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जमुई में अमित शाह की गर्जना: कहा—कमल-तीर से हटे तो लौट आएगा जंगलराज

पटना

बिहार के चुनावी मैदान में आज गृह मंत्री अमित शाह ने जमुई में लोगों के अंदर जोश भरने का काम किया। शाह ने मंच से कहा कि एक वक्त था जब जमुई लाल खून और लाल आतंक से सना हुआ था। यही वो जमीन थी जहां नक्सलवादियों ने अपना ठिकाना बनाया था। मगर आज, मोदी जी की सरकार ने बिहार से नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म कर दिया है।

शाह ने रैली को संबोधित करते हुए जनता से कहा कि अगर आपसे जरा भी गलती हुई और आप कमल छाप या तीर छाप से जरा भी इधर-उधर गए तो फिर से जंगलराज आने वाला है। जमुई को जंगलराज चाहिए क्या? कल ही चुनाव का पहला चरण समाप्त हुआ है। लालू-राहुल की पार्टी का सूपड़ा साफ हो गया है। जमुई में भी उनका खाता नहीं खुलना चाहिए। यहां की सभी चारों सीटें आपको NDA के खाते में डालनी हैं।

आरजेडी पर खूब बरसे अमित शाह
रैली को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, “कभी गया, औरंगाबाद और जमुई में नक्सलियों का राज चलता था। उन्होंने 150 साथियों के साथ धनबाद-पटना एक्सप्रेस को हाईजैक किया था और तीन यात्रियों की हत्या कर दी थी। मगर आज हालात बदल चुके हैं, चोरमारा गांव, जो मुंगेर-जमुई बॉर्डर पर है, 25 साल बाद नक्सलमुक्त हुआ है।”

उन्होंने कहा, “पहले बिहार में ऐसे जिले थे जहां तीन बजे तक ही मतदान होता था, डर के माहौल में। अब शाम पांच बजे तक वोटिंग चल रही है, क्योंकि डर खत्म हो गया है।”

अमित शाह ने लालू-राबड़ी राज पर भी जमकर हमला बोला। शाह ने कहा बोले, “उन दिनों बारात जाती थी तो उगाही के लिए कट्टा लेकर लोग पहुंचते थे। अपहरण, फिरौती और बीस से ज्यादा नरसंहार होता था, यही था उस दौर का बिहार। उसी जंगलराज ने बिहार की फैक्ट्रियां और कारोबार बंद करवा दिए और राज्य को गरीबी की तरफ धकेला।”

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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