लोकसभा में पास हुआ ‘जी राम जी’ बिल, सदन में फाड़ी गई कॉपी, चर्चा कल तक स्थगित

नई दिल्ली
संसद के मानसून सत्र का गुरुवार को 14वां दिन है. आज विकसित भारत जी राम जी बिल के लोकसभा से पारित होने की संभावना है. इस विधेयक पर बुधवार देर रात तक सदन में चर्चा चली थी. गुरुवार को ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान चर्चा का जवाब दे रहे हैं. इस बीच विपक्षी सदस्य इस विधेयक का जमकर विरोध कर रहे हैं. उसका कहना है कि इस विधेयक में राज्यों पर बोझ बढ़ाया गया है. साथ ही खेती के सीजन में 60 दिनों तक काम न देने का प्रावधान मजदूर विरोधी है. इसको विपक्षी सदस्यों ने गुरुवार सुबह में संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरना प्रदर्शन किया. लोकसभा से पास होने के बाद इस विधेयक को आज राज्यसभा में पेश किए जाने की संभावना है.
शिवराज सिंह चौहान ने कहा, मनरेगा का नाम पहले पहले महात्मा गांधी के नाम पर नहीं रखा गया। वो तो पहले नरेगा थी। बाद में जब 2009 के चुनाव आए तब चुनाव और वोट के कारण महात्मा गांधी याद आए। बापू याद आए। तब उसमें जोड़ा गया महात्मा गांधी।
इसके बाद सदन में 'VB-जी राम जी बिल' बिल ध्वनिमत से पास हो गया। इससे पहले विपक्ष ने इस बिल के विरोध में संसद परिसर में मार्च निकाला। इसमें विपक्ष के 50 से ज्यादा सांसदों ने हिस्सा लिया और VB-G-RAM-G बिल वापस लेने के नारे लगाए।
इससे पहले बुधवार को लोकसभा में VB-G-RAM-G बिल पर 14 घंटे चर्चा हुई। कार्यवाही देर रात 1:35 बजे तक चली। इसमें 98 सांसदों ने हिस्सा लिया। विपक्ष ने मांग की कि प्रस्तावित कानून को स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजा जाए। यह 20 साल पुराने MGNREG एक्ट की जगह लेगा।
शिवराज चौहान ने याद दिलाई गांधीगीरी
विपक्ष के हंगामे को लेकर शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इस तरह जो आप बिल फाड़कर फेंक रहे हैं, वह महात्मा गांधी की अहिंसा की नीति के खिलाफ है। कांग्रेस की सांसद प्रियंका गांधी ने कहा कि यह विधेयक तो मनरेगा स्कीम को ही खत्म करने की साजिश है।
विपक्षी सांसदों की ओर से बिल की कॉपी फाड़कर फेंके जाने पर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि आपको सदन में जनता के मुद्दे उठाने चाहिए, लेकिन हंगामा करने और बिल की कॉपी फाड़कर फेंकने से कोई मसला हल नहीं होता।
लोकसभा की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित
लोकसभा में जैसे ही मनरेगा स्कीम का नाम बदने वाला बिल पास हुआ, वैसे ही विपक्षी दलों के सांसदों ने हंगामा करना शुरू कर दिया है। इससे पहले कुछ सांसद वेल तक आ गए और बिल की कॉपी को फाड़कर केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह सिंह के ऊपर फेंक दिया। इसके बाद लोकसभा की कार्यवाही को पूरे दिन तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
विपक्षी सांसदों ने फाड़ी बिल की कॉपी…
विपक्षी सदस्यों ने सदन में कागज़ फाड़कर और नारे लगाकर कार्यवाही में बाधा डाली. इससे पहले, उन्होंने बिल वापस लेने की मांग करते हुए संसद परिसर के अंदर विरोध मार्च किया था. कांग्रेस चीफ मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस कानून को गांधी का अपमान और ग्रामीण भारत में सामाजिक-आर्थिक बदलाव लाने वाले काम के अधिकार पर हमला बताया. सीनियर कांग्रेस नेता सोनिया गांधी मकर द्वार पर सांसदों के साथ प्रदर्शन में शामिल हुईं.
संसद में बुधवार की कार्रवाई की बड़ी बातें…
5 हजार से ज्यादा सरकारी स्कूलों में एक भी स्टूडेंट नहीं- देशभर में 10.13 लाख सरकारी स्कूलों में से 5,149 में एक भी छात्र नहीं है। 2024-25 शैक्षणिक सत्र में जीरो नामांकन वाले इन स्कूलों में से 70% से ज्यादा तेलंगाना व पश्चिम बंगाल में हैं। यह जानकारी शिक्षा मंत्रालय ने संसद में दी है। शून्य या 10 से कम छात्रों वाले स्कूलों की संख्या में बीते दो साल में 24% की बढ़ोतरी हुई है।
43 ओटीटी प्लेटफॉर्म्स की पहुंच देशभर में बंद- केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री एल मुरुगन ने एक सवाल के जवाब में लोकसभा में बताया कि 43 ओटीटी प्लेटफॉर्म्स की पहुंच को ब्लॉक कर दिया गया है। यह कार्रवाई उन प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ की गई है, जो कानून द्वारा प्रतिबंधित कंटेंट प्रसारित कर रहे थे।




