धार्मिक

9 नवंबर से वक्री होंगे बुध देव: जानिए किन राशियों पर पड़ेगा असर

ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को बुद्ध और वाणी का कारक माना गया है, जो कि कन्या और मिथुन राशि के स्वामी हैं. जिस व्यक्ति की कुंडली में बुध की स्थिति मजबूत होती है, वह व्यक्ति कारोबार और संचार के क्षेत्र में खूब तरक्की करता है. 9 नवंबर को बुध देव वृश्चिक राशि में वक्री हो रहे हैं. बुध का वक्री होने का मतलब है उल्टी चाल चलना. बुध के वक्री होने पर शुभ-अशुभ परिणाम की प्राप्ति होती है. इस लेख में हम जानेंगे कि बुध का वक्री होने क्या होता है और इसके क्या उपाय हैं.

बुध वक्री हो तो क्या होता है?
बुध वक्री का मतलब है कि पृथ्वी से देखने पर बुध ग्रह अपनी कक्षा में पीछे की ओर जाता हुआ प्रतीत होता है, जबकि असल में ऐसा नहीं होता है. आसान शब्दों में कहें तो”बुध वक्री होना” का मतलब है कि बुध ग्रह अपनी सामान्य चाल से उल्टी दिशा में चलता हुआ प्रतीत होता है. यह एक दृष्टि भ्रम है जो तब होता है जब पृथ्वी सूर्य के चारों ओर अपनी तेज गति से बुध को पार करती है.

ज्योतिष में बुध ग्रह को बुद्धि, संचार, व्यापार और यात्रा का कारक माना गया है. ऐसे में इस अवधि को गलतफहमी, तकनीकी गड़बड़ी और यात्रा में देरी जैसी समस्याओं से जोड़ा जाता है. बुध व्रकी अवस्था साल में 3 से 4 बार आती है और लगभग 3 सप्ताह तक रहती है.

बुध वक्री होने के प्रभाव

संचार में बाधा:- बातचीत में गलतफहमी हो सकती है, और आप जो कहना चाहते हैं, वह सही से व्यक्त नहीं हो पाता है.

तकनीकी समस्याएं:- कंप्यूटर, मोबाइल, इंटरनेट और बाकी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में खराबी आ सकती है.

यात्रा में देरी:- यात्रा की योजनाएं बाधित हो सकती हैं या उनमें अप्रत्याशित समस्याएं आ सकती हैं.

निर्णय लेने में कठिनाई:- व्यक्ति भ्रमित हो सकता है और अपने निर्णयों को बार-बार बदल सकता है.

मानसिक स्थिति:- झुंझलाहट, चिड़चिड़ापन और मानसिक असंतुलन महसूस हो सकता है.

वक्री बुध ग्रह का उपाय

    किसी विशेषज्ञ ज्योतिषी से सलाह लेकर असली पन्ना रत्न पहनें.
    रोजाना “ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः” या “ॐ बुं बुधाय नमः” मंत्रों का जाप करें.
    बुधवार को गणेश जी की पूजा करें या बुध यंत्र की स्थापना कर पूजा करें.
    हरे रंग की चीजें जैसे हरी मूंग, हरे कपड़े या पत्तेदार सब्जियां दान करें.
    बुधवार के दिन गायों को हरा चारा खिलाना भी लाभकारी होता है.
    बुधवार को खाली मटकी को बहते पानी में प्रवाहित करें.
    कन्याओं को भोजन कराकर हरे रंग का वस्त्र या रुमाल भेंट करें.

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button