राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

मेहुल चोकसी की संपत्तियों की नीलामी को कोर्ट की मंजूरी, फ्लैट से लेकर कीमती रत्न तक शामिल

अहमदाबाद

23 हजार करोड़ के पीएनबी घोटाले के आरोपी मेहुल चौकसी की 13 संपत्तियों की नीलामी की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होने वाली है। पीएमएलए अदालत ने 46 करोड़ रुपये की कंपनियों की नीलामी की इजाजत दे दी है। इनमें बोरीवली का एक फ्लैट (कीमत 2.6 करोड़ रुपये), बीकेसी में भारत डायमंड बोर्स और कार पार्किंग का स्पेस (कीमत 19.7 करोड़), गोरेगांव की 6 फैक्ट्रियां (18.7 करोड़), चांदी की ईंटें, कीमती रत्न और कंपनी की कई मशीनें शामिल हैं।

विशेष जज एवी गुजराती ने कहा, अगर इन संपत्तियों के ऐसा ही पड़ा रहने दिया जाता है तो इनकी कीमत घटती ही चली जाएगी। इसलिए उन्हें तुरंत नीलाम करना जरूरी है। जज ने कहा कि लिक्विडेटर को फिर से प्रॉपर्टी का वैल्युएशन करवाने का अधिकार है। इसके बाद संपत्तियों की नीलामी की जा सकती है।

कोर्ट ने कहा कि लिक्विडेटर इससे प्राप्त राशि को जमा करने के लिए आईसीआईसीआई बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट कर सकता है। बता दें कि एनसीएलटी ने 7 फरवरी 2024 को लिक्विडेटर की नियुक्ति की थी। इसके बाद कोर्ट ने नीरव मोदी और चोकसी की संपत्तियों की कीमत निर्धारित करने को अनुमति दे दी थी। बता दें कि इस समय नीरव मोदी यूके की जेल में है और चोकसी बेल्जियम की जेल में है।

बेल्जियम के सुप्रीम कोर्ट पहूंचा मेहुल चोकसी
मेहुल चोकसी ने बेल्जियम के सुप्रीम कोर्ट में 17 अक्टूबर को एंटवर्प की अपीलीय अदालत के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें भारत के प्रत्यर्पण अनुरोध को ‘लागू करने योग्य’ करार दिया गया था। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। एंटवर्प स्थित अपीलीय अदालत के सरकारी अभियोजक ने कहा कि चोकसी ने 30 अक्टूबर को ‘कोर्ट ऑफ कैसेशन’ (उच्चतम न्यायालय) में अपील दायर की थी।

महाधिवक्ता केन विटपास ने जवाब में कहा, “यह अपील पूरी तरह से कानूनी तथ्यों तक सीमित है और इसका निर्णय शीर्ष अदालत द्वारा किया जाएगा। इस प्रक्रिया के दौरान, प्रत्यर्पण की प्रक्रिया निलंबित रहेगी।”

17 अक्टूबर को एंटवर्प की अपीलीय अदालत के चार सदस्यीय अभियोग कक्ष ने जिला अदालत के प्री-ट्रायल कक्ष द्वारा 29 नवंबर 2024 को जारी आदेशों में कोई खामी नहीं पाई। अदालत ने मुंबई की विशेष अदालत द्वारा मई 2018 और जून 2021 में जारी गिरफ्तारी वारंटों को ‘लागू करने योग्य’ करार दिया, जिससे मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण का मार्ग प्रशस्त हो गया।

अपीलीय अदालत ने फैसला सुनाया कि 13,000 करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले के मुख्य आरोपी भगोड़े चोकसी को भारत प्रत्यर्पित किए जाने पर निष्पक्ष सुनवाई से वंचित किए जाने या दुर्व्यवहार का सामना किए जाने का “कोई खतरा” नहीं है। सीबीआई ने अपने आरोपपत्र में आरोप लगाया है कि 13,000 करोड़ रुपये के घोटाले में अकेले चोकसी ने 6,400 करोड़ रुपये की हेराफेरी की है।

घोटाले का पता चलने से कुछ दिन पहले जनवरी 2018 में एंटीगुआ और बारबुडा भाग गए चोकसी को बेल्जियम में देखा गया, जहां वह कथित तौर पर इलाज कराने के लिए पहुंचा था। भारत ने मुंबई की विशेष अदालत द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट के आधार पर 27 अगस्त, 2024 को बेल्जियम को प्रत्यर्पण अनुरोध भेजा। भारत ने चोकसी की सुरक्षा, भारत में मुकदमे के दौरान उसके सामने आने वाले आरोपों, जेल व्यवस्था, मानवाधिकारों और चिकित्सा आवश्यकताओं के संबंध में बेल्जियम को कई आश्वासन दिए हैं।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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