दिल्ली में ‘जहरीली हवा’ का कहर: कई इलाकों में AQI 400 के पार, स्थिति रेड ज़ोन में

नई दिल्ली
दिल्ली वालों को फिर 'जहरीली हवा' का सामना करना पड़ रहा है। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, शनिवार को दिल्ली के कई हिस्सों में एक्यूआई का स्तर 400 को पार कर गया। एक्यूआई का 400 के स्तर को पार करना जहरीली हवा की श्रेणी में माना जाता है। इसे गंभीर श्रेणी में हवा का होना भी कहते हैं। इससे राष्ट्रीय राजधानी देश के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक बन गई। आने वाले दिनों में दिल्ली में पलूशन की समस्या गहराने का अनुमान है। सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में हर दिन शाम को 4 बजे दर्ज किया जाने वाला 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) शनिवार को 361 अंक रहा। इससे दिल्ली 'रेड जोन' में आ गई। दिल्ली देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर बन गया। 24 घंटे के दौरान इसमें 39 अंकों की तेज बढ़ोतरी हुई है। दिल्ली के कई इलाकों में शनिवार को 5 बजे एक्यूआई 400 के पार यानी गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया।
इन इलाकों में AQI 400 पार
सीपीसीबी के मुताबिक, अलीपुर, बवाना, बुराड़ी क्रासिंग, आईटीओ, जहांगीरपुरी, नरेला, नेहरू नगर, रोहिणी, विवेक विहार और वजीरपुर जैसे इलाकों में शाम पांच बजे एक्यूआई का स्तर 400 को पार कर गया।
हवा में 3 गुने से ज्यादा प्रदूषक कण
शनिवार को पीएम2.5 और पीएम10 प्रमुख प्रदूषक बने रहे। शनिवार की शाम तीन बजे दिल्ली-एनसीआर की हवा में पीएम 100 का स्तर 321 और पीएम 2.5 का स्तर 187 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पर रहा। यानी दिल्ली-एनसीआर की हवा में मानकों से तीन गुने से भी ज्यादा प्रदूषक कण मौजूद हैं। मानकों के मुताबिक हवा में पीएम 10 का स्तर 100 से और पीएम 2.5 का स्तर 60 से नीचे होने पर ही उसे स्वास्थ्यकारी माना जाता है।
पराली, तापमान और हवा 3 फैक्टर जिम्मेदार
दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने के पीछे कई कारकों को जिम्मेदार माना जा रहा है। दिल्ली में दिन के ज्यादातर समय हवा की रफ्तार 10 किलोमीटर प्रति घंट से कम रह रही है। इससे प्रदूषक कणों का विसर्जन धीमा हो रहा है जबकि, दिन के समय हवा की रफ्तार बढ़ी तो उसकी दिशा उत्तरी पश्चिमी थी। यह हवा अपने साथ-साथ पराली का धुआं भी ला रही है। दिल्ली में न्यूनतम तापमान में खासी गिरावट दर्ज की गई है। इससे भी प्रदूषक कण देर तक बने रह रहे हैं।
पराली जलाने से बढ़ी समस्या
वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान के लिए निर्णय सहायता प्रणाली (डीएसएस) के अनुसार, दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने का योगदान लगभग 30 प्रतिशत था। वहीं परिवहन क्षेत्र का योगदान 15.2 फीसदी रहा। उपग्रह से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, शुक्रवार को पंजाब में पराली जलाने की 100, हरियाणा में 18 और यूपी में 164 घटनाएं हुईं।
खराब रहेगी दिल्ली की हवा
दिल्ली के लिए वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली का पूर्वानुमान है कि अगले कुछ दिनों के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' श्रेणी में बनी रहेगी। वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली के मुताबिक, अगले तीन-चार दिनों के बीच दिन के ज्यादातर समय हवा की रफ्तार दस किलोमीटर से नीचे रहेगी। जबकि, तापमान भी सामान्य से नीचे रहने की संभावना है। इसके चलते प्रदूषक कणों का विसर्जन धीमा होगा। अगले चार-पांच दिनों के बीच दिल्ली की वायु गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में ही रहने के आसार हैं।
सुबह दिखेगी धुंध लेकिन दोपहर में राहत
इस बीच मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली में 14 नवंबर तक दिल्ली में सुबह के वक्त धुंध छाने का अनुमान है। मौसम विभाग की मानें तो तापमान गिरने और ठंड बढ़ने की वजह से इस हफ्ते दिल्ली में धुंध देखी जा सकती है। हालांकि दोपहर के वक्त हवा की रफ्तार अधिक होने से धुंध छटने की भी संभावनाएं हैं। कुल मिलाकर दिल्ली वालों को इस हफ्ते यानी अगले छह दिन सुबह के वक्त धुंध जारी रहने का अनुमान है।




