गरियाबंद : मुख्यमंत्री सिरकट्टी में 7 जनवरी को करेंगे नवनिर्मित श्रीरामजानकी मंदिर में धर्मध्वजा की स्थापना

गरियाबंद : मुख्यमंत्री सिरकट्टी में 7 जनवरी को करेंगे नवनिर्मित श्रीरामजानकी मंदिर में धर्मध्वजा की स्थापना
गरियाबंद
चतुर्भुज सिरकट्टी पावन धाम स्थित नव निर्मित भव्य श्रीरामजानकी मंदिर में 51 कुंडीय श्रीराम चरित मानस महायज्ञ का भव्य आयोजन 6 से 12 जनवरी तक किया जा रहा है। इसी क्रम में 7 जनवरी को दोपहर 12 बजे धर्मध्वजा स्थापना एवं कलश पूजन का पावन कार्यक्रम आयोजित होगा, जिसमें मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होकर नवनिर्मित मंदिर में धर्मध्वज की स्थापना करेंगे।
कलेक्टर बीएस उईके, जिला पंचायत सीईओ प्रखर चंद्राकर, पुलिस अधीक्षक वेद व्रत सिरमौर ,अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जितेंद्र चंद्राकर, एसडीपीओ सुनिशा सिंहा जी ने कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण किया इस दौरान पार्किंग व्यवस्था, हेलीपेड निर्माण स्थल निरीक्षण एवं चयन, मेले की तैयारी,सुरक्षात्मक दृष्टि से दुकानों का आबंटन, आगंतुकों के आवाजाही का नियंत्रण, भंडारा, गौशाला सहित मंचीय स्थल का जायजा लिया ।
यह मंदिर हजारों श्रद्धालुओं के दान दाताओं के फल स्वरूप 10 सालों में निर्मित हुई है जो कि अयोध्या के राम मंदिर के तर्ज पर बनाया गया है जिसमें लगभग 9 करोड़ रु की लागत से राजस्थान के कारीगर तैयार किए है।
इस धार्मिक अनुष्ठान में अनेक आमंत्रित संत-महापुरुषों की गरिमामयी उपस्थिति रहेगी, जिनमें संत 108 रामगोपाल दास जी महाराज (देवरघटा, शिवरीनारायण), पूज्य संत 108 महंत सरजू शरण महाराज (राघवेन्द्र आश्रम, अयोध्या), पूज्य संत रामनारायण शरण महाराज (अयोध्या) तथा पूज्य संत उदयनाथ बाबा महाराज (कांडशर आश्रम, देवभोग) प्रमुख हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता उपमुख्यमंत्री अरुण साव करेंगे। वहीं आत्मीय अतिथि के रूप में मंत्री गुरु खुशवंत साहेब, महासमुंद लोकसभा सांसद श्रीमती रूपकुमारी चौधरी, राजिम विधायक रोहित साहू, जिला पंचायत अध्यक्ष गौरीशंकर कश्यप सहित अनेक जनप्रतिनिधि एवं पंचायत प्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे। आयोजनकर्ता एवं आश्रम के मुख्य पीठाधीश महामण्डलेश्वर संत गोवर्धन शरण व्यास, महंत सिरकट्टी आश्रम कुटेना एवं आश्रम परिवार हैं। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। आयोजकों ने क्षेत्रवासियों से इस पावन अवसर पर सपरिवार उपस्थित होकर धर्मलाभ ले सकते है।




