खेल जगत

जय शाह के हस्तक्षेप के बाद प्रतीका रावल को वर्ल्ड कप मेडल मिलने की पुष्टि!

नई दिल्ली

जय शाह की दखल के बाद प्रतीका रावल को आईसीसी वुमेंस क्रिकेट वर्ल्ड कप का विनिंग मेडल मिलने वाला है। इसका खुलासा उन्होंने खुद किया है। आईसीसी का नियम है कि वर्ल्ड कप विनिंग मेडल सिर्फ उन्हीं 15 खिलाड़ियों को मिलता है स्क्वॉड का हिस्सा होते हैं। प्रतीका रावल के केस में हालांकि आईसीसी ने अपने इस नियम को बदलना पड़ा है। प्रतीका रावल को बांग्लादेश के खिलाफ लीग स्टेज के आखिरी मुकाबले के दौरान चोट लग गई थी। यह चोट इतनी गंभीर थी कि उन्हें टूर्नामेंट से बाहर होना पड़ा था। उनकी जगह स्क्वॉड में शेफाली वर्मा ने ली थी। शेफाली ने फाइनल में 87 रनों की पारी खेल भारत को चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाई थी।

स्क्वॉड का हिस्सा होने की वजह से शेफाली को सिर्फ 2 मैच खेलने के बावजूद वर्ल्ड कप विनर का मेडल मिला था। मगर लीग स्टेज के दौरान भारत की जीत में अहम भूमिका निभाने वाली प्रतीका रावल मेडल से वंचित रह गईं थी। प्रतीका ने लीग स्टेज में एक शतक समेत 300 से अधिक रन बनाए थे। साथी ओपनिंग पार्टनर स्मृति मंधाना के साथ उन्होंने कई अहम साझेदारियां की थी।

जब प्रतीका रावल को मेडल नहीं मिला तो सोशल मीडिया पर फैंस ने आवाज उठाई और भारत की जीत में उनके योगदान के लिए आईसीसी पर दबाव बनाया। अब प्रतीका रावल ने खुद खुलासा किया है कि जय शाह की दखल की वजह से उन्हें मेडल मिलने वाला है।

प्रतीका रावल ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ भारतीय टीम की मुलाकात के दौरान उन्होंने जिस मेडल के साथ तस्वीर खिंचवाई थी, वह उन्हें सहयोगी स्टाफ के एक सदस्य ने दिया था।

प्रतीका रावल ने सीएनएन न्यूज18 को बताया, "जय शाह ने हमारे मैनेजर को मैसेज किया कि मैं प्रतीका के लिए मेडल लाने का इंतजाम करना चाहता हूं। तो, आखिरकार अब मेरे पास मेरा अपना मेडल है। पहली बार जब मैंने उसे (सपोर्ट स्टाफ द्वारा उसे दिया गया मेडल) खोला और उसकी तरफ देखा, तो मेरी आंखों में आंसू आ गए। मैं ज्यादा रोने वाली इंसान नहीं हूं, लेकिन वो भावना सच्ची थी, हमारे साथ जुड़ने का एहसास।"

रावल ने यह भी बताया कि शाह ने पहले ही उन्हें आश्वासन दिया था कि उन्हें पदक मिलेगा, हालाँकि इसमें कुछ समय लग सकता है।

जय शाह ने हमें बताया कि वह आईसीसी से पूछ रहे हैं कि क्या वे पदक भेज सकते हैं। इसलिए उस पदक को मेरे पास पहुँचने में कुछ समय लगेगा। इसलिए, सहयोगी स्टाफ में से एक ने मुझे अभी के लिए पहनने के लिए अपना पदक दे दिया। मान लीजिए कि मेरे पास अपना पदक है। तो, पदक रास्ते में है," उन्होंने कहा।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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