व्यापार जगत

सरकारी बैंकों का जबरदस्त प्रदर्शन, 6 महीने में 27% रिटर्न – बैंकिंग सेक्टर में नई सुधार लहर की तैयारी

नई दिल्ली

चालू वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में देश के सरकारी के बैंकों (पीएसबी) ने शानदार प्रदर्शन किया है. भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के नेतृत्व में 12 सरकारी बैंकों ने जुलाई–सितंबर तिमाही में मिलकर 49,456 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया है. यह आंकड़ा पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 9% की सालाना वृद्धि को दर्शाता है.

एसबीआई बना सबसे बड़ा योगदानकर्ता

सभी बैंकों में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने सबसे अधिक मुनाफा दर्ज करते हुए इस संयुक्त लाभ में 40% का योगदान दिया. बैंक ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 20,160 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 10% अधिक है. एसबीआई का यह प्रदर्शन भारतीय बैंकिंग सेक्टर की स्थिरता और खुदरा ऋण वृद्धि के संकेत देता है.

पिछले साल की सितंबर तिमाही यानी FY25 Q2 में सभी 12 सरकारी बैंकों का कुल मुनाफा ₹45,547 करोड़ था. इस बार बैंकों ने ₹3,909 करोड़ ज्यादा कमाए हैं. ऐसे में इन बैंकों के शेयरों में हलचल देखने को मिल सकती है. तो किस बैंक ने की सबसे ज्‍यादा कमाई और किसके शेयर में दिख रहा ज्‍यादा दम, आइए नजर डालते हैं.
SBI बना मुनाफे का बादशाह

बाजार का सबसे बड़ा खिलाड़ी SBI मुनाफे की रेस में सबसे आगे रहा. इस सरकारी बैंक ने अकेले ही कुल मुनाफे का 40% हिस्सा अपने नाम किया. बैंक ने दूसरी तिमाही (Q2 FY26) में ₹20,160 करोड़ का शुद्ध लाभ कमाया, जो पिछले साल के मुकाबले 10% ज्यादा है.
शेयरों का प्रदर्शन

स्‍टेट बैंक ऑफ इंडिया के शेयर की वर्तमान कीमत 957.60 रुपये है. 3 महीने में इसके शेयर 19.56 फीसदी बढ़े हैं. वहीं 3 साल में ये 56 फीसदी उछला है. 5 साल में इसने 337 फीसदी का रिटर्न दिया है.
Indian Overseas Bank और Central Bank भी चमके

चेन्नई स्थित इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB) और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का भी प्रदर्शन जबरदस्‍त रहा. IOB का मुनाफा 58% बढ़कर ₹1,226 करोड़ पर पहुंच गया. वहीं सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का ने 33% की बढ़त के साथ ₹1,213 करोड़ का मुनाफा दर्ज किया.
शेयरों का प्रदर्शन

Indian Overseas Bank के शेयर की कीमत अभी 39.55 रुपये है. साल भर का इसका प्रदर्शन अच्‍छा नहीं रहा है. इसने 27 पर्सेंट का नेगेटिव रिटर्न दिया है. जबकि 3 साल में ये 76 फीसदी उछला है. वहीं 5 साल में इसने 289 फीसदी रिटर्न दिया है.

इन बैंकों की कमाई घटी

सरकारी बैंकों में ज्‍यादातर ने बेहतर प्रदर्शन किया है. हालंकि दो बैंक ऐसे भी रहे, जिनका मुनाफा इस बार घटा है. इनमें Bank of Baroda और Union Bank शामिल हैं. बैंक ऑफ बड़ौदा का मुनाफा 8% गिरकर ₹4,809 करोड़ रह गया, जबकि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का मुनाफा 10% घटकर ₹4,249 करोड़ पर आ गया.
6 महीनों में तोड़ा रिकॉर्ड

सितंबर 2025 तक के पहले छह महीनों में सभी 12 सरकारी बैंकों का संयुक्त मुनाफा ₹93,674 करोड़ तक पहुंच गया है. यह अब तक का सबसे ज्यादा है और पिछले साल के ₹85,520 करोड़ की तुलना में करीब 10% की बढ़ोतरी दर्शाता है.

बाकी बैंकों का प्रदर्शन भी दमदार

बैंक ऑफ महाराष्ट्र और पंजाब एंड सिंध बैंक ने 23% की बढ़त दर्ज की. जबकि केनरा बैंक ने 19%, पंजाब नेशनल बैंक ने 14% और इंडियन बैंक ने 12% की वृद्धि दर्ज की. वहीं सिंगल डिजिट में बढ़त रिकॉर्ड करने वालों में बैंक ऑफ इंडिया 8% और यूको बैंक 3% पर हैं.
शेयरों का प्रदर्शन

Bank of Maharashtra के शेयर 58.44 रुपये पर मिल रहे हैं. 3 साल में इसने 154 फीसदी और 5 साल में 424 फीसदी तक का रिटर्न दिया है. पंजाब एंड सिंध बैंक के शेयर की कीमत 31.14 रुपये है. 3 साल में ये 62 फीसदी और 5 साल में 188 फीसदी बढ़ा है. वहीं पंजाब नेशनल बैंक के शेयर की कीमत 123 रुपये है. सालभर में ये 16 पर्सेंट उछला है. 3 साल में इसने 187 फीसदी और 5 साल में 344 फीसदी तक का रिटर्न दिया है.

