NCERT AI Books: कक्षा 11-12 के लिए आ रही हैं AI की नई किताबें, स्कूली शिक्षा में डिजिटल युग की शुरुआत

नई दिल्ली
भारत सरकार शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव करने जा रही है। अब स्कूली छात्र केवल कंप्यूटर ही नहीं, बल्कि 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस' (AI) की बारीकियों को भी विस्तार से समझेंगे। शिक्षा मंत्रालय ने हाल ही में लोक सभा में जानकारी दी है कि नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) ने कक्षा 11 और 12 के लिए AI के सिलेबस और किताबें तैयार करने के लिए एक स्पेशल टीम का गठन किया है।
यह कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 और नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (NCF-SE) 2023 के निर्देशों के तहत उठाया गया है। सरकार का लक्ष्य छात्रों को भविष्य की टेक्नोलॉजी के लिए पूरी तरह तैयार करना है।
कक्षा 6 से ही शुरू होगी AI की समझ
मंत्रालय ने बताया कि AI की पढ़ाई केवल उच्च माध्यमिक कक्षाओं तक सीमित नहीं रहेगी। कक्षा 6 की वोकेशनल एजुकेशन की किताबों में एनिमेशन और गेम्स से जुड़ा एक प्रोजेक्ट शामिल किया गया है। इस प्रोजेक्ट की खास बात यह है कि इसमें छात्रों को AI टूल्स का इस्तेमाल करना सिखाया जाएगा।
2026-27 से नया सिलेबस
भारत सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि कक्षा 3 से ही AI और 'कंप्यूटेशनल थिंकिंग' को सिलेबस का हिस्सा बनाया जाएगा। शैक्षणिक सत्र 2026-27 से देश के सभी स्कूलों में इसे लागू करने की योजना है। CBSE ने भी इसके लिए कक्षा 3 से 12 तक का एक ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। इसके तहत कक्षा 9 और 10 के छात्रों के लिए AI और कंप्यूटेशनल थिंकिंग को अनिवार्य विषय बनाया जा सकता है।
क्या है SOAR पहल?
डिजिटल सशक्तिकरण और 'विकसित भारत 2047' के सपने को साकार करने के लिए सरकार ने SOAR (Skilling for AI Readiness) नाम से एक राष्ट्रीय पहल शुरू की है। यह प्रोग्राम मुख्य रूप से कक्षा 6 से 12 तक के छात्रों और शिक्षकों के लिए है। SOAR का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि देश के हर कोने में, चाहे वह शहर हो या गांव, बच्चों को AI की समान शिक्षा मिले।
SOAR सिलेबस को चार मुख्य हिस्सों में बांटा गया है, जो नेशनल स्किल्स क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क (NSQF) पर आधारित हैं। छात्रों के लिए इसमें तीन मुख्य चरण होंगे-
AI to be Aware (AI के प्रति जागरूकता)
AI to Acquire (AI का ज्ञान प्राप्त करना)
AI to Aspire (AI के क्षेत्र में आगे बढ़ना)
ये तीनों मॉड्यूल 15-15 घंटों के होंगे, यानी कुल 45 घंटों की पढ़ाई में छात्र AI की बुनियादी और एडवांस समझ हासिल कर सकेंगे। सरकार की इस पहल से न केवल छात्र आधुनिक तकनीक में माहिर बनेंगे, बल्कि भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को भी नई मजबूती मिलेगी।




