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व्यापार जगत

‘भारत टेक्स एक्सपो’ में उद्योग जगत की भागीदारी बढ़ाने के लिए रोड शो

'भारत टेक्स एक्सपो' में उद्योग जगत की भागीदारी बढ़ाने के लिए रोड शो

नई दिल्ली
 परिधान निर्यात परिषद (एईपीसी) भारत के सबसे बड़े कपड़ा एक्सपो में से एक में घरेलू कंपनियों की भागीदारी बढ़ाने के लिए देश में रोड शो आयोजित कर रहा है।

इस तरह का पहला रोड शो हाल ही में नोएडा में आयोजित किया गया था, जो परिधान उद्योग का एक प्रमुख केंद्र है। यहां से सालाना करीब 40,000 करोड़ रुपये के परिधान निर्यात किए जाते हैं।

'भारत टेक्स एक्सपो' 2024 का आयोजन सभी कपड़ा कंपनियों के एक संघ द्वारा किया जा रहा है। चार दिवसीय शो 26 फरवरी से राष्ट्रीय राजधानी के भारत मंडपम तथा यशोभूमि में आयोजित किया जाएगा।

एईपीसी के महासचिव मिथिलेश्वर ठाकुर ने कहा कि यह एक्सपो कपड़ा उद्योग का सबसे बड़ा शो होगा, जिसमें 3,500 से अधिक प्रदर्शक हिस्सा लेंगे। इसमें 3,000 से अधिक अंतरराष्ट्रीय खरीदारों और 40,000 घरेलू खरीदारों के भाग लेने की भी उम्मीद है।

अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए श्रीलंका को आईएमएफ से मिलेगी 33.7 करोड़ डॉलर की सहायता

कोलंबो
 आईएमएफ कार्यकारी बोर्ड ने श्रीलंका के साथ 48 महीने की विस्तारित कोष सुविधा के तहत पहली समीक्षा पूरी कर ली है। इससे नकदी संकट से जूझ रहे देश को व्यापक आर्थिक व ऋण स्थिरता बहाल करने के लिए करीब 33.7 करोड़ अमेरिकी डॉलर की सहायता दी जाएगी।

श्रीलंका के वरिष्ठ मिशन प्रमुख पीटर ब्रेउर ने इसकी घोषणा करते हुए बताया कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) द्वारा 2.9 अरब अमेरिकी डॉलर जारी करने की पहली समीक्षा को समाप्त करने के लिए चीन के साथ ऋण पुनर्गठन का कार्य अत्यंत गोपनीय आधार पर किया गया। श्रीलंका ने अपने कुल ऋण का 52 प्रतिशत हिस्सा चीन को देना है।

ब्रेउर ने मंगलवार को पत्रकारों से कहा, ‘‘सैद्धांतिक रूप से चीनी समझौता श्रीलंका की ऋण पुनर्गठन वार्ता के लिए बेहद अच्छी खबर है। हमने अधिकारियों द्वारा अत्यंत गोपनीय आधार पर साझा किए गए समझौते की प्रमुख वित्त शर्तों का सारांश देखा है।''

आईएमएफ ने  रात समीक्षा पूरी की और द्वीप राष्ट्र को 33.7 करोड़ अमेरिकी डॉलर की दूसरी किश्त जारी करने की मंजूरी दे दी। इससे चार साल की सुविधा में संवितरण मूल्य 67 करोड़ अमेरिकी डॉलर हो गया।

 

जीएसएमए भारत में 6 गीगाहर्ट्ज बैंड में चाहता है 5जी स्पेक्ट्रम का आवंटन

नई दिल्ली
 मोबाइल सेवाओं के लिए 6 गीगाहर्ट्ज बैंड के तहत 5जी स्पेक्ट्रम का आवंटन भारत के लिए फायदेमंद साबित होगा क्योंकि कई देश उसी रेंज में दूरसंचार स्पेक्ट्रम आवंटित करने पर जोर दे रहे हैं।

वैश्विक दूरसंचार उद्योग निकाय 'जीएसएमए' ने यह बात कही है।

केंद्रीय दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव को लिखे एक पत्र में जीएसएमए के महानिदेशक मैट्स ग्रैनरिड ने कहा कि 6 गीगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम मध्य-आवृत्ति रेंज में बचा हुआ रेडियोवेव्स का एकमात्र बड़ा ब्लॉक है और भारत को इसकी क्षमता से भी लाभ होगा।

दूरसंचार उद्योग ने कहा कि इस आवृत्ति में नेटवर्क लाने की लागत उच्च आवृत्ति बैंड में उपलब्ध 5जी के लिए उपयुक्त स्पेक्ट्रम के अगले सेट की तुलना में कम होगी।

मैट्स ग्रैनरिड ने दो दिसंबर को लिखे पत्र में कहा, ‘‘भारत के तेजी से डिजिटल अपनाने और 5जी सहित डिजिटल क्षेत्र में नेतृत्व को देखते हुए इस अतिरिक्त क्षमता से भारत को भी काफी लाभ होगा। इस डिजिटल नेतृत्व के लिए भारत को अग्रणी 5जी देशों के स्पेक्ट्रम खाके से मेल खाने की आवश्यकता है, जिसमें 6 गीगाहर्ट्ज क्षमता से मदद मिलेगी।''

जीएसएमए ने पिछले महीने वैष्णव को लिखे एक अन्य पत्र में कहा था कि 6 गीगाहर्ट्ज बैंड मिड-बैंड स्पेक्ट्रम का एकमात्र बड़ा ब्लॉक है जो सस्ती 5जी सेवाएं प्रदान कर सकता है।

वाईफाई सेवाएं प्रदान करने वाली कुछ कंपनियों ने वाईफाई सेवाओं के लिए 6 गीगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम आवंटित किए जाने की मांग की है।

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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