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बिहार विधानसभा 2025: महिलाओं ने बनाया रिकॉर्ड, पुरुष वोटिंग को पीछे छोड़ा — एग्जिट पोल में गेमचेंजर बनेंगी महिलाएं?

पटना 

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दोनों चरणों का मतदान संपन्न हो गया है. पहले चरण में 6 नवंबर को 65.08% और दूसरे चरण में इससे भी अधिक मतदान दर्ज किया गया, जिससे स्पष्ट है कि इस बार जनता ने बढ़-चढ़कर अपनी राय रखी है. खासतौर पर महिलाओं और युवाओं की भागीदारी ने इस चुनाव को ऐतिहासिक बना दिया है.

किस पार्टी को मिला महिलाओं का वोट?

पीपुल्स पल्स रिसर्च ऑर्गनाइजेशन के एग्जिट पोल के अनुसार, बिहार की महिलाओं ने एनडीए के पक्ष में बड़ी संख्या में मतदान किया है. सर्वे के मुताबिक 45.8% मतदाताओं ने एनडीए को वोट दिया, जबकि कुल 66.8% ने गठबंधन के प्रति सकारात्मक रुख दिखाया. लिंग आधारित विश्लेषण में 38.2% पुरुषों ने महागठबंधन को समर्थन दिया, जबकि केवल 24.8% महिलाओं ने विपक्ष को वोट किया. इसका अर्थ है कि महिला वोटर एनडीए के पक्ष में निर्णायक भूमिका निभा रही हैं.

महिलाओं ने क्यों NDA को दिया ज्यादा वोट?

महिलाओं द्वारा एनडीए को अधिक वोट देने के पीछे “जीविका दीदी योजना” को अहम कारण माना जा रहा है. इस योजना के तहत बिहार सरकार ने 1.5 करोड़ महिलाओं को 10-10 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी थी. यह योजना एनडीए के लिए “गेमचेंजर” साबित हुई, क्योंकि इससे महिला मतदाताओं में भारी उत्साह पैदा हुआ. विशेषज्ञों का मानना है कि इस स्कीम का प्रभाव लगभग 4.5 करोड़ मतदाताओं तक पड़ सकता है, जिससे चुनावी समीकरण पर सीधा असर पड़ा.

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए को महिलाओं का यह समर्थन निर्णायक बढ़त दिला सकता है. दूसरी ओर, महागठबंधन महिला वोट बैंक में पिछड़ता दिख रहा है.

बिहार में इस बार महिलाएं बनेंगी गेमचेंजर? 

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में महिलाओं ने मतदान के इतिहास की नई पटकथा लिख दी है. राज्य में दो चरणों की वोटिंग में ना सिर्फ रिकॉर्ड मतदान हुआ, बल्कि महिलाओं ने भागीदारी के मामले में पुरुषों को पीछे छोड़ दिया. दोनों चरणों को मिलाकर 71.06 फीसदी यानी 3.51 करोड़ महिलाओं ने मतदान किया, जो अब तक का सबसे हाई आंकड़ा है. यह पिछले चुनावों की तुलना में करीब 10 प्रतिशत ज्यादा है. दूसरी ओर, पुरुषों में 62.8 फीसदी यानी 3.93 करोड़ मतदाताओं ने वोट डाले. यानी महिला और पुरुष वोटिंग में करीब 9 प्रतिशत (8.8%) का अंतर रिकॉर्ड किया गया है.

राज्य में कुल 66.91 फीसदी मतदान के साथ 1951 से अब तक का सबसे हाई वोटिंग रिकॉर्ड बना है. पहले चरण में 69.04 फीसदी महिलाओं और दूसरे चरण में 74.03 फीसदी महिलाओं ने वोट डालकर दिखा दिया कि बिहार की 'नारी शक्ति' अब सिर्फ दर्शक नहीं, बल्कि चुनावी गणित बदलने वाली संभावित गेमचेंजर बन चुकी है.

