RO.No. 13028/ 149
राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ से पहले मोहन सरकार क्षिप्रा नदी को निर्मल बनाएगी: मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव

भोपाल
वर्ष 2028 में उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ से पहले मोहन सरकार क्षिप्रा नदी को निर्मल बनाएगी। मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने इसके लिए प्राधिकरण गठित करने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद प्राधिकरण के गठन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसका नाम क्षिप्रा नदी कछार प्राधिकरण होगा तथा इसे मध्य प्रदेश सोसाइटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1973 के तहत पंजीकृत कराया जाएगा। इसके लिए नियमों का प्रारूप भी तैयार कर लिया गया है।

इसे जल्द मंजूरी दी जाएगी। ये नियम प्राधिकरण से संबद्ध समस्त इकाइयों और गतिविधियों पर लागू होंगे। क्षिप्रा के जल को पीने और आचमन योग्य बनाया जाएगा। नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत केंद्र सरकार से क्षिप्रा शुद्धीकरण के लिए आवश्यक बजट की मांग की जा रही है। इंदौर में क्षिप्रा नदी में नालों का गंदा पानी रोकने के लिए नौ स्टाप डैम भी बनाए जाएंगे। जहां-जहां संत रहते हैं उन घाटों का विस्तार प्राथमिकता से किया जाएगा। सिंहस्थ की योजना बनाने में साधु-संतों का परामर्श भी लिया जाएगा। प्राधिकरण कछार अंतर्गत नदी-नालों के दूषित जल को क्षिप्रा नदी से जोड़ने के पूर्व साफ करते हुए अविरल प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए मार्गदर्शन एवं संबंधित कार्यक्रमों को देखेगा। वित्तीय सहायता सहित अतिरिक्त संसाधनों की व्यवस्था करेगा। राज्य स्तरीय, राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण और शोध संस्थाओं से समन्वय कर नदी संरक्षण संबंधित प्रशिक्षण एवं शोध की व्यवस्था करेगा।

राज्य स्तर पर शीर्ष संस्था के रूप में कार्य करेगा प्राधिकरण
प्राधिकरण क्षिप्रा नदी कछार अंतर्गत निर्मल एवं अविरल प्रवाह सुनिश्चित करने के उद्देश्य से निर्माण संबंधित कार्यक्रमों के लिए समन्वित कार्य योजना बनाएगा। प्राधिकरण इनके क्रियान्वयन से संबंधित नीतिगत निर्णयों के लिए राज्य स्तर पर शीर्ष संस्था के रूप में कार्य करेगा। प्राधिकरण की साधारण सभा का एक सभापति एवं उपसभापति होगा।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.No. 13028/ 149

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button