विभागाध्यक्ष डॉ. राजेंद्र कुमार चौबे को सेवानिवृत्ति पर दी गयी भावभीनी विदाई

दुर्ग-शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय दुर्ग में समाजशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. राजेंद्र कुमार चौबे के सेवानिवृत्ति के अवसर पर विदाई समारोह का आयोजन किया गया | इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य एम. के. सिद्दीकी तथा अन्य सभी विभाग के प्राध्यापक शामिल हुए। जिसमें समाजशास्त्र विभाग से डॉ. सपना शर्मा सारस्वत, डॉ. एलिजाबेथ भगत डॉ. रीना ताम्रकार, शालिनी मेश्राम एवं समाजशास्त्र विभाग के सभी विद्यार्थी शामिल हुए। प्राचार्य एम. के. सिद्दीकी ने बताया कि डॉ.राजेंद्र कुमार चौबे ने निजी तथा औपचारिक जीवन में सदा उनके सहयोगी की भूमिका निभाई। राजनीतिशास्त्र के प्राध्यापक डॉ.शकील हुसैन ने बताया कि डॉ.चौबे को न केवल समाजशास्त्र अपितु अन्य विषयों में भी इतनी पकड़ है कि उनसे किसी भी विषय पर चर्चा की जा सकती है | इसी प्रकार कॉमर्स विभाग के वरिष्ठ प्राध्यापक एस.एन. झा ने अपने एवं डॉ.चौबे की निजी जीवन के पहलुओं से अवगत कराया। समाजशास्त्र विभाग की सहायक प्राध्यापक डॉ.सपना शर्मा सारस्वत ने बताया कि समाजशास्त्र विभाग की प्रगति में डॉ. चौबे का अहम योगदान है तथा उनका व्यक्तित्व अत्यंत सरल एवं सहज है।
इसी प्रकार सहायक पर अध्यापक डॉ. एलिजाबेथ भगत ने बताया कि डॉ. चौबे केवल महाविद्यालय के कार्यों से औपचारिक रूप से सेवानिवृत हुए हैं वह हमारे साथ हमेशा शामिल रहेंगे। कार्यक्रम में सरस्वती वंदना की प्रस्तुति एम.ए.द्वितीय सेमेस्टर की छात्राएं नागेश्वरी पटेल, फिजा शेख, लक्ष्मी साहू एवं वेदिका राजपूत ने किया।
राजकीय गीत अरपा पैरी के धार की प्रस्तुति करने वाले छात्र-छात्राएं द्वितीय सेमेस्टर से देव कुमार, ओमकार, डेमेन्द्र, कोमल साहू, विमल देशमुख, भुनेश साहू, फिजा शेख, लक्ष्मी साहू, वेदिका राजपूत, नागेश्वरी साहू।
कार्यक्रम का संचालन एम.ए. द्वितीय सेमेस्टर के छात्र ओमकार तथा गुलशन साहू द्वारा किया गया तथा समाजशास्त्र विभाग की एम.ए. द्वितीय सेमेस्टर की छात्रा फिजा शेख ने डॉ. चौबे के विद्यार्थियों के प्रति लगाव, उनके द्वारा विद्यार्थियों को दिए गए मार्गदर्शन एवं व्यक्तित्व को कविता के माध्यम से प्रस्तुत करते हुए उनका आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम के समापन में डॉ. चौबे ने कहा कि वह स्वयं भी इसी महाविद्यालय के छात्र रह चुके हैं तथा उन्हें इस महाविद्यालय से अत्यधिक लगाव है उन्होंने बताया कि उनके व्यक्तित्व के विकास में महाविद्यालय का बहुत बड़ा योगदान रहा है। तथा उन्होंने विद्यार्थियों को मार्गदर्शन के रूप में बताया कि वह न केवल स्वयं के द्वारा चयनित विषय का बल्कि अन्य विषयों का भी ज्ञान प्राप्त करें। तथा प्रतिदिन समाचार पत्र पढ़ने की आदत डालें, उन्होंने कहा कि वे सेवानिवृत्ति के बाद भी विद्यार्थियों एवं महाविद्यालय के कार्यों के प्रति सदैव सहयोग देते रहेंगे। धन्यवाद ज्ञापन डॉक्टर सपना शर्मा सारस्वत द्वारा किया गया।