भोपाल-इंदौर और राजगढ़ में सीवियर कोल्ड वेव अलर्ट, जबलपुर में सीजन की सबसे ठंडी रात

भोपाल
मध्य प्रदेश में इस बार नवंबर की शुरुआत में ही कड़ाके की ठंड ने लोगों को कंपा दिया है। हालात ऐसे हैं कि प्रदेश के कई शहरों में तापमान हिमाचल और उत्तराखंड के हिल स्टेशनों से भी नीचे पहुंच गया है। मौसम विभाग ने भोपाल, इंदौर समेत 14 जिलों में कोल्ड वेव (शीतलहर) का अलर्ट जारी किया है।
पहाड़ी राज्यों जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड में हो रही बर्फबारी का असर अब मध्य प्रदेश पर साफ दिख रहा है। राजधानी भोपाल में तापमान 8.8 डिग्री सेल्सियस, जबकि इंदौर में 7.9 डिग्री तक लुढ़क गया। तुलना करें तो शिमला में पारा 8.8 डिग्री, मसूरी में 8.6 डिग्री और देहरादून में 11.7 डिग्री दर्ज हुआ। यानी, इंदौर इन हिल स्टेशनों से भी ज्यादा ठंडा हो गया है।
मौसम विभाग के अनुसार राजस्थान से आ रही ठंडी हवाओं का असर मंगलवार से और बढ़ेगा। शाजापुर, सीहोर, बैतूल, छतरपुर, पन्ना और रीवा-सतना आदि जिलों में भी शीतलहर चलने की आशंका है। आज भोपाल, राजगढ़ और इंदौर में तीव्र शीतलहर चल सकती है। मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक फिलहाल ग्वालियर संभाग में तापमान में ज्यादा गिरावट नहीं हुई है, क्योंकि इस दिशा से अभी उत्तर की बर्फीली हवाएं नहीं पहुंची हैं।
जैसे ही ये हवाएं आएंगी, तापमान में और गिरावट दर्ज की जाएगी। मौसम विज्ञानियों ने बताया कि वर्तमान में कोई मजबूत मौसम प्रणाली सक्रिय नहीं है, जिसके कारण प्रदेश में ठंड का असर लगातार बढ़ रहा है। अगले 24 घंटे प्रदेश में मौसम शुष्क रहेगा और रात के तापमान में गिरावट जारी रहेगी।
मौसम विभाग के अनुसार, एमपी के उत्तरी हिस्से में वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) सक्रिय है। इसकी वजह से उत्तर से आ रही ठंडी हवाएं पूरे प्रदेश में सर्दी बढ़ा रही हैं। मंगलवार को भोपाल, इंदौर और राजगढ़ में सीवियर कोल्ड वेव, जबकि शाजापुर, सीहोर, देवास, बैतूल, नर्मदापुरम, मंडला, रीवा, शहडोल जैसे जिलों में शीतलहर चलने की संभावना है।
पिछले तीन दिनों से प्रदेश के पश्चिमी हिस्से में तेज ठंड का असर था, लेकिन अब पूर्वी जिलों में भी पारा रिकॉर्ड स्तर तक गिरा है। शहडोल का कल्याणपुर इस समय सबसे ठंडा स्थान रहा, जहां तापमान 7.2 डिग्री तक पहुंच गया।
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार ठंड का सीजन ज्यादा लंबा चलेगा। सामान्यत: नवंबर के अंत से जनवरी तक तेज सर्दी रहती है, लेकिन इस बार हिमालयी क्षेत्रों में जल्दी एक्टिव हुए विक्षोभ के कारण नवंबर के दूसरे सप्ताह से ही ठिठुरन शुरू हो गई है। अनुमान है कि इस बार सर्दी 80 से 85 दिन तक चल सकती है।
एमपी के शहरों में शिमला जैसी ठंड रविवार को बड़े शहरों में भोपाल में तापमान 8.8 डिग्री, इंदौर में 7.9 डिग्री, ग्वालियर में 10.5 डिग्री, उज्जैन में 11 डिग्री और जबलपुर में पारा 10.2 डिग्री सेल्सियस रहा। मौसम विभाग के अनुसार, रविवार-सोमवार की रात में ही शिमला में पारा 8.8 डिग्री दर्ज किया गया। यानी, जितना शिमला में रात का तापमान था, उतना भोपाल में भी रहा। वहीं, इंदौर में पारा 7.9 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। इस हिसाब से देहरादून (11.7 डिग्री), मसूरी (8.6 डिग्री) और शिमला (8.8 डिग्री) इंदौर से पीछे रहे।
इस बार ज्यादा दिन तक पड़ेगी तेज सर्दी मौसम विशेषज्ञ पीके शाह ने बताया- पहाड़ों की बर्फबारी का असर मध्य प्रदेश में देखने को मिल रहा है। इस वजह से ही पारे में खासी गिरावट हुई है। आम तौर पर प्रदेश में तेज सर्दी का असर नवंबर के दूसरे पखवाड़े से शुरू होता है, जो जनवरी के आखिरी तक रहता है, लेकिन इस बार हिमालय क्षेत्र में वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक सप्ताह पहले ही एक्टिव हो गए। इस वजह से नवंबर के दूसरे सप्ताह से ही कड़ाके की ठंड का दौर शुरू हो गया।
यदि वेस्टर्न डिस्टरबेंस ऐसे ही एक्टिव रहते हैं तो प्रदेश में तेज सर्दी 75 दिन की बजाय 80 से 85 दिन तक रह सकती है।
इस बार 25 साल का रिकॉर्ड टूटा नवंबर के दूसरे ही सप्ताह में कड़ाके की ठंड से कई शहरों में रिकॉर्ड टूट गए हैं। राजधानी भोपाल में नवंबर का पिछले 10 साल का रिकॉर्ड टूट गया। यहां न्यूनतम तापमान 8 डिग्री पहुंच चुका है, जो साल 2015 के बाद सबसे कम है। इंदौर में पारा 7 डिग्री तक जा चुका है। इंदौर में पिछले 25 साल में नवंबर में इतनी सर्दी कभी नहीं पड़ी। यहां नवंबर की ठंड का ओवरऑल रिकॉर्ड 1938 का है, जब पारा 5.6 डिग्री पर पहुंचा था।
दिन में भी ठंडक, पारा लुढ़का रात के अलावा दिन में भी ठंडक घुलने लगी है। सोमवार को ज्यादातर शहरों में पारा 28 डिग्री सेल्सियस से नीचे ही रहा। मौसम विशेषज्ञ शाह ने बताया कि दिन में धूप निकलने से पारा बढ़ा है। धूप न निकलने की स्थिति में दिन के तापमान में भी गिरावट दर्ज हो सकती है।




