राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

सागर के मोहल्लों में हिंदू परिवारों का पलायन, संपत्ति बेचने पर मुस्लिमों को ‘अघोषित’ रोक

सागर
 मध्य प्रदेश के सागर में शनिचरी और शुक्रवारी इलाकों से पिछले 10 सालों में हिंदू परिवारों का पलायन चिंता का विषय बन गया है। पिछले दशक में यहां हिंदू आबादी में 4.88 प्रतिशत की गिरावट आई है। एक खास वर्ग की बढ़ती आबादी कैसे अपने पड़ोस के दूसरे वर्ग को परेशान कर देती है, सागर में इसकी चिंताजनक तस्वीर सामने आई है। यहां के दो पुराने मोहल्लों शुक्रवारी और शनीचरी में हिंदू परिवार अपनी संपत्ति बेचकर दूसरे मोहल्लों और कॉलोनियों में रहने को मजबूर हो गए।

दोनों मोहल्लों में कभी मिश्रित आबादी थी। पिछले कुछ समय में यहां मुस्लिम आबादी इतनी तेजी से बढ़ी कि दोनों क्षेत्र अब मुस्लिम बहुल हो चुके हैं। यहां हिंदुओं का पलायन इतनी तेजी से हो रहा है कि जिला प्रशासन ने दोनों मोहल्लों में संपत्ति की खरीद-बिक्री यानी पंजीयन पर फिलहाल रोक लगा दी है।

41 परिवारों ने संपत्ति मुस्लिम परिवारों को बेची

विश्व हिंदू परिषद के जिलाध्यक्ष अजय दुबे का कहना है कि इन क्षेत्रों में धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए हिंदू घरों के बाहर मांस फेंका जाना, महिलाओं का उत्पीड़न और लव जिहाद के प्रयासों के कारण हिंदू समुदाय के लिए यहां घुटन वाली स्थिति पैदा की गई। जिन लोगों से बन पड़ा वे औने-पौने दाम में संपत्ति बेचकर अन्य क्षेत्रों में जाकर बस गए।

बताया जा रहा है कि वर्ष 2020-21 से अब तक 68 हिंदू परिवारों के 288 लोग दोनों मोहल्ले छोड़ चुके हैं। उनमें से 41 परिवारों ने अपनी संपत्तियां मुसलमानों को बेची, क्योंकि वहां दूसरा कोई खरीदने को तैयार भी नहीं है। इसकी शिकायत राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तक भी पहुंची थी। बता दें, दोनों मोहल्लों में करीब सात हजार मतदाता हैं।

पंजीयन से पहले एसडीएम करेंगे सौदे की जांच

कलेक्टर संदीप जीआर ने जिला पंजीयक को पत्र जारी कर शनिचरी और शुक्रवारी क्षेत्र के हिंदू समाज के लोगों की संपत्तियों की खरीद-बिक्री पर रोक लगा दी है। आदेश है कि यहां के लोग मकानों के क्रय-विक्रय के लिए पंजीयन कार्यालय में स्लाट बुक कराएं तो उसकी जानकारी एसडीएम को दी जाए। एसडीएम दोनों पक्षों का बयान लेकर यह जांच करेंगे कि इस सौदे में उनकी सहमति है या मजबूरन ऐसा करना पड़ रहा है। एसडीएम के संतुष्ट हो जाने के बाद ही संबंधित संपत्ति का पंजीयन होगा।

पिछले पांच सालों में 41 हिंदू परिवारों ने अपने घर बेचकर ये इलाके छोड़ दिए हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि ये सभी मकान मुस्लिम समुदाय के लोगों ने खरीदे हैं। पिछले एक दशक में 63 हिंदू परिवारों के 228 लोग यहां से जा चुके हैं, और अभी भी कई घरों पर बिकाऊ के बैनर लगे हुए हैं।

रहवासी ने बताया कि उनके 150 साल पुराने पुश्तैनी मकान को मुस्लिम समुदाय के लोगों ने घेर लिया और परेशान करने लगे। घर पर केवल महिलाएँ थीं। मजबूरी में उन्हें अपना 18 लाख रुपये का मकान मात्र 5.30 लाख रुपये में बेचना पड़ा।

रहवासी ने बताया कि उनके घर के बाहर मीट के टुकड़े और अंडे के छिलके फेंके जाते थे। जिससे वहां रहना मुश्किल हो गया था। उनका 625 वर्गफीट का मकान दो साल तक नहीं बिका, आखिर में उन्हें कम कीमत में बेचना पड़ा।

एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि उनकी बेटी को एक मुस्लिम युवक ने प्रेम-प्रसंग में फँसाया, जिससे मजबूरन उसे अपनी बेटी की शादी उस युवक से करानी पड़ी। बाद में बेटी को प्रताड़ित किया गया और मकान बेचने पर मजबूर किया गया।

संतोष कुमार साहू ने बताया कि उनके आसपास सिर्फ 1-2 हिंदू परिवार बचे थे। मुस्लिम लोगों के मकान अधिक होने से उनके बच्चों की शादियाँ नहीं हो रही थीं। वहां के माहौल के चलते रिश्ते नहीं आ रहे थे। उन्हें अपने 30 लाख रुपये के मकान को 22 लाख रुपये में बेचना पड़ा।

शनिचरी चौगना इलाके की एक हिंदू महिला ने बताया कि पति के न होने पर उन्हें अपनी दो बेटियों की सुरक्षा का डर रहता था। मुस्लिम समुदाय के लोगों से विवाद के बाद उन्होंने अपने 22 लाख रुपये के मकान को 14 लाख रुपये में बेचा।

विश्व हिंदू परिषद के जिलाध्यक्ष अजय दुबे ने कहा कि क्षेत्र में माहौल खराब होने के कारण हिंदू परिवार अपने मकान बेचकर जा रहे हैं। उन्होंने प्रशासन से पलायन रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की अपील की है और यह भी कहा कि उनका संगठन परेशान परिवारों की मदद के लिए तैयार है।

यह मुद्दा प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती है, जिस पर तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता है।

हिंदू संगठनों ने बढ़ाई सक्रियता

पलायन की बात सामने आने के बाद हिंदू संगठनों ने इन मोहल्लों में सक्रियता बढ़ा दी है। शिव सेना के उप राज्य प्रमुख पप्पू तिवारी ने बताया कि हम उनसे बाहरी दबाव और परेशान करने वाली हरकतों की जानकारी साझा करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं ताकि समय रहते उनकी सहायता की जा सके।

पता लगाया जाएगा कोई दबाव तो नहीं

    कलेक्टर का आदेश आया है, जिसमें शुक्रवारी और शनिचरी मोहल्लों में संपत्ति के क्रय-विक्रय के पंजीयन को लेकर कहा गया है कि ऐसे मामलों की पहले एसडीएम जांच करेंगे। ऐसा इसलिए ताकि पता लगाया जा सके कि कोई किसी के दबाव में तो अपनी संपत्ति नहीं बेच रहा है। – निधि जैन, जिला पंजीयक, सागर

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button