राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

भावांतर योजना को गति देने मंडी बोर्ड लेगा 1,500 करोड़ का कर्ज

भोपाल
सोयाबीन का किसानों को समर्थन मूल्य दिलाने के लिए लागू की गई भावांतर योजना में पहला भुगतान गुरुवार को होगा। मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव देवास से किसानों के खातों में माडल दर से अंतर की राशि अंतरित करेंगे। योजना में आठ सौ रुपये प्रति क्विंटल राशि केंद्र सरकार से मिलेगी।

बाकी राशि की व्यवस्था प्रदेश सरकार को करनी है। इसके लिए मंडी बोर्ड सरकार की गारंटी पर 1,500 करोड़ रुपये का कर्ज ले रहा है। प्रदेश में खरीफ सीजन की सबसे महत्वपूर्ण फसल सोयाबीन है। करीब 45 लाख हेक्टेयर में लाखों किसान इसकी खेती करते हैं। इस बार समर्थन मूल्य 5,328 रुपये तय है लेकिन किसानों को समर्थन मूल्य का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसी कारण सरकार ने भावांतर योजना लागू की है।
 
सरकार ने सोयाबीन का माडल रेट 4,036 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। प्रतिदिन मॉडल रेट तय किए जा रहे हैं। किसानों को मंडी में चार से साढ़े चार हजार रुपये ही मिल पा रहे हैं क्योंकि इस बार अतिवर्षा और बाढ़ से फसल प्रभावित हुई है। उत्पादन भी कम हुआ है।

भावांतर के लिए राशि की व्यवस्था फिलहाल मंडी बोर्ड कर रहा है। इसके लिए उसने 1,500 करोड़ रुपये का कर्ज लेने की निविदा जारी की है। योजना के लिए नौ लाख से अधिक किसानों ने पंजीयन कराया है और एक लाख 36 हजार किसान उपज बेच चुके हैं। इन्हें भावांतर दिया जाएगा। इसके लिए राज्य स्तरीय कार्यक्रम गुरुवार को देवास में किया जा रहा है, जिसमें मुख्यमंत्री सिंगल क्लिक के माध्यम से राशि किसानों के खातों में अंतरित करेंगे।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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