कम होना चाहिए था। प्रशांत ने कहा कि बिहार में आयुष्मान कार्ड के तहत दिलीप जायसवाल के अस्पताल से सबसे ज्यादा निकासी हुई है। आयुष्मान योजना का बिहार में जो मुखिया है वो पहले मंगल पांडेय का पीएस था। प्रशांत के संवाददाता सम्मेलन का वीडियो नीचे देख और सुन सकते हैं।

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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