राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

ग्राम पंचायतें केवल प्रशासनिक इकाइयाँ नहीं, ग्रामीण विकास की आत्मा हैं: मुख्यमंत्री

ग्राम पंचायतें केवल प्रशासनिक इकाइयाँ नहीं, ग्रामीण विकास की आत्मा हैं: मुख्यमंत्री

पंचायतों को आर्थिक आत्मनिर्भर बनाने के लिए पारदर्शिता, तकनीक और स्थानीय संसाधनों के उपयोग पर बल

स्थानीय कर एवं यूज़र चार्ज संग्रह की प्रक्रिया ऑनलाइन, पंचायतों की स्वनिधि बढ़ाने के लिए सुधारात्मक कदम जारी

जिला पंचायतों में भवन मानचित्र स्वीकृति हेतु सिविल इंजीनियर या आर्किटेक्ट की तैनाती के निर्देश

ग्राम सचिवालयों में आधार केंद्र खोलकर पंचायतों की आय वृद्धि और नागरिक सुविधा दोनों सुनिश्चित होंगी: मुख्यमंत्री

तालाबों/पोखरों का हो समयबद्ध पट्टा, प्राप्त राशि से जल संरक्षण व ग्राम्य हित के कार्य: मुख्यमंत्री

लखनऊ
 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ग्राम पंचायतों को आर्थिक आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्यों से नवाचारों को प्रोत्साहित करने पर बल दिया है। मंगलवार को पंचायती राज विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायतें केवल प्रशासनिक इकाइयाँ नहीं, बल्कि ग्रामीण विकास की आत्मा हैं। इन इकाइयों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पारदर्शिता, तकनीक और स्थानीय संसाधनों के बेहतर उपयोग पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।

बैठक में प्रस्तुत विवरण के अनुसार, पंचायतों की स्वनिधि बढ़ाने के लिए विभिन्न सुधारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं। स्थानीय कर एवं यूज़र चार्ज संग्रह की प्रक्रिया को ऑनलाइन किया गया है। पंचायतों की आय वृद्धि के लिए विभिन्न नवाचारों पर कार्य जारी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पारदर्शिता और तकनीकी उपयोग के माध्यम से ग्राम पंचायतों की राजस्व प्राप्ति और जनसेवा की गुणवत्ता दोनों में सुधार सुनिश्चित किया जाए।

उन्होंने यह भी कहा कि विकास प्राधिकरणों के अतिरिक्त जिला पंचायतों के अधीन क्षेत्रों में भवन मानचित्र स्वीकृति के लिए जिला पंचायतों के पास दक्ष मानव संसाधन की उपलब्धता होनी चाहिए। इस हेतु प्रत्येक जिला पंचायत में सिविल इंजीनियर अथवा आर्किटेक्ट की तैनाती की व्यवस्था की जाए, जिससे स्थानीय निर्माण कार्यों में गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके।

मुख्यमंत्री ने ग्राम पंचायतों की आय बढ़ाने के लिए ग्राम सचिवालयों में आधार केंद्र खोलने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आधार कार्ड निर्माण, संशोधन, बायोमेट्रिक अपग्रेडेशन आदि कार्यों के लिए यह सुविधा उपलब्ध कराई जाए, जिससे नागरिकों को सुविधा मिले और मिलने वाले शुल्क से ग्राम पंचायत की आय में भी वृद्धि हो।

बैठक में यह भी बताया गया कि पंचायती राज विभाग द्वारा तालाबों/पोखरों की सूचीकरण और उपयोग नीति पर कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि ग्राम पंचायत तथा जिला पंचायत के अधीन तालाबों/पोखरों का समयबद्ध पट्टा किया जाए और इनसे प्राप्त राशि को हर घर नल, जल संरक्षण तथा ग्राम्य हित के कार्यों में ही उपयोग किया जाए। उन्होंने इस हेतु एक स्पष्ट नियमावली तैयार करने के निर्देश भी दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम पंचायतों के पास जितनी अधिक स्व-वित्तीय क्षमता होगी, उतनी ही तेजी से ग्रामीण विकास के कार्य आगे बढ़ेंगे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि पंचायत प्रतिनिधियों को वित्तीय प्रबंधन, डिजिटल सेवा वितरण और जनसुविधा संचालन के विषय में प्रशिक्षण दिया जाए।

मुख्यमंत्री ने अंत में कहा कि “ग्राम पंचायतों की समृद्धि ही आत्मनिर्भर भारत की नींव है। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि हर ग्राम पंचायत सेवा, स्वच्छता और स्वावलंबन की प्रतीक बने।”

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button