छोटे बैंकों का शानदार प्रदर्शन

इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) ने सभी बैंकों में सबसे अधिक 58% की बढ़ोतरी दर्ज की और 1,226 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया. इसके बाद सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने 33% की वृद्धि के साथ 1,213 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया. इन बैंकों का बेहतर प्रदर्शन ऋण विस्तार, एनपीए में कमी और बेहतर ब्याज मार्जिन की वजह से संभव हुआ है.

कुछ बैंकों के मुनाफे में गिरावट

जहां अधिकतर सरकारी बैंकों ने अच्छा प्रदर्शन किया, वहीं बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को दूसरी तिमाही में झटका लगा. बैंक ऑफ बड़ौदा का शुद्ध लाभ 8% घटकर 4,809 करोड़ रुपये रह गया, जबकि पिछले वर्ष यह 5,238 करोड़ रुपये था. वहीं, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का मुनाफा 10% घटकर 4,249 करोड़ रुपये रह गया. इन बैंकों के मुनाफे में कमी का कारण ऋण लागत में वृद्धि और निवेश पर कम रिटर्न बताया जा रहा है.

फिलहाल, सरकारी बैंकों में विदेशी हिस्सेदारी बहुत कम है। यह सबसे ज्यादा केनरा बैंक (11.88 फीसदी) में है, उसके बाद एसबीआई (9.56 फीसदी), बैंक ऑफ बड़ौदा (8.71 फीसदी) और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (7.86 फीसदी) का स्थान है। बाकी बैंकों में यह 5 फीसदी से भी कम है; और कम से कम तीन बैंकों में तो यह कुछ ही आधार अंक है।

सरकारी बैंकों में सरकार की हिस्सेदारी कितनी रही है? न्यूनतम सीमा 51 फीसदी है, लेकिन कम से कम तीन बैंकों में यह 90 फीसदी से ज्यादा है। एसबीआई में यह 55.5 फीसदी है। बाकी बैंकों में यह 62.93 फीसदी से 89.27 फीसदी के बीच है।

क्या सरकार अपनी हिस्सेदारी विदेशी निवेशकों को बेचेगी? नहीं। मेरा अनुमान है कि सरकारी बैंक पात्र संस्थागत नियोजन (क्यूआईपी) और अन्य माध्यमों से नई पूंजी जुटाएंगे। चूंकि ये बैंक मजबूत और लाभ कमाने वाले हैं, इसलिए इनके लिए कई खरीदार होंगे। हालांकि इसे सफल बनाने के लिए सरकार को इन बैंकों के संचालन के तरीके पर पुनर्विचार करना चाहिए।

बैंकों में विदेशी हिस्सेदारी की सीमा हटाने से हालात बदलेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि बैंकों को व्यावसायिक संस्थाओं की तरह ही माना जाना चाहिए।

दूसरे बैंकों ने भी दिखाई मजबूती

बैंक ऑफ महाराष्ट्र और पंजाब एंड सिंध बैंक ने 23% की बढ़ोतरी दर्ज की. वहीं, केनरा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और इंडियन बैंक ने क्रमशः 19%, 14% और 12% की वृद्धि दर्ज की. ये आंकड़े दिखाते हैं कि सरकारी बैंक मजबूत वित्तीय अनुशासन और बेहतर क्रेडिट गुणवत्ता के साथ आगे बढ़ रहे हैं.

क्या होता है स्टैंडअलोन और कंसॉलिडेटेड?

कंपनियों के रिजल्ट दो भागों में आते हैं- स्टैंडअलोन और कंसॉलिडेटेड। स्टैंडअलोन में केवल एक सेगमेंट या यूनिट का वित्तीय प्रदर्शन दिखाया जाता है। जबकि, कंसॉलिडेटेड या समेकित फाइनेंशियल रिपोर्ट में पूरी कंपनी की रिपोर्ट दी जाती है।

वापस नहीं मिली राशि NPA हो जाती है

NPA यानी नॉन-परफॉर्मिंग असेट एक ऐसा बैंक लोन या क्रेडिट होता है, जिसका भुगतान उधार लेने वाला व्यक्ति या संस्था समय पर नहीं कर पाता।

आसान भाषा में, अगर कोई व्यक्ति या कंपनी बैंक से लिया गया कर्ज (लोन) की किस्त या ब्याज 90 दिन या उससे ज्यादा समय तक नहीं चुकाता, तो वह लोन NPA बन जाता है।

इससे बैंक को नुकसान होता है, क्योंकि उस पैसे की वसूली मुश्किल हो जाती है। मान लीजिए, आपने बैंक से 10 लाख का लोन लिया और 3 महीने से ज्यादा समय तक उसकी EMI नहीं भरी, तो वह लोन NPA माना जाएगा।

SBI के शेयर ने एक महीने में 10% रिटर्न दिया

तिमाही नतीजों के बाद SBI का शेयर आज 1% की तेजी के साथ अपने ऑल टाइम हाई 959.30 रुपए पर कारोबार कर रहा है। एक महीने में यह 10% और एक साल में 15% चढ़ा है।

बीते 6 महीने में बैंक का शेयर 21% से ज्यादा चढ़ा है। SBI का मार्केट कैप 8.84 लाख करोड़ रुपए है। वैल्यूएशन के मामले में यह देश की छठी सबसे बड़ी कंपनी है।

देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक है SBI

SBI देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक है। SBI में सरकार की 55.5% हिस्सेदारी है। 1 जुलाई 1955 को इसकी स्थापना हुई थी। बैंक का मुख्यालय मुंबई में है।

वहीं बैंक की 22,500 से ज्यादा ब्रांच और 50 करोड़ से ज्यादा ग्राहक हैं। बैंक दुनिया के 29 देशों में काम करता है। भारत के बाहर इसकी 241 ब्रांच हैं।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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