राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

खतरनाक स्तर से भी ज्यादा पहुंचा एयर क्वॉलिटी इंडेक्स

भोपाल

कोलार रेस्ट हाउस से गोल जोड़ तक बनाई जा रही 15 किमी लंबी सिक्सलेन रोड निर्माण में बरती जा रही लापरवाही से बढ़ते वायु प्रदूषण पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने जिम्मेदार महकमों से जवाब तलब किया है। दरअसल सड़क निर्माण ने स्थानीय रहवासियों की सेहत खराब कर दी है। लोग फेफड़ों और सांस संबंधी बीमारियों की गिरफ्त में आ गए हैं।

कोलार सिक्सलेन निर्माण के दौरान उड़ने वाली धूल की वजह से प्रदूषण खतरनाक स्तर से भी आगे निकल चुका है। यहां पिछले करीब पांच महीने से पीएम-10 की वेल्यू 250 से 270 और कभी-कभी इससे भी ज्यादा रिकार्ड हो रही है। इतने प्रदूषण में रोजाना पांच से दस मिनट रुकने वाला इंसान भी फेफड़ों और सांस संबंधी बीमारी की चपेट में आ सकता है। जबकि आसपास की आबादी इस प्रदूषण भरे माहौल में 24 घंटे रहती है।

 दायर की गई थी लेटर पिटीशन
बता दें कि इस मामले में एन्वायरमेंट एक्टीविस्ट नितिन सक्सेना ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में लेटर पिटीशन दायर की थी। 26 अक्टूबर को दायर याचिका पर एनजीटी ने संज्ञान लेते हुए शुक्रवार को इसकी सुनवाई की। एनजीटी ने सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता को सभी साक्ष्यों सहित पक्ष रखने को कहा था। सक्सेना ने सुनवाई के दौरान एनजीटी को बताया कि कोलार सिक्स लेन निर्माण के दौरान निर्माण एजेंसी लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) द्वारा घोर लापरवाही बरती जा रही है।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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