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DD का Logo केसरिया हुआ तो छिड़ा विवाद, ‘प्रसार भारती नहीं, यह प्रचार भारती हो गई…’

नई दिल्ली

पब्लिक ब्रॉडकास्टर दूरदर्शन ने अपने ऐतिहासिक लोगो का रंग लाल से बदलकर केसरिया कर दिया है. इस सबंध में डीडी न्यूज के आधिकारिक एक्स हैंडल से घोषणा की गई, जिसमें एक पोस्ट में कहा गया था, 'हालांकि हमारे मूल्य वही हैं, हम अब एक नए अवतार में उपलब्ध हैं. एक ऐसी समाचार यात्रा के लिए तैयार हो जाइए जो पहले कभी नहीं देखी गई… बिल्कुल नए डीडी न्यूज का अनुभव करें.' हालांकि, विपक्ष इस बदलाव से नाराज दिख रहा है.

तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और प्रसार भारती (डीडी, एआईआर) के पूर्व सीईओ, जवाहर सरकार ने लोगो बदले की आलोचना करते हुए इसे 'दूरदर्शन का भगवाकरण' बताया. उन्होंने एक्स पर लिखा, 'राष्ट्रीय प्रसारक दूरदर्शन ने अपने ऐतिहासिक फ्लैगशिप लोगो को भगवा रंग में रंग दिया है! इसके पूर्व सीईओ के रूप में, मैं इसके भगवाकरण को चिंता के साथ देख रहा हूं और महसूस कर रहा हूं- यह अब प्रसार भारती नहीं है, यह प्रचार भारती है.'

'संस्थानों पर कब्जे का प्रयास कर रही यह सरकार'

कांग्रेस के मनीष तिवारी ने आरोप लगाया कि दूरदर्शन के लोगो का रंग बदलना सरकारी संस्थानों पर कब्जा करने का सरकार का प्रयास है. बता दें कि वह यूपीए सरकार के दौरान 2012 से 2014 तक केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री रहे हैं. आजतक के साथ विशेष बातचीत में मनीष तिवारी ने कहा, 'यह सरकार की ओर से भगवावाद और सरकारी संस्थानों पर कब्जा करने का एक प्रयास है. उक्त कदम स्पष्ट रूप से भारत के पब्लिक ब्रॉडकास्टर की तटस्थता और विश्वसनीयता को कमजोर करता है.'

बीजेपी के आंध्र प्रदेश राज्य उपाध्यक्ष ने कहा, 'जब दूरदर्शन 1959 में लॉन्च किया गया था, तो इसका लोगो भगवा था. सरकार ने मूल लोगो को ही अपनाया है, तो लिबरल्स और कांग्रेस नाराजगी जता रहे हैं. यह स्पष्ट करता है कि वे भगवा और हिंदुओं के प्रति घृणा रखते हैं.' उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने विपक्षी नेताओं पर पलटवार करते हुए कहा, 'भगवा से इतनी नफरत है इन लोगों को… भगवा रंग का आनंद ये लोग नहीं ले सकते… ये लोग सिर्फ तुष्टिकरण करने वाले लोग है.'

'विजुअल एस्थेटिक को ध्यान में रखकर हुआ बदलाव'

दूरदर्शन के कदम का बचाव करते हुए प्रसार भारती के सीईओ गौरव द्विवेदी ने कहा 'नारंगी रंग का नया लोगो देखने में आकर्षक है और यह बदलाव विजुअल एस्थेटिक को ध्यान में रखते हुए किया गया है. लोगो का रंग नारंगी है न कि भगवा. उन्होंने कहा, 'सिर्फ लोगो में ही बदलाव नहीं हुआ है, बल्कि हमने डीडी के पूरे लुक और फील को अपग्रेड किया गया है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोग इस बारे में अर्नगल टिप्पणी कर रहे हैं. हम पिछले छह-आठ महीने डीडी के लुक और फील को बदलने पर काम कर रहे थे.' इस बीच, प्रसार भारती के सूत्रों ने आजतक को बताया कि नए लोगो को बीजेपी से जुड़े रंग के रूप में देखना 'गलत' है. उन्होंने कहा, 'पिछले कुछ वर्षों में दूरदर्शन ने अपने लोगो का रंग बदलकर नीला, पीला और लाल किया है. हालांकि, लोगो में कोई बदलाव नहीं हुआ है. दो पंखुड़ियां और उनके बीच में ग्लोब पहले की तरह ही बने हुए हैं.'

लोगो बदला और शुरू हो गई चर्चा
डीडी का लोगो बदलने के बाद लोगों के साथ विपक्ष के रिएक्शन भी सामने आने लगे। टीएसी के राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार ने इसपर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि दूरदर्शन ने अपने ऐतिहासिक फ्लैगशिप लोगो को भगवा रंग में रंग दिया है। पूर्व सीईओ के रूप में इसके भगवाकरण को चिंता के साथ देख रहा हूं। यह भी महसूस कर रहा हूं कि यह अब प्रसार भारती नहीं बचा है, बल्कि यह प्रचार भारती है। बता दें कि जवाहर सरकार 2012 से 2014 के बीच प्रसार भारती के सीईओ थे। वहीं विपक्ष के एक और नेता ने कहा कि मुझे तो डर है कि कहीं कल को तिरंगे झंडे का रंग भी न बदल दिया जाए और उसे भगवा कर दिया जाए। बीजेपी ने इसपर सफाई देते हुए कहा कि हमारे राष्ट्रीय ध्वज का एख रंग भी तो केसरिया है।

किसी ने जताई खुशी तो कोई निराश
सोशल मीडिया पर भी तरह-तरह के रिएक्शन्स आ रहे हैं। अफलातून नामक यूजर ने लिखा कि डीडी को चुनाव के बीच में अपना नया लोगो मिल गया। लाल रंग को केसरिया ने रिप्लेस कर दिया है। उन्होंने आगे कहा कि हालांकि डीडी का भगवाकरण तो काफी पहले हो गया था। एक यूजर ने लिखा कि डीडी न्यूज का लोगो लाल से भगवा रंग में बदल दिया गया है। हालांकि, यह पहला डीडी चैनल नहीं है जिसका रंग भगवा हुआ है। जी20 से पहले डीडी इंडिया को भगवा कर दिया गया था और पिछले साल डीडी नेशनल को भगवा और नीला कर दिया गया था। लेखिका राणा आयूब ने लिखा कि सबसे बुरी बात ये है कि अब इन सब बातों से किसी को कोई हैरानी नहीं होती। सोशल मीडिया पर कई लोगों के इसके पक्ष में तो कई के इसके खिलाफ मत रहे।

दूरदर्शन का इतिहास

दूरदर्शन को पहली बार पब्लिक ब्रॉडकास्टिंग सर्विस के रूप में 15 सितंबर, 1959 को प्रसारित किया गया था. यह 1965 में सुबह और शाम के शो के दैनिक प्रसारण के साथ एक ब्रॉडकास्टर बन गया, जिसका ट्रांसमिशन दिल्ली में हुआ. डीडी की सर्विस 1975 तक मुंबई, अमृतसर और अन्य शहरों तक बढ़ा दी गई. 1 अप्रैल 1976 को यह सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधीन आ गया और 1982 में राष्ट्रीय प्रसारक बन गया. बाद में, 1984 में, डीडी ने अपने नेटवर्क के अंतर्गत और अधिक चैनल जोड़े. वर्तमान में, दूरदर्शन छह राष्ट्रीय और 17 क्षेत्रीय चैनल संचालित करता है.

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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