राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

दिल्ली में खतरे के निशान पर यमुना, गाजियाबाद के 32 गांवों में बढ़ाई निगरानी

नई दिल्ली

सावधान! दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर फिर से खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है, जिसके चलते प्रशासन पूरी तरह से सतर्क हो गया है. गाजियाबाद में यमुना और हिंडन नदी के किनारे बाढ़ का खतरा बढ़ता जा रहा है, इसलिए जिला प्रशासन ने इन नदियों के किनारे स्थित लगभग 32 गांवों में निगरानी शुरू कर दी है. इसके साथ ही, डूब क्षेत्र में अवैध निर्माण करने वालों को भी चेतावनी दी गई है. प्रशासन के अनुसार, रविवार को पुराने लोहे के पुल के पास जलस्तर 204.05 मीटर दर्ज किया गया, जो चेतावनी स्तर 2024.50 मीटर से थोड़ा कम है, जबकि खतरे का निशान 205.33 मीटर से अभी भी नीचे है. इस स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने पहले से ही सावधानी बरतने का निर्णय लिया है.

हिंडन नदी गाजियाबाद से होकर गौतमबुद्धनगर में यमुना में मिलती है, जबकि यमुना नदी लोनी क्षेत्र से दिल्ली में प्रवेश करती है और गौतमबुद्धनगर के रास्ते मथुरा की ओर बढ़ती है. गाजियाबाद में यमुना और हिंडन के किनारे लगभग 32 गांव स्थित हैं. नदियों के जलस्तर में वृद्धि होने पर बाढ़ का खतरा बढ़ जाता है, और वर्तमान में पहाड़ों पर हो रही भारी बारिश के कारण यमुना का जल स्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है. रविवार को यमुना का जल स्तर 209.00 मीटर दर्ज किया गया, जो दो दिन पहले 209.50 मीटर था. हथनी कुंड से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण अगले दो से तीन दिनों में जलस्तर में और वृद्धि की संभावना है, इसलिए इन नदियों के तटबंधों की निगरानी की जा रही है.

हाल ही में हिंडन नदी में पानी का स्तर तेजी से बढ़कर 1900 क्यूसेक तक पहुंच गया है, जबकि कुछ दिन पहले यह मात्र 660 क्यूसेक था. इस वृद्धि के कारण डूब क्षेत्र में खतरा उत्पन्न हो गया है. दो साल पहले जब हिंडन में पानी का स्तर 2000 क्यूसेक से अधिक था, तब बाढ़ आई थी, जिससे कई क्षेत्रों में जलभराव हो गया था और सिटी फोरेस्ट पूरी तरह से जलमग्न हो गया था. अब एक बार फिर हिंडन में पानी बढ़ने से बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न होने की आशंका बढ़ गई है.

सिचाई विभाग ने डूब क्षेत्र में अवैध निर्माण करने वालों को चेतावनी दी है. विभाग ने स्पष्ट किया है कि इन गांवों के निकट स्थित डूब क्षेत्र में किसी भी प्रकार की गतिविधि या अतिक्रमण को तुरंत हटाया जाना चाहिए. इसके अलावा, सिचाई विभाग की चेतावनी के बाद प्रशासन ने भी यह स्पष्ट किया है कि यदि इस क्षेत्र में जनधन की हानि होती है, तो संबंधित व्यक्ति इसके लिए स्वयं जिम्मेदार होगा.

हिंडन किनारे आवासीय क्षेत्र में प्रवेश कर जाता है पानी
सिचाई विभाग के अधिशासी अभियंता राजकुमार वर्ण ने जानकारी दी कि बरसात के मौसम में हिंडन नदी का पानी कई किलोमीटर तक आवासीय क्षेत्रों में घुस जाता है. इसे रोकने के लिए नदी के किनारे तटबंध बनाए गए हैं और बाढ़ की एक सीमा निर्धारित की गई है, जिसे डूब क्षेत्र कहा जाता है. इस क्षेत्र में किसी भी प्रकार के अतिक्रमण या स्थायी निर्माण की अनुमति नहीं है, फिर भी धीरे-धीरे यहां अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है. यमुना और हिंडन के डूब क्षेत्र में बाढ़ की संभावना को लेकर चेतावनी जारी की गई है, और अवैध अतिक्रमण के कारण स्थिति और भी गंभीर हो गई है.

जलस्तर पर नजर रख रहा प्रशासन
प्रशासन यमुना के बढ़ते जलस्तर पर लगातार निगरानी रख रहा है. अधिकारियों का कहना है कि आवश्यकता पड़ने पर राहत और बचाव कार्य तुरंत आरंभ किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि यमुना में 204.5 मीटर पर चेतावनी, 205.3 मीटर पर खतरा और 206 मीटर पर निकासी की प्रक्रिया शुरू होती है. इस स्तर पर प्रभावित क्षेत्रों के निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जाता है.

केंद्रीय बाढ़ कक्ष के अनुसार, जलस्तर में वृद्धि का प्रमुख कारण वजीराबाद और हथिनीकुंड से हर घंटे बड़ी मात्रा में पानी का प्रवाह है. इसके अलावा, हरियाणा और उत्तराखंड के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में हो रही बारिश भी जलस्तर को लगातार बढ़ा रही है. जानकारी के अनुसार, वजीराबाद बैराज से लगभग 30,800 क्यूसेक और हथिनीकुंड बैराज से लगभग 25,000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे दिल्ली में चेतावनी के स्तर के करीब पहुंचने की संभावना बढ़ गई है.

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button