चरण दास महंत को कांग्रेस ने सौंपी छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की कमान
रायपुर.
छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने शनिवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता चरण दास महंत को विधायक दल का नेता चुन लिया। प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पांच बार के विधायक चरण दास महंत को छत्तीसगढ़ में कांग्रेस विधायक दल के नेता के रूप में नियुक्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि दीपक बैज छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बने रहेंगे।
सूबे के सबसे अनुभवी नेताओं में शुमार
69 वर्षीय चरण दास महंत छत्तीसगढ़ कांग्रेस के सबसे अनुभवी नेताओं में गिने जाते हैं। उन्होंने पिछली सरकार में विधानसभा अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाली थी। हाल में संपन्न विधानसभा चुनाव में चरण दास महंत ने भाजपा के खिलावन साहू को 12,395 मतों के अंतर से हराकर सक्ती सीट को बरकरार रखा है।
पिछली बार सीएम पद की रेस में भी शामिल
गौरतलब है कि साल 2018 में जब 15 साल बाद सूबे की सत्ता पर कांग्रेस की वापसी हुई थी तब ओबीसी समुदाय से आने वाले चरण दास महंत भी भूपेश बघेल, टीएस सिंहदेव और ताम्रध्वज साहू के साथ मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदारों में से एक थे। महंत अविभाजित मध्य प्रदेश में तीन बार विधायक चुने गए थे। उन्होंने मध्य प्रदेश सरकार में गृह और जनसंपर्क विभाग मंत्री (1995-1998) के रूप में कार्य किया है। वह छत्तीसगढ़ विधानसभा में दो बार 2018 और 2023 में चुने गए हैं।
बेहतरीन ट्रैक रिकॉर्ड और अनुभव
चरण दास महंत 1998, 1999 और 2009 में तीन बार लोकसभा के सदस्य के रूप में चुने जा चुके हैं। 2011 में उन्होंने मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संपग्र) सरकार में कृषि और खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री के रूप में काम किया। उन्होंने 2013 में लगभग छह महीने के लिए छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी संभाली थी। वह 2004 और 2013 के बीच कई बार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष रहे लेकिन 2008 और 2013 में हुए विधानसभा चुनावों में पार्टी को सत्ता में नहीं ला सके।
क्यों बाकी नेताओं पर पड़े भारी?
मालूम हो कि छत्तीसगढ़ में तीन नेताओं (भूपेश बघेल, चरण दास महंत और उमेश पटेल) को नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में गिना जा रहा था। सूत्रों की मानें तो भूपेश बघेल ने कुछ दिनों तक खुद को जिम्मेदारियों से अलग रखने का फैसला किया था। ऐसे में कांग्रेस के पास चरण दास महंत से बेहतर दूसरा विकल्प उपलब्ध नहीं था। डॉ. चरण दास महंत को कांग्रेस के मिलनसार, सहज और मृदुभाषी नेताओं में गिना जाता है। उन्हें गांधी परिवार का विश्वासपात्र माना जाता है।