RO.NO. 13207/103
राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

बांस मिशन: घरेलू उपयोग से लेकर बिल्डिंग निर्माण में हो रहा उपयोग

भोपाल

आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की अवधारणा को धरातल पर उतारने के  लिए वन विभाग इन दिनों मैदानी स्तर पर सक्रिय हो गया है। सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगने के बाद बांस मिशन  बांस से निर्मित वस्तुओं की ज्यादा से ज्यादा उपयोग में लाने के लिए लोगों को जहां जागरूक कर रहा है तो वहीं बांस की खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रोत्साहित भी कर रहा है।

वन विभाग के डेवलपमेंट शाखा के अधिकारी उत्तम कुमार सद्बुद्धि ने बताया कि  बालाघाट जिले में स्थित बैहर सामान्य सुविधा केंद्र में बांस निर्मित दो दर्जन से ज्यादा वस्तुए निर्मित हो रही हैं और सैकड़ों लोगों को सीधे तौर पर रोजगार मुहैया हो रहा है। बांस मिशन के धरातल पर उतरने से पहले यह सेंटर बंद होने के कगार पर था। प्रदेश के भोपाल, हरदा, बालाघाट, सतना, छिंदवाड़ा , नरसिंहपुर और सिवनी में बांस से निर्मित वस्तुओं की बिक्री के लिए शोरूम खोला गया हैं। विभाग के अधिकारी और कर्मचारी मैदान में उतरकर लोगों से लगातार बांस से निर्मित वस्तुओं का प्रयोग करने की अपील कर रहे है।

बांस से निर्मित वस्तुओं की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अब लोग घरेलू उपयोग में आने वाली वस्तुओं से लेकर बिल्ंिडग निर्माण में भी बांस से निर्मित चादरों का उपयोग करना शुरू कर दिए है। छत की ढलाई में पहले जहां लोग सीमेंट की चादरों का प्रयोग करते थे लेकिन जागरूक लोग बांसों के चादरों का आसानी से उपयोग कर रहे हैं। बांस मिशन से जुड़े लोगों ने बताया कि लोगों में सबसे ज्यादा डिमांड बोतल, और फर्नीचर की हो रही है।

नोडल एजेंसी की भूमिका में वन विभाग
बांस की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र सरकार जहां साठ फीसदी तो वहीं राज्य सरकार 40 फीसदी का आर्थिक सहयोग करती हैं। वन विभाग की भूमिका बतौर  नोडल एजेंसी की है। बांस से निर्मित वस्तुओं के प्रति जिस तरह से लोगों का रूझान बढ़ रहा है उसकों देखते हुए वन विभाग अधिक से अधिक किसानों को बांस की खेती करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.NO. 13207/103

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button