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हार के बाद खेसारी लाल यादव का बयान: ‘मुझे नेता नहीं बनना था…’

पटना

बिहार चुनाव का परिणाम 14 नवंबर को आया और NDA को प्रचंड बहुमत मिला। अब नीतीश अपनी सरकार बनाने की तैयारी कर रहे हैं और विपक्षी खेमे में अफरा-तफरी मची हुई है। इसी बीच भोजपुरी के हीरो और छपरा से आरजेडी के उम्मीदवार खेसारी लाल यादव चुनाव में पटखनी खाने के बाद कह रहे हैं कि वह कभी नेता नहीं बनना चाहते थे। राजनीति की दुनिया सबसे अलग है।

चुनाव लगभग 8 हजार वोटों से हारने के बाद खेसारी लाल यादव का सुर बदलते हुए दिखाई दे रहे हैं। वहीं चुनाव के पहले छपरा सीट को जीतने के लिए दनादन चुनाव प्रचार किए, जनता का समर्थन पाने के लिए एड़ी से चोटी तक का जोर लगा दिए। इतना ही नहीं प्रचार करने के दौरान अपने बयानबाजी से कई भोजपुरी कलाकारों से व्यक्तिगत विवाद भी कर लिए उसके बाद भी चुनाव जीतने में असफल रहे।

मुझे नेता बनना ही नहीं था- खेसारी
अब एक नीजी चैनल से बात करते हुए खेसारी लाल यादव ने कहा कि मैं नेता बनना ही नहीं चाहता था. मैं शुरू से चुनाव के विरोध में था. सच पूछिए तो मैं राजनीति में आना ही नहीं चाहता था। ना ही मैं जीवन में कभी नेता बन पाऊंगा, क्योंकि मैं दिमाग से कभी सोचता ही नहीं। मेरे जीवन मैं जो भी चीजें सोचता हूं दिल से सोचता हूं। और दिल से सोचने वाले लोग ऐसी जगह पर नहीं रह सकते।

हार मिली तो भावुक हो गए खेसारी
खेसारी लाल यादव को शायद उम्मीद नहीं थी की चुनावी परिणाम उनके पक्ष में नहीं होगा। इसलिए रिजल्ट आने के बाद वह भावुक हो गए थे। वीडियो में बात करते हुए वो अपने आंसू छिपाते हुए नजर आए, उन्होंने जनता का शुक्रिया अदा किया और कहा था कि- 'मैं हमेशा से एक बेटे की तरह आप लोगों के बीच में रहना चाहता था। और रहूंगा भी। आगे भी यही प्रयास करूंगा कि बेटे की तरह आपका प्यार और स्नेह लूं। हमने प्रयास किया। मेरी टीम और मुझसे जुड़े सारे लोगों ने बहुत मेहनत की. जीत हार अपनी जगह है। मेरे दिल और जुबान पर आप लोगों के लिए हमेशा सम्मान था और रहेगा।''

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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