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लद्दाख में 298 किलोमीटर लंबी निमू-पदम-दरचा सड़क पर संपर्क बनाने के साथ, सीमा सड़क संगठन ने उपलब्धि हासिल की

नई दिल्ली
लद्दाख में 298 किलोमीटर लंबी निमू-पदम-दरचा सड़क पर संपर्क बनाने के साथ, सीमा सड़क संगठन (BRO) ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। मौजूदा मनाली-लेह और श्रीनगर-लेह मार्गों के अलावा, यह सड़क रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र के जरिए तीसरे रास्ते के रूप में काम करेगी। इससे ठंड के महीनों में हवाई मार्ग पर निर्भरता कम होगी और सेना के जवानों की आवाजाही में सुविधा होगी।

निमू, पदम और दरचा को जोड़ने वाली सड़क पर सिर्फ एक ही दर्रा है, शिंगुण ला। यह 16,558 फीट ऊंचा है। इसका मतलब है कि सड़क तेज और ज्यादा प्रभावी है। शिंगुण ला पर सुरंग निर्माण शुरू होने का एलान लद्दाख को हर मौसम में पहुंच प्रदान करने के लिए समर्पण का एक और सबूत है। रक्षा मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, "निमू-पदम-दरचा सड़क अपना रणनीतिक महत्व इस तथ्य से हासिल करती है कि यह न सिर्फ अन्य दो रास्तों की तुलना में कम दूरी तय करती है। बल्कि सिर्फ एक दर्रे को पार करती है; शिंगुण ला (16,558 फीट) जिस पर सीमा सड़क संगठन द्वारा जल्द ही सुरंग का काम शुरू होने वाला है।" कारगिल-लेह हाईवे के हिस्से के तौर पर, यह सड़क दरचा और निमू से होकर गुजरेगी, जिससे हर मौसम में लेह पहुंचा जा सकता है। यह सड़क लेह-श्रीनगर हाईवे पर लेह से 35 किलोमीटर पहले, निमो से शुरू होती है। निमू-पदम-दरचा सड़क कारगिल-लेह हाईवे पर दरचा और निमू के रास्ते मनाली को लेह से जोड़ती है।
 
सड़क का निर्माण जम चुके जंस्कर के साथ किया गया
सीमा सड़क महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवासन ने कहा कि जनवरी में, जब जंस्कर नदी जमी हुई थी। तब उपकरण और कर्मियों को जुटा लिया गया था और संपर्क स्थापित करने का काम पूरा कर लिया गया था। उन्होंने विश्वास जताया कि सड़क को काले करने का काम जल्द ही शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि शिंगुण ला सुरंग निर्माण शुरू होने के साथ, लद्दाख के लिए हर मौसम में तीसरा रास्ता स्थापित हो जाएगा।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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