राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

नवरात्रि की शुरुआत पर ग्वालियर DM का पार्षद पतियों को अल्टीमेटम, जानें वजह

ग्वालियर 

 नवरात्रि के पावन पर्व पर जहां पूरे देश में महिलाशक्ति की पूजा-अर्चना हो रही है, वहीं ग्वालियर में ऐसी घटना घटी जिसने प्रशासनिक हलके में हलचल मचा दी. कलेक्टर रूचिका सिंह चौहान ने शहर की समस्याओं पर चर्चा के लिए पार्षदों की बैठक बुलाई थी, लेकिन चार महिला पार्षदों की जगह उनके पति पहुंच गए. इससे खफा कलेक्टर ने पार्षद पतियों को खरी-खोटी सुनाई और कुर्सी से उठाकर पीछे बिठा दिया. साफ शब्दों में कहा, “अब महिलाएं सबल हैं, पत्नियों को ही काम करने दीजिए.”

बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित की गई थी, जहां शहर की जल आपूर्ति, स्वच्छता, सड़क मरम्मत और अन्य मुद्दों पर विचार-विमर्श होना था. कलेक्टर ने महिलाओं के सशक्तिकरण पर जोर देते हुए कहा, नवरात्रि का समय महिलाओं की शक्ति का प्रतीक है. यदि चुनी हुई महिला प्रतिनिधि अपनी जिम्मेदारी निभाने के बजाय पतियों पर छोड़ देंगी, तो लोकतंत्र का मजाक बनेगा. एक पार्षद पति ने सफाई दी कि पत्नी व्यस्त थीं, लेकिन कलेक्टर चेतावनी दी भविष्य में ऐसी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

कलेक्टर का प्रेरणादायक कदम
यह घटना ग्वालियर में महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी पर बहस छेड़ने वाली है. स्थानीय पार्षदों का कहना है कि ग्रामीण स्तर पर भी सरपंच पतियों का दखल आम है, लेकिन शहरी क्षेत्रों में इसे रोकना जरूरी है. कलेक्टर चौहान ने बैठक के अंत में सभी महिला पार्षदों को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने का निर्देश दिया. इस कदम की सोशल मीडिया पर तारीफ हो रही है, जहां यूजर्स इसे महिलाओं के लिए प्रेरणादायक बता रहे हैं.

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button