समस्तीपुर में कचरे से मिलीं हजारों VVPAT पर्चियां, चुनाव आयोग ने ARO को किया निलंबित

समस्तीपुर
बिहार के समस्तीपुर के सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र में कचरे में बड़ी संख्या में वीवीपैट पर्चियां मिलने का मामला सामने आया। प्रशासन ने मौके से पर्चियों को जब्त कर लिया और संबंधित कर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई। मामले में समस्तीपुर के जिलाधिकारी रोशन कुशवाहा ने बताया कि बहुत सारी श्रेडेड पर्चियों के बीच कुछ अनश्रेडेड पर्चियां भी पाई गईं, जिन्हें प्रशासन ने कन्फिस्केट कर सीजर कर लिया है। वहीं, चुनाव आयोग ने इन्हें मॉक पोल की पर्चियां बताया है और त्वरित कार्रवाई करते हुए एआरओ को सस्पेंड कर दिया है।
जिलाधिकारी ने की अफवाह न फैलाने की अपील
जिलाधिकारी ने कहा कि जिन लोगों से लापरवाही हुई है, उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जा रही है और जांच में यह स्पष्ट हो जाएगा कि ये पर्चियां किस समय की हैं। अफवाह न फैलाने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि यह पूरा तकनीकी मामला है, जांच करते हुए सभी चीजें स्पष्ट हो जाएंगी। घटना सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र की है, जहां शीतलपट्टी गांव के पास हजारों वीवीपैट पर्चियां कचरे में पाई गईं। जिलाधिकारी के अनुसार, यह सामग्री कमीशनिंग/डिस्पैच सेंटर के पास मिली, जहां श्रेडेड पर्चियों के साथ कुछ अनश्रेडेड पर्चियां भी देखी गईं। प्रशासन ने मौके से पर्चियों को जब्त कर लिया है और संबंधितों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जिलाधिकारी ने कहा कि जांच के बाद पर्चियों का समय और स्रोत स्पष्ट कर दिया जाएगा और तब तक किसी भी प्रकार की अटकलों से बचने की अपील की।
जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि कमीशनिंग के दौरान 5% मशीनों पर 1000-1000 वोट का मॉक पोल होता है और सभी प्रत्याशियों के प्रतीक की लोडिंग जांचने के लिए बटन दबाकर परीक्षण किया जाता है। उन्होंने कहा कि स्थल पर काफी संख्या में कटी हुई/श्रेडेड पर्चियां भी मिली हैं, जिसकी जांच जारी है। इधर, मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने शनिवार को बिहार के समस्तीपुर विधानसभा क्षेत्र के सरायरंजन में एक मतदान केंद्र के बाहर वीवीपैट पर्चियां मिलने के संबंध में त्वरित स्पष्टीकरण जारी किया और इस बात पर जोर दिया कि यह घटना केवल मॉक पोल पर्चियों से संबंधित थी और इससे चुनाव प्रक्रिया को कोई खतरा नहीं है। विपक्षी दलों और स्थानीय मीडिया द्वारा उठाई गई चिंताओं का समाधान करते हुए, निर्वाचन सदन में एक प्रेस वार्ता के दौरान कुमार ने कहा, "मतदान प्रक्रिया की निष्पक्षता से कोई समझौता नहीं किया गया है।"कुमार ने बताया कि समस्तीपुर के जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) को तुरंत घटनास्थल का दौरा करने और जमीनी स्तर पर जांच करने का निर्देश दिया गया था। मुख्य चुनाव आयुक्त ने घोषणा की, "एआरओ चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों के अनुसार नकली मतदान सामग्री का उचित निपटान सुनिश्चित करने में विफल रहे। उन्हें तत्काल निलंबित किया जा रहा है और आईपीसी की धारा 188 (लोक सेवक के आदेश की अवज्ञा) के तहत प्राथमिकी दर्ज की जा रही है।"




