‘राहुल गांधी साबित करें कि वह हिंदुओं और हिंदी भाषी राज्यों के खिलाफ नहीं’, बीआरएस नेता कविता की चुनौती
नई दिल्ली- डीएमके सांसद दयानिधि मारन के ‘हिंदी भाषी’ वाले आपत्तिजनक बयान पर हंगामा मचा हुआ है। बीआरएस नेता के कविता ने इसे लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा है। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा महज पीआर स्टंट है। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि राहुल साबित करें कि वह हिंदुओं और हिंदी भाषी राज्यों के खिलाफ नहीं हैं। कविता ने राहुल से डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन की ओर से सनातन धर्म पर की गई टिप्पणी पर भी बयान देने की मांग की। मालूम हो कि कांग्रेस और डीएमके विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया में सहयोगी हैं।
कविता ने कहा, ‘यह किसी पार्टी विशेष के विचारों को लेकर नहीं है। बड़ी बात यह है कि इस तरह के बयान हमारे राष्ट्र के ताने-बाने को बिगाड़ने वाले हैं और यह भी देखना चाहिए कि पार्टी विशेष किस गठबंधन का हिस्सा है। यह इंडिया गुट का हिस्सा है, जिसका नेतृत्व राहुल गांधी की कांग्रेस की ओर से किया जा रहा है।’ उन्होंने कहा कि राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा को लेकर बहुत सारे बयान देते हैं। वह देश को एकजुट करने की कोशिश के बारे में बात करते हैं। अब तो यह सब पीआर स्टंट की तरह लग रहा है क्योंकि उन्हें उस वक्त खड़ा होना चाहिए था और बोलना चाहिए था… जब सनातन धर्म पर टिप्पणी की गई और जिसने हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाई।
गौरतलब है कि दयानिधि मारन के तमिल में दिए हालिया भाषण को लेकर यह राजनीतिक बवाल खड़ा हआ। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने अंग्रेजी शिक्षा के महत्व पर जोर दिया था। उन्होंने दावा किया कि जो लोग अंग्रेजी में दक्षता हासिल कर लेते हैं, उन्हें बिहार और उत्तर प्रदेश के निवासियों के उलट आईटी सेक्टर में सम्मानजनक नौकरियां मिलती हैं। उन्होंने कहा, ‘बिहार और उत्तर प्रदेश के लोग केवल हिंदी जानते हैं और वे शौचालयों और सड़कों की सफाई व निर्माण श्रमिक के रूप में काम करते है। वे इसी लिए तमिलनाडु जैसे समृद्ध राज्यों की ओर आते हैं।’ बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी इस बयान को लेकर मारन की आलोचना की। तेजस्वी ने कहा कि उनकी पार्टी राजद की तरह डीएमके भी ऐसी पार्टी है जो सामाजिक न्याय में विश्वास करती है और ऐसी पार्टी के नेता के लिए इस तरह की टिप्पणी करना अशोभनीय है।