प्रदेश में बन रही थी नई सरकार, अंबाला में गोलगप्पे और आलू टिक्की खा रहे थे अनिल विज?
अंबाला
हरियाणा में सत्ता का उलटफेर हो गया है. मंगलवार दोपहर मनोहर लाल खट्टर ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया और शाम को नए सीएम के तौर पर नायब सिंह सैनी ने शपथ ली है. इस पूरे घटनाक्रम के दरम्यान बीजेपी के दिग्गज नेता और पूर्व गृह मंत्री अनिल विज की नाराजगी की खबरें भी सामने आईं. खुद खट्टर ने कहा कि उनका (विज) ऐसा स्वभाव है. वे 1990 से जानते हैं. लेकिन उनको मनाएंगे. दूसरी तरफ अनिल विज को अपने गृह नगर अंबाला में गोलगप्पे और आलू टिक्की खाते देखा गया है.
जानकारी के मुताबिक, मंगलवार शाम जब चंडीगढ़ में नई सरकार बन रही थी और सीएम समेत मंत्री शपथ ले रहे थे, उस समय अनिल विज की हरियाणा के अंबाला में मौजूदगी थी और वे वहां गोलगप्पे और आलू टिक्की खा रहे थे. विज का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वे अपने समर्थकों और सुरक्षाकर्मियों के साथ गोलगप्पे खिलाने वाले की दुकान पर पहुंचते हैं. वहां लोगों से मुलाकात करते हैं और हंसी-ढिढ़ोली होने लगती है. उसके बाद विज प्लेट में गोलगप्पे खाते हैं. बाद में आलू टिक्की खाते हैं और टेस्ट की तारीफ भी करते हैं.
खट्टर ने क्या कहा था?
मंगलवार को अनिल विज के नाराज होकर मीटिंग छोड़कर जाने के सवाल पर पूर्व सीएम खट्टर ने जवाब दिया था. खट्टर ने कहा था, मैं अनिल विज को 1990 से जानता हूं. वो कभी नाराज हो जाते हैं और फिर खुद से मान भी जाते हैं. जल्दी नाराज हो जाते हैं लेकिन जल्दी मान भी हो जाते हैं. उनका स्वभाव है. पहले भी ऐसे मामले आए हैं. वे परेशान हैं लेकिन हम उनसे बात कर रहे हैं. हमारे नए मुख्यमंत्री भी उनसे बात करेंगे. कैबिनेट में उनका भी नाम है, लेकिन उन्होंने कहा कि अब मेरा मन नहीं है. अब उनका मन नहीं है तो कोई दबाव देकर काम कैसे करवाए. आगे फिर उनसे बात करेंगे.
अलायंस टूटने पर क्या बोले खट्टर?
खट्टर का कहना था, 2019 के चुनाव में हरियाणा की सभी 10 सीटें बीजेपी ने जीती थीं. जेजेपी नेताओं ने केंद्रीय नेतृत्व से बात की होगी. आधिकारिक तौर पर कुछ भी नहीं है लेकिन उन्होंने (जेजेपी) फैसला कर लिया है कि वे लोकसभा सीटें अलग से लड़ेंगे और उसके बाद आगे निर्णय किए गए हैं.
हरियाणा में सैनी बने नए मुख्यमंत्री
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और कुरुक्षेत्र से सांसद नायब सिंह सैनी ने मंगलवार शाम हरियाणा के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. उनके साथ पांच मंत्रियों ने भी शपथ ली है. सैनी ने फ्लोर पर बहुमत साबित करने के लिए राज्यपाल से बुधवार को विधानसभा सत्र बुलाने के लिए कहा है. सैनी ने कहा, हमने राज्यपाल को 48 विधायकों के समर्थन का पत्र सौंपा है और उनसे बुधवार को विधानसभा सत्र बुलाने को कहा है ताकि बीजेपी सरकार सदन में अपना बहुमत साबित कर सके. इससे पहले खट्टर ने अपने कैबिनेट मंत्रियों के साथ अचानक इस्तीफा दे दिया था. उसके कुछ घंटे बाद सैनी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.
विज को नहीं मिली सैनी कैबिनेट में जगह?
इससे पहले दिन में पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षकों की टीम चंडीगढ़ पहुंची तो खट्टर और उनकी मंत्रिपरिषद के सभी 13 अन्य सदस्यों ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया था. सैनी कैबिनेट में जिन पांच विधायकों ने शपथ ली है, उनमें चार बीजेपी और एक निर्दलीय है. हालांकि, पूर्व गृह मंत्री और अंबाला कैंट से छह बार के विधायक अनिल विज को नए मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है.
'बीजेपी के 41 विधायक, निर्दलियों का भी समर्थन'
बता दें कि 90 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी के 41 सदस्य हैं और उसे सात में से छह निर्दलीय विधायकों के साथ-साथ हरियाणा लोकहित पार्टी के एकमात्र विधायक गोपाल कांडा का भी समर्थन प्राप्त है. सदन में जेजेपी के 10 विधायक हैं. मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के पास 30 विधायक हैं. जबकि इंडियन नेशनल लोकदल के पास एक विधायक है. लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे को लेकर मतभेद के बीच जेजेपी के साथ बीजेपी का गठबंधन लगभग टूट गया है.