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बिहार में बीजेपी के ‘ऑपरेशन लोटस’ के जवाब में लालू यादव का ‘प्लान लालटेन’

पटना-बिहार में फ्लोर टेस्ट के दिन यानी 12 फरवरी 2024 को एनडीए ने राजद के तीन विधायकों को कथित तौर पर तोड़ तो लिया। लेकिन उसके अपने घर में भी सेंध लग चुकी थी। लेकिन अचानक से इसकी जानकारी मिलते ही जदयू और बीजेपी के बड़े नेता हरकत में आ गए। कहा जा रहा है कि इसी के बाद ‘ऑपरेशन लोटस’ शुरू हुआ। इस ऑपरेशन में पहले अपना घर बचाना प्राथमिकता में था। इसीलिए JDU विधायक डॉ संजीव कुमार को सबसे पहले डिटेन किया गया। इसके बाद कथित तौर पर उनकी अगुवाई में बगावत करने वाली बीमा भारती, दिलीप राय और बीजेपी की भगीरथी देवी, रश्मि वर्मा और मिश्रीलाल यादव को विधानसभा में बीजेपी का समर्थन करने पर मजबूर कर दिया।

‘ऑपरेशन लोटस’ की इनसाइड स्टोरी
फ्लोर टेस्ट से ठीक दो रातें पहले जदयू और बीजेपी खेमे को ये पता चल गया कि उनके विधायकों को तोड़ने की कोशिश की जा रही है। ये भी जानकारी आ गई कि वो कौन-कौन से विधायक हैं जो फ्लोर टेस्ट में एनडीए को दगा दे सकते हैं। इसके बाद सीएम नीतीश कुमार और सम्राट चौधरी, दोनों ने खुद ही मोर्चा संभाल लिया। इसके बाद डैमेज कंट्रोल के लिए बीजेपी और जदयू ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी। 12 फरवरी के दिन विधानसभा में जो हुआ उससे ये साफ हो गया कि आखिर में नीतीश कुमार इस ऑपरेशन में कामयाब रहे।

लालू का प्लान लालटेन क्या है?
15 फरवरी को राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का सीएम नीतीश से आमने-सामने मिलना और 16 फरवरी को ये कहना कि नीतीश के लिए उनके दरवाजे खुले हैं। इन दो बातों से ऑपरेशन लालटेन की हल्की झलक आपको मिल गई होगी। लेकिन कहते हैं कि राजनीति में जो दिखता है वो होता नहीं है। दरअसल तेजस्वी यादव अपने विधायकों की टूट के बाद अंदर से बेहद ही बौखलाए हुए हैं। लेकिन उनके साथ राजनीति के अनुभवी पिता लालू प्रसाद यादव हैं। माना जा रहा है कि लालू यादव नीतीश को उन्हीं के स्टाइल में पटखनी देने की सोच रहे हैं। इसलिए मुस्कान और दावे के जरिए बीजेपी को असहज करने की कोशिश की जा रही है।

सम्राट ने कहा- नीतीश को फैसला करना है
इसी पर जब उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि फैसला तो नीतीश को करना है। लेकिन जदयू के सूत्रों ने हमें जानकारी दी है कि नीतीश राजद से बुरी तरह से नाराज हैं, इसीलिए अब तो वापस लौटने का सवाल ही पैदा नहीं होता। इसकी वजह ये है कि आज से पहले जदयू के सामने पार्टी के इस तरह से टूटने की नौबत कभी नहीं आई थी। सूत्रों के अनुसार अगर आखिर वक्त में नीतीश को ये अहसास हो जाता कि एनडीए विधायकों का पाला बदलना तय है तो वो इस्तीफा ही दे देते।

अब सवाल ये कि प्लान लालटेन के जरिए लालू क्या करना चाहते हैं
सियासी गलियारे में इस बात की चर्चा भी तेज है कि नीतीश के इन तीन बार पाला बदल को देखते हुए राजद ने आस नहीं छोड़ी है। आरजेडी को अभी भी नीतीश कुमार के फिर से पाला बदलने की उम्मीद है। इसीलिए उन पर सीधे हमले से बचा जा रहा है। यही राजद का प्लान लालटेन है। अगर गोटी फिट बैठ गई तो ठीक, नहीं फिट बैठी तो नीतीश कुमार पर इस लोकसभा चुनाव में राजद चुन-चुन कर सियासी हमले करेगा।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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