RO.NO. 13129/116
राजनीति

नीतीश के बयान से मुश्किल में गठबंधन I.N.D.I.A., एमपी-राजस्थान में भारी नुकसान, जानिए कैसे?

भोपाल

विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. को एकजुट करने वाले नीतीश कुमार अपने विवादित बयानों के लिए बिहार में घिर चुके हैं। बिहार के बाहर उन्होंने कांग्रेस के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है। चार राज्यों में बीजेपी ने नीतीश के बयान को उछालने की प्लानिंग की है। विधानसभा में नीतीश के सेक्स ज्ञान और दलित नेता जीतनराम मांझी का मुद्दा राजस्थान, बिहार, छत्तीसगढ़ समेत सभी चुनावी राज्यों में उठाने की तैयारी है।

कांग्रेस की मजबूरी है कि वह खुलकर न तो नीतीश कुमार का विरोध कर सकती है और न ही समर्थन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्यप्रदेश के दमोह और गुना रैली में नीतीश के बयान का जिक्र कर I.N.D.I.A. गठबंधन पर सवाल उठाए थे।

पीएम मोदी ने कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन को महिला विरोधी बयान के खिलाफ प्रतिक्रिया नहीं देने के लिए आलोचना भी की थी। इसके बाद विपक्षी दलों के एक-दो नेताओं ने नीतीश के बयान को जस्टिफाई करने की कोशिश की, मगर कांग्रेस के बड़े नेता अभी तक इस मुद्दे पर खामोश ही हैं।

स्मृति ईरानी ने गांधी परिवार की चुप्पी पर किए सवाल
मध्यप्रदेश में 17 नवंबर और राजस्थान में 23 नवंबर को वोटिंग होगी। नीतीश कुमार ने बीजेपी के हाथ में ठीक चुनाव से 7 दिन पहले अपने बयानों से हथियार थमा दिया है। हालांकि नीतीश कुमार अपने सेक्स ज्ञान के लिए विधानसभा में माफी मांग चुके हैं, मगर यह विवाद अभी थमा नहीं है। मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम अब केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने नीतीश के बहाने कांग्रेस को घेरा है। स्मृति ईरानी ने कहा कि नीतीश कुमार का बयान I.N.D.I.A. की बेशर्मी को दिखाता है।

उन्होंने भी कांग्रेस की चुप्पी पर सवाल उठाए और गांधी परिवार को भी लपेट लिया। मध्यप्रदेश में दो करोड़ 72 लाख यानी 49 फीसदी महिला वोटर हैं। राजस्थान में महिला सुरक्षा इस चुनाव का बड़ा मुद्दा पहले ही बन चुका है। इस राज्य में 2 करोड़ 51 लाख महिला वोटरों की तादाद है। अभी यह विवाद थमा भी नहीं कि नीतीश कुमार ने बिहार के दलित नेता जीतनराम मांझी का अपमान कर दिया।

कांग्रेस ने इस पर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। अब बीजेपी की ओर से यह सवाल बार-बार चुनावी राज्यों में दोहराए जाएंगे। कांग्रेस की मजबूरी है कि वह खुलकर नीतीश की आलोचना नहीं कर सकती। चुनाव से पहले महिला और दलित वोटरों की नाराजगी कांग्रेस को भारी पड़ सकती है। चुनावी राज्यों में नीतीश कुमार के पास खोने के लिए कुछ नहीं है।

नीतीश की बिगड़ती छवि का फायदा उठाने के मूड में कांग्रेस
पिछले दिनों नीतीश कुमार ने I.N.D.I.A. गठबंधन को लेकर भी अपनी नाराजगी जाहिर की थी। उन्होंने सार्वजनिक मंच से कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए कहा था कि विधानसभा चुनावों में व्यस्त कांग्रेस को I.N.D.I.A. गठबंधन के लिए फुर्सत नहीं है। I.N.D.I.A.गठबंधन में कोई काम नहीं हो रहा है। इससे पहले अखिलेश यादव भी मध्यप्रदेश में टिकट बंटवारे के मुद्दे पर खुलेआम कांग्रेस के खिलाफ नाराजगी जाहिर कर चुके हैं।

माना जा रहा है कि कांग्रेस नीतीश के फिसली जबान का इस्तेमाल गठबंधन में अपने प्रभाव को बढ़ाने के लिए कर सकती है। गठबंधन में कांग्रेस के नेतृत्व को सबसे अधिक चुनौती नीतीश कुमार से मिल रही थी। 18 साल के प्रशासनिक अनुभव के कारण जेडी यू के नेता उन्हें पीएम मैटेरियल बता रहे थे। मगर सेक्स ज्ञान और जीतनराम मांझी के लिए बोले गए अपशब्दों के कारण नीतीश के नेतृत्व पर सवाल उठने लगे हैं।

अब वह खुद विपक्षी गठबंधन में अलग-थलग पड़ सकते हैं। फिलहाल कांग्रेस की चुनौती बीजेपी के प्लानिंग से है, जो विधानसभा चुनावों में नीतीश कुमार के जरिये कांग्रेस को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश कर रही है।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.NO. 13129/116

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button