राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

मध्यप्रदेश के पहले 132 के.व्ही. सबस्टेशन ज्योति नगर उज्जैन ने पूरे किए 65 वर्ष

पांच सिंहस्थ सहित शहर को दी निर्बाध विद्युत आपूर्तिः छठे सिंहस्थ के लिये भी तैयार

भोपाल 
ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने जानकारी दी है कि उज्जैन की ऐतिहासिक एवं धार्मिक महत्ता को देखते हुए सिंहस्थ-2028 के लिए शहर की विद्युत पारेषण प्रणाली को और अधिक सुदृढ़, आधुनिक और विश्वसनीय बनाने के लिए विशेष पहल की जा रही है। मध्यप्रदेश में सबसे पहले स्थापित 132 के.वी. सबस्टेशन — "ज्योति नगर उज्जैन'' के अपनी गौरवशाली यात्रा के 65 वर्ष पूर्ण करने पर इस सब स्टेशन को सिंहस्थ 28 के लिए विशेष तौर पर तैयार किया जा रहा है । ॥। वर्ष 1960 में प्रारंभ हुआ यह सब स्टेशन राज्य के ट्रांसमिशन नेटवर्क के विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर सिद्ध हुआ है। यह न केवल उज्जैन की बढ़ती ऊर्जा आवश्यकताओं का सशक्त आधार रहा है, बल्कि प्रदेश के ट्रांसमिशन नेटवर्क की नींव रखने वाले प्रमुख केंद्रों में से एक है। इस सब स्टेशन ने विगत पांच सिंहस्थ में उज्जैन को निर्बाध विद्युत आपूर्ति प्रदान कर अपनी तकनीकी दक्षता और विश्वसनीयता सिद्ध की है तथा अब आगामी छठे सिंहस्थ 2028 के लिए भी पूरी तरह तैयार है।

सिंहस्थ सर्वोच्च प्राथमिकता में
ऊर्जा मंत्री श्री तोमर ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में एम.पी. ट्रांसको सिंहस्थ 2028 की तैयारियों को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहा है। उज्जैन के इस ऐतिहासिक पहले 132 के.वी. सबस्टेशन का तकनीकी उन्नयन, आधुनिकीकरण और रखरखाव निरंतर किया जा रहा है जिससे सिंहस्थ के दौरान निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित रहे।

1960 से सतत क्रियाशील
17 नवंबर 1960 मे स्थापना के समय इस सब स्टेशन पर 132/66/11 के.वी. 30 एम.वी.ए. क्षमता के दो ट्रांसफॉर्मर एवं 132/33 के.वी. 20 एम.वी.ए. क्षमता का एक ट्रांसफॉर्मर स्थापित था। क्षेत्र में वोल्टेज स्थिरीकरण के उद्देश्य से वर्ष 1967 में 30 एम.वी.ए.आर. क्षमता का मित्सुबिशी (जापान) निर्मित कंडेंसर लगाया गया, जो वर्ष 2004 तक कार्यरत रहा।

आरंभिक वर्षों में इस सबस्टेशन को गांधीसागर जल विद्युत संयंत्र से सीधे 132 के.वी. फीडर द्वारा विद्युत आपूर्ति प्राप्त होती थी। इसके माध्यम से उस समय की प्रमुख औद्योगिक इकाइयों — विनोद मिल, इसको स्टेंट इंडस्ट्रीज़ इंदौर, टेक्सटाइल यूनिट्स, पाइप फैक्टरी उज्जैन तथा नगर क्षेत्र को विद्युत प्रदाय किया जाता था।

खेडापति फीडर के माध्यम से होती रही है सिंहस्थ मे विद्युत आपूर्ति
इस सबस्टेशन से 66 के.वी. फीडर के माध्यम से नागदा ग्रेसीम सहित नागदा क्षेत्र को तथा 33 के.वी. फीडर द्वारा राजगढ़, सरदारपुर, बड़नगर एवं बदनावर क्षेत्रों को भी विद्युत आपूर्ति की जाती रही है। विशेष रूप से 33 के.वी. खेड़ापति फीडर के माध्यम से सिंहस्थ क्षेत्र एवं उज्जैन कमिश्नरी सहित नगर जलापूर्ति के लिये विद्युत प्रदाय होता रहा है।

वर्तमान में इस सबस्टेशन की कुल स्थापित क्षमता 103 एम.वी.ए. (63 एम.वी.ए. + 40 एम.वी.ए.) है। 132 के.वी. सबस्टेशन ज्योति नगर आज भी उज्जैन शहर की विद्युत आपूर्ति व्यवस्था का एक अभिन्न एवं ऐतिहासिक केंद्र है, जिसने दशकों से विश्वसनीयता, सेवा और निरंतरता का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया है।

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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