दोनों चरणों में 71 फीसदी महिलाओं ने वोट किया

बिहार में दो चरणों 6 नवंबर और 11 नवंबर को वोटिंग में नारी शक्ति ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया और पुरुषों को पीछे छोड़ दिया. दोनों चरणों में 71.06 फीसदी यानी 3,51,45,791 महिलाओं ने वोटिंग में हिस्सा लिया. यह अब तक का सर्वोच्च मतदान है. पिछले उच्च मतदान से 10 प्रतिशत ज्यादा है.

पुरुषों की बात करें तो दोनों चरणों में 39379366 ने मतदान किया. यानी कुल 62.8 फीसदी पुरुषों ने मतदान में हिस्सा लिया. यह आंकड़ा भी पिछले दो दशकों में सबसे ज्यादा है. हालांकि, 1990 के दशक के मतदान से कम है.

9 फीसदी कम रहा पुरुषों का मतदान

आंकड़े के मुताबिक, पुरुष मतदाताओं की हिस्सेदारी महिला वोटर्स के मुकाबले करीब 9 फीसदी (8.8%) कम रही. महिला और पुरुषों के बीच वोटिंग में 4233575 का अंतर रहा.

पहले चरण में वोटिंग की बात करें तो 69.04 फीसदी यानी 1,76,77,219 और दूसरे चरण में 74.03 फीसदी यानी 1,74,68,572 महिलाओं ने मतदान किया. 

पुरुषों की बात करें तो पहले चरण में 61.56 फीसदी यानी 1,98,35,325  और दूसरे चरण में 64.1 फीसदी यानी 1,95,44,041 ने मताधिकार का प्रयोग किया.

कितने महिला-पुरुषों ने मतदान किया?

कुल मतदाताओं की बात करें तो पहले चरण में 37513302 महिला-पुरुषों ने वोटिंग में हिस्सा लिया. यानी पहले चरण में 65.08 फीसदी वोटिंग हुई. दूसरे चरण में 37013556 महिला-पुरुषों ने वोटिंग की और 68.76% वोटिंग हुई.

कुल 74526858 लोगों ने मतदान में हिस्सा लिया और दोनों चरणों में कुल 66.91 प्रतिशत मतदान रहा. हालांकि, ये आंकड़े अंतिम नहीं हैं और इसमें डाक मत पत्र शामिल नहीं हैं.

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने साथी आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी के साथ दूसरे चरण में सभी 45,399 मतदान केंद्रों की वेबकास्टिंग सुविधा के जरिए ईसीआई के नियंत्रण केंद्र से चुनावों के संचालन की निगरानी की.

8.5 लाख से ज्यादा कर्मचारी उतरे मैदान में

बिहार में दो चरणों में हुए चुनावों में 8.5 लाख से ज्यादा मतदान संबंधी कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई. 2,616 उम्मीदवार मैदान में उतरे और 1.4 लाख से ज्यादा मतदान एजेंट बनाए गए. 243 सामान्य पर्यवेक्षक, 38 पुलिस पर्यवेक्षक और 67 व्यय पर्यवेक्षक चुनाव संचालन और निगरानी करने वाली चुनाव मशीनरी का हिस्सा रहे.

इस वर्ष पहली बार, अंतर्राष्ट्रीय चुनाव आगंतुक कार्यक्रम (IEVP) के अंतर्गत, दक्षिण अफ्रीका, इंडोनेशिया, थाईलैंड, फिलीपींस, बेल्जियम और कोलंबिया जैसे छह देशों के 16 प्रतिनिधियों ने बिहार का दौरा किया और चुनाव प्रक्रिया देखी. प्रतिनिधियों ने बिहार चुनावों की सराहना करते हुए कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सबसे सुव्यवस्थित, पारदर्शी, कुशल और सहभागी चुनावों में से एक है.

किस पार्टी को मिले कितने प्रतिशत वोट?

पीपुल्स पल्स के एग्जिट पोल के आंकड़ों के अनुसार, एनडीए को लगभग 46.2% वोट मिलने का अनुमान है, जबकि महागठबंधन को 37.9% वोट मिलने की संभावना जताई गई है. प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी को 9.7% वोट मिलने का अनुमान है, जबकि शेष छोटे दलों को करीब 6.2% वोट मिलने की संभावना है. कुल मिलाकर, बढ़ी महिला भागीदारी ने बिहार चुनाव की दिशा तय कर दी है.

